Nara Lokesh: आईटी और मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश (Nara Lokesh)नें इंडिया टुडे कॉन्कलेव में दक्षिण भारत में हिंदी को लेकर छिडी बहस पर बयान दिया है। सभी राज्यो में नई शिक्षा नीति के तहत हिन्दी को बढ़ावा देने के बारे मे उन्होने अपनी बात रखी की भारत मे भाषा की विविधता है और हिन्दी को ऐसे थोपा नहीं जा सकता। नारा लोकेश(Nara Lokesh) ने कहा की हर राज्य अलग है और उसे अपनी स्थानीय भाषा बोलने का पूरा अधिकार है।
शिक्षा मंत्री से मिलके क्या महसूस हुआ नारा लोकेश(Nara Lokesh) को
नारा लोकेश (Nara Lokesh)ने बताया की जब वो देश के शिक्षा मंत्री से मिले तब उन्हे ऐसा कुछ नहीं लगा, बल्कि देश के शिक्षा मंत्री राज्य मे शिक्षा के मीडियम के लिए तमिल को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहे थे। उनहोने कहा की एनडीए सरकार ने मातृभाषाओं को मजबूत करने का भरोसा दिलवाया है।नारा लोकेश ने अपने पिता यानि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का ज़िक्र करते हुए कहा की उन्होने मातृभाषाओं को बढ़ावा देने मे अहम भूमिका निभाई है।
बता दें की नई शिक्षा नीति 2020 के तहत राज्यो में तीन भाषाओं को बढ़ावा देने की बात कही है, हालांकि इसे लेकर कोई अनिवार्यता नही है। इन तीन भाषाओं में शिक्षा देने के ऊपर नारा लोकेश ने कहा कि हमें इन तीन भाषाओं से भी आगे निकलना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय भाषा को बढ़ावा देने कि बात की
नारा लोकेश ने कहा कि भारत में जर्मन,जापानी जैसी अंतरराष्ट्रीय भाषा सिखानी चाहिए। इसके पीछे उन्होनें कारण दिया कि जर्मनी और जापान में कई नौकरी के अवसर खुल रहे है। खासतौर पर नर्स और घर के काम में मदद करने के लिए बहुत अवसर है इसलिए हमनें नर्सो को जापानी और जर्मन भाषा सिखाने के लिए समझौते किए है जिससे विदेशों में नौकरी के अवसर बढेंगे।
बच्चो को कई भाषा सिखाने के विषय में नारा लोकेश ने कहा कि भारत में उत्तरी राज्यों में तेलुगु क्यों नही पढ़ाई जाती। उन्होनें कहा कि बच्चो को वो सब सीखने देना चाहिए जो वे सीखना चाहते है। उन्होने कहा कि वे खुद अच्छी हिंदी बोल लेते है, हैदराबाद से होने के कारण उनकी हिंदी अच्छी है। आज के समय में कई भाषाएं सीखना आवश्यक है।
Delimitation पर भी बोले नारा लोकेश(Nara Lokesh)
Delimitation यानि परिसीमन पर दक्षिण भारत के अधिक्तम राज्य विरोध करते है। इसका तमिल नाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कड़ा विरोध किया है। नारा लोकेश नें भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है “मैं इस तर्क के साथ हूं कि जनसंख्या नियंत्रण को दक्षिण भारत के राज्यों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। लाकिन भारत सरकार नें तो कहा है कि जनसंख्या के वर्तमान अनुपात को बरकरार रखा जायेगा. यह इसलिए करा जा रहा है क्योंकि कई राज्यों में चुनाव है औऱ इसे मुद्दा बनाया जा रहा है.”Nara Lokesh:
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