Neeraj Chopra : नीरज चोपड़ा ने अपनी खेल प्रतिभा के बल पर देश को बार बार सम्मान दिलाने का काम किया है। नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक से सम्मानित किया जाना न सिर्फ उनके खेल कौशल की स्वीकृति है, बल्कि यह एक ऐसे खिलाड़ी की देशभक्ति और समर्पण को सलाम भी है, जिसने भारत का नाम वैश्विक मंच पर रोशन किया।
कौन हैं नीरज चोपड़ा?
नीरज चोपड़ा भारत के पहले ट्रैक एंड फील्ड एथलीट हैं जिन्होंने ओलंपिक (2020, टोक्यो) में स्वर्ण पदक जीता। वे दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट और विश्व चैंपियनशिप में भी मेडल जीत चुके हैं। नीरज भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत थे। अब उन्हें टेरिटोरियल आर्मी के लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई है।
कब से लागू हुआ ये सम्मान?
यह रैंक आधिकारिक रूप से 16 अप्रैल 2025 से प्रभावी मानी गई है, हालांकि इसकी घोषणा 14 मई को रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने टेरिटोरियल आर्मी रेगुलेशन के तहत अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह रैंक प्रदान की।
टेरिटोरियल आर्मी सेना का एक पार्ट-टाइम विंग है जिसमें नागरिक, पेशेवर और खिलाड़ी अपनी नियमित नौकरियों के साथ सेना की सेवा भी कर सकते हैं। इसे सम्मानपूर्वक सेवा का प्रतीक माना जाता है।
इससे पहले किसे मिला था ये सम्मान?
नीरज से पहले ये मानद रैंक महेंद्र सिंह धोनी और अभिनव बिंद्रा जैसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को भी मिल चुकी है। यह सम्मान दिखाता है कि देश खिलाड़ियों को सिर्फ उनके पदकों के लिए नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व और प्रेरणादायक योगदान के लिए भी याद करता है। यह उपाधि सेना में देने का मतलब ही अपने आप में खास है और यह उपाधि बिरले लोगों को ही मिलता है।
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