President’s Address : आज सोमवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में जोरदार चर्चा हुई। चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरी तरह से हमलावर रहे। राहुल ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शपथ का जिक्र किया और कहा कि पीएम मोदी को शपथ का निमंत्रण मिले इसलिए विदेश मंत्री जयशंकर को अमेरिका भेजा था। राहुल गांधी यहीं नहीं रुके उन्होंने बेरोजगारी पर भी सरकार को घेरा।
विदेश मंत्री को अमेरिका नहीं भेजना चाहिए था
कांग्रेस नेता ने पीएम पर बोलते हुए आगे कहा, जब हम अमेरिका से बात करते हैं, तो विदेश मंत्री को पीएम को उनके (ट्रंप) शपथ में आमंत्रित करने के लिए वहां नहीं भेजना चाहिए था। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, मुझे याद है कि चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) 400 पार कह रहे थे और कह रहे थे कि हम इसे (संविधान) बदल देंगे। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री इसके अंदर आए और उन्हें संविधान के सामने सिर झुकाने पर मजबूर होना पड़ा। यह सभी कांग्रेसियों के लिए गर्व का क्षण था कि हमने प्रधानमंत्री और पूरे देश को समझाया कि कोई भी ताकत संविधान को छूने की हिम्मत नहीं करेगी। मैं जानता हूं कि आरएसएस ने संविधान को कभी स्वीकार नहीं किया।
बेरोजगारी की समस्या से निपटने में कोई सक्षम नहीं
बेरोजगारी को लेकर राहुल गांधी ने बहुत ही स्पष्ट रूप से सभी राजनीतिक पार्टियों को आड़े हांथों लिया और सभी को दोषी बताया। उन्होंने बड़ी दरियादिली से इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि एक सार्वभौमिक समस्या जो हम झेल रहे हैं वह है कि हम अभी तक बेरोजगारी की समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हैं। आज तक किसी भी सरकार चाहे वो यूपीए और एनडीए सरकार हो, ने इस देश के युवाओं को रोजगार के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हर देश 2 चीजों को व्यवस्थित कर सकता है उपभोग और उत्पादन। उपभोग को व्यवस्थित करने का आधुनिक तरीका सेवाएं हैं और उत्पादन को व्यवस्थित करने का आधुनिक तरीका विनिर्माण है। एक देश के रूप में हम उत्पादन को व्यवस्थित करने में विफल रहे हैं। हमारे पास बेहतरीन कंपनियां हैं जो उत्पादन को व्यवस्थित करने का प्रयास करती हैं।
मेक इन इंडिया एक अच्छा विचार था, लेकिन फेल हो गया
राहुल ने बहुत ही सुलझे तरीके से पीएम के कार्यक्रम की तारीफ तो की लेकिन उनका परिणाम भी बताया जो आशा जनित नहीं रहा। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा, मुझे लगा कि ये अच्छा विचार है। हमने मूर्तियां देखीं, हमने समारोह देखे, हमने तथाकथित निवेश देखा और नतीजा मेरे सामने है। मैन्युफैक्चरिंग में 2014 में सकल घरेलू उत्पाद के 15.3% से गिरकर आज सकल घरेलू उत्पाद 12.6% हो गया है। यह 60 वर्षों में मैन्युफैक्चरिंग का सबसे कम हिस्सा है। मैं प्रधानमंत्री को भी दोष नहीं दे रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह कहना उचित नहीं होगा कि उन्होंने प्रयास नहीं किया। मैं कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री ने कोशिश की और मुझे लगता है कि वैचारिक रूप से मेक इन इंडिया एक अच्छा विचार था, लेकिन यह बिल्कुल स्पष्ट है कि वो इसमें फेल रहे।
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