सबसे महंगे खिलाड़ी बने ऋषभ पंत, हर घंटे की कमाई जानकर चौंक जाएंगे!

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Rishabh Pant :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 MAR 2025 04:07 PM
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Rishabh Pant : IPL 2025 के मेगा ऑक्शन में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए। उनकी बोली ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने उन्हें 27 करोड़ रुपये में खरीदा। यह रकम इतनी ज्यादा है कि IPL इतिहास में किसी भी खिलाड़ी को इतनी बड़ी राशि नहीं मिली थी। अब पंत  LSG के लिए अपना पहला मैच खेलने उतरेंगे, और दिलचस्प बात यह है कि वह टीम की कप्तानी भी संभालेंगे। ऐसे में सबकी नजरें उनके खेल के साथ-साथ उनकी कप्तानी पर भी होंगी।

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) खेलेंगे अपना पहला मैच दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ

IPL 2025 में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अपना पहला मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेलेंगे। यह मैच खास इसलिए होगा क्योंकि पंत पहली बार दिल्ली कैपिटल्स की टीम के खिलाफ मैदान में उतरेंगे। गौरतलब है कि 2016 से 2024 तक पंत दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा थे। उन्होंने इस टीम के लिए 111 मैच खेले और शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन अब IPL 2025 में वह लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए अपना पहला मैच खेलेंगे और कप्तानी की नई चुनौती का सामना करेंगे।

हर घंटे कितनी होगी ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की कमाई?

लखनऊ सुपर जायंट्स ने ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को 27 करोड़ रुपये की भारी रकम दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि वह IPL के हर घंटे कितनी कमाई करेंगे?
  • IPL 2025 में LSG को 14 मैच खेलने हैं।
  • अगर हर मैच औसतन 3 घंटे का हो, तो पंत कुल 42 घंटे मैदान पर बिताएंगे।
  • अब 27 करोड़ रुपये को 42 घंटों में बांटा जाए, तो पंत की हर घंटे की कमाई करीब 64,28,571 रुपये होगी।
यह IPL इतिहास में किसी भी खिलाड़ी के लिए अब तक की सबसे ज्यादा प्रति घंटे कमाई होगी।

IPL में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का अब तक का प्रदर्शन

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने IPL में हमेशा से शानदार प्रदर्शन किया है। दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते हुए उन्होंने –
  • 111 मैच खेले
  • 3284 रन बनाए
  • 1 शतक और 18 अर्धशतक लगाए
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह LSG के लिए कैसी शुरुआत करते हैं और अपनी कप्तानी में टीम को कितनी सफलता दिला पाते हैं।Rishabh Pant :

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Delhi : क्या जज के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है? पूरी प्रक्रिया समझें

Delhi
Delhi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 MAR 2025 03:04 PM
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Delhi :  हाल ही में एक दिल्ली के जज के आवास पर बेहिसाब धन मिलने की खबरें सुर्खियों में रही हैं। इस मामले ने आम जनता के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या किसी पदस्थ न्यायाधीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है? इस प्रश्न का उत्तर कानूनी दृष्टिकोण से समझना आवश्यक है।

कानूनी स्थिति और प्रक्रिया

भारतीय न्यायपालिका में पदस्थ किसी भी न्यायाधीश के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई सीधे तौर पर नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने के. वीरस्वामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (1991) मामले में यह स्पष्ट किया था कि किसी भी जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अनुमति आवश्यक होती है।

इन-हाउस प्रक्रिया क्या है?

यदि किसी जज पर आपराधिक आरोप लगाए जाते हैं, तो उसके खिलाफ जांच की अनुमति देने के लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसे 'इन-हाउस प्रक्रिया' कहा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत:
  1. आरोपों की समीक्षा भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है।
  2. यदि आरोप प्रारंभिक तौर पर सही प्रतीत होते हैं, तो CJI राष्ट्रपति को पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देने की सिफारिश कर सकते हैं।
  3. अंतिम निर्णय राष्ट्रपति द्वारा लिया जाता है, लेकिन राष्ट्रपति CJI की सिफारिश मानने के लिए बाध्य नहीं होते।

1991 का ऐतिहासिक मामला

1991 में एक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इन-हाउस प्रक्रिया को स्पष्ट किया था और यह निर्णय दिया था कि पीसी अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत कार्यरत किसी भी न्यायाधीश के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति केवल राष्ट्रपति ही दे सकते हैं।

रविशंकर अय्यर बनाम जस्टिस ए.एम. भट्टाचार्य (1995)

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुनः इन-हाउस प्रक्रिया को मान्यता दी और इसे न्यायपालिका की आंतरिक अनुशासनात्मक प्रक्रिया बताया। इसका उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखते हुए किसी भी संभावित दुरुपयोग को रोकना था।

क्या दिल्ली के जज के घर से नकदी मिली?

हाल ही में एक दिल्ली के न्यायाधीश के घर में आग लगने की घटना के बाद, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई। हालांकि, दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख ने इस दावे को खारिज कर दिया। घटना का विवरण:
  • 14 मार्च की रात 11:35 बजे आग लगने की सूचना मिली।
  • दमकल की दो गाड़ियाँ 11:43 बजे घटनास्थल पर पहुँचीं।
  • फायर ब्रिगेड ने स्पष्ट किया कि आग बुझाने के दौरान किसी प्रकार की नकदी बरामद नहीं हुई। Delhi : 
 

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Shahnawaz Hussain : हैदराबाद एयरपोर्ट नाम पर शाहनवाज हुसैन की आपत्ति

Shahnawaz Hussain
Shahnawaz Hussain
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 MAR 2025 01:02 PM
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Shahnawaz Hussain : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखे जाने का कोई औचित्य नहीं था, क्योंकि इसके विकास में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। शाहनवाज हुसैन ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि इस परियोजना के लिए जिन नेताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, उन्हें उचित मान्यता नहीं दी गई।

शाहनवाज हुसैन की नाराजगी

शाहनवाज हुसैन ने यह टिप्पणी तेलंगाना में भाजपा द्वारा आयोजित ‘बिहार दिवस 2025’ समारोह के दौरान की। उन्होंने कहा कि हैदराबाद हवाई अड्डे के निर्माण में तीन प्रमुख व्यक्तियों – जॉर्ज फर्नांडीस, चंद्रबाबू नायडू और उन्होंने स्वयं – ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने दावा किया कि भूमि रक्षा मंत्रालय के अधीन थी और इस परियोजना को मूर्त रूप देने में इन नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, "जब कांग्रेस सत्ता में आई, तो उसने चंद्रबाबू नायडू, जॉर्ज फर्नांडीस, या मेरे योगदान को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। इसके बजाय, बिना किसी स्पष्ट योगदान के हवाई अड्डे का नाम राजीव गांधी के नाम पर रख दिया गया।"

हैदराबाद हवाई अड्डे का विकास और योगदान

हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है। इस हवाई अड्डे के निर्माण और उन्नति में तत्कालीन केंद्रीय मंत्रियों, राज्य सरकार और विभिन्न विभागों का समन्वय आवश्यक था। लेकिन भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में जिन नेताओं ने अहम भूमिका निभाई, उन्हें उचित श्रेय नहीं मिला।

बिहार दिवस समारोह में बिहारवासियों की उपलब्धियों की सराहना

शाहनवाज हुसैन ने इस अवसर पर बिहारवासियों की मेहनत और उनकी उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की एनडीए सरकार राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे बिहार अब देश के अन्य विकसित राज्यों के समकक्ष खड़ा हो रहा है।

राजनीतिक विवाद का विस्तार

हैदराबाद हवाई अड्डे के नामकरण को लेकर यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी कई बार विभिन्न परियोजनाओं और सरकारी संस्थानों के नामकरण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच टकराव देखने को मिला है। यह मुद्दा केवल हवाई अड्डे तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में कई स्थानों के नाम बदलने या उनके नामकरण को लेकर विवाद होते रहे हैं। Shahnawaz Hussain :  

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