Sunday, 16 March 2025

चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, चार मरे 50 को सेना ने बचाया

Major Accident : उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया, जब सीमा सड़क…

चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, चार मरे 50 को सेना ने बचाया

Major Accident : उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया, जब सीमा सड़क संगठन के कैंप पर अचानक ग्लेशियर टूट गया। इस दुर्घटना में कुल 55 मजदूर फंस गए थे, जिनमें से सेना और आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के जवानों ने 50 को सुरक्षित निकाल लिया, जबकि चार मजदूरों की जान चली गई। हिम बल के जवानों ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए इन फंसे हुए मजदूरों को बचाया है।

रेस्क्यू आपरेशन जारी, सेना ने बचाईं 50 जिंदगियां

ग्लेशियर टूटने की इस घटना के बाद से ही सेना और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीमों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया था। भारतीय सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने चार मजदूरों की मौत की पुष्टि की है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और बचाव अभियान को तेज करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से बात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

मौसम बना बचाव कार्य में बाधा

शुक्रवार को बारिश और भारी बर्फबारी के चलते रेस्क्यू आॅपरेशन में मुश्किलें आईं। खराब मौसम और रात होने की वजह से अभियान को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। शनिवार सुबह मौसम साफ होने पर बचाव कार्य दोबारा शुरू किया गया, जिसमें हेलीकॉप्टरों की मदद ली गई। भारतीय सेना और आईटीबीपी की टीमें रेस्क्यू आॅपरेशन को सफल बनाने के लिए हाई-टेक उपकरणों का उपयोग कर रही हैं। जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए रेको रडार, यूएवी (ड्रोन), क्वाडकॉप्टर और हिमस्खलन बचाव कुत्तों को तैनात किया गया है।

सेना के डॉक्टरों ने की जीवनरक्षक सर्जरी

मौके पर मौजूद भारतीय सेना के डॉक्टरों ने गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाने के लिए जीवनरक्षक सर्जरी की। वहीं, जोशीमठ हेलीपैड से भारतीय सेना और वायु सेना के आठ हेलीकॉप्टरों की मदद से अब तक 19 लोगों को जोशीमठ पहुंचाया जा चुका है। इस आपदा के चलते सेना के उच्च अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। मध्य कमान के जनरल आॅफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने हिमस्खलन स्थल का दौरा कर बचाव कार्यों की समीक्षा की।

स्थानीय प्रशासन और सरकार का समर्थन

उत्तराखंड सरकार ने भी इस आपदा में फंसे लोगों को निकालने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन. के. जोशी ने बताया कि आईटीबीपी और सेना के जवानों द्वारा तेजी से राहत कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन और सभी संबंधित एजेंसियों को बचाव अभियान को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। सरकार और प्रशासन का मुख्य उद्देश्य बचाव कार्य को जल्द से जल्द पूरा करना है। मौसम को देखते हुए और भी हेलीकॉप्टरों की तैनाती की जा रही है ताकि राहत सामग्री पहुंचाई जा सके और घायल मजदूरों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके।

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