IPL 2025 : यह मामला एक तकनीकी नवाचार और ट्रेडमार्क उल्लंघन के टकराव का उदाहरण है, जो अब एक कानूनी विवाद में बदल गया है। चलिए इसे बिंदुवार तरीके से समझते हैं। बीसीसीआई ने आईपीएल 2025 में एक हाई-टेक रोबोट डॉग “चंपक” का इस्तेमाल शुरू किया है। यह डॉग टॉस, खिलाड़ियों की वॉर्मअप कवरेज, डाटा कलेक्शन और सोशल मीडिया शेयरिंग जैसे काम करता है। “चंपक” नाम पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है, क्योंकि यह नाम पहले से ही एक लोकप्रिय बच्चों की पत्रिका का ट्रेडमार्क है।
कानूनी आधार क्या है?
“चंपक” एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है। ट्रेडमार्क अधिनियम 1999 के तहत, किसी पंजीकृत ब्रांड या नाम का व्यवसायिक उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता, भले ही उसका क्षेत्र (साहित्य बनाम तकनीक) अलग हो। मैग्जीन के मालिकों ने ब्रांड कंफ्यूजन और प्रतिष्ठा को नुकसान का आरोप लगाया है।
रोबोट डॉग चंपक की खूबियाँ क्यों चर्चा में हैं?
मल्टी-कैमरा व्यू, प्लेयर ट्रैकिंग, डेटा विश्लेषण, सोशल मीडिया इंटीग्रेशन और आॅटोचार्जिंग जैसी तकनीकें इसे अद्वितीय बनाती हैं। यह मैच ब्रेक्स में इंटरैक्शन और ड्रिंक्स डिलीवरी जैसे काम भी करता है। जो दर्शकों और ब्रांडिंग दोनों के लिए आकर्षक है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई 2025 को है। बीसीसीआई को चार हफ्तों के भीतर लिखित जवाब देना होगा। बीसीसीआई चाहे तो रोबोट का नाम बदल सकती है ताकि विवाद खत्म हो। लाइसेंसिंग समझौता चंपक ब्रांड से बीसीसीआई को अधिकारिक इजाजत मिल सकती है नाम उपयोग करने की। कानूनी लड़ाई अगर बीसीसीआई मानती है कि नाम का उपयोग अलग उद्योग में है तो वह केस लड़ सकती है। IPL 2025
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