Chenab Bridge : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का भी लोकार्पण किया। यह परियोजना देश की इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रतीक मानी जा रही है। हालांकि इस ऐतिहासिक मौके पर भी राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मौके पर प्रधानमंत्री पर पुरानी सरकारों के काम का श्रेय लेने का आरोप लगाया है।
USBRL प्रोजेक्ट: ‘निरंतरता का प्रतीक’ या श्रेय की राजनीति?
जयराम रमेश ने USBRL प्रोजेक्ट को शासन में निरंतरता का प्रतीक बताया और कहा कि प्रधानमंत्री इस निरंतरता को स्वीकार करने से बचते हैं। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि इस रेल लिंक को सबसे पहले 1995 में पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार ने मंजूरी दी थी और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इसे ‘नेशनल प्रोजेक्ट’ का दर्जा दिया था। उनका कहना है कि 272 किलोमीटर के इस ट्रैक में से 160 किलोमीटर 2014 से पहले ही चालू हो चुका था।
“ब्रह्मोस की तरह USBRL भी पुरानी सरकार की देन”
कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसे ब्रह्मोस मिसाइल एक तकनीकी सफलता थी जो पुरानी सरकारों की नीति और निरंतरता का परिणाम थी, वैसे ही USBRL प्रोजेक्ट भी वैसी ही सफलता है। रमेश का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी हर उपलब्धि को अपनी छवि चमकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं और पूर्ववर्ती सरकारों के योगदान को दरकिनार कर देते हैं।
चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) : तकनीकी चमत्कार और रणनीतिक संपत्ति
चिनाब नदी पर बना यह ब्रिज (Chenab Bridge) दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है और इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जा रहा है। जयराम रमेश ने भी इस पुल की सराहना की और भारतीय रेलवे तथा जम्मू-कश्मीर की जनता को बधाई दी। उनका कहना था कि यह परियोजना भले आज पूरी हुई हो, लेकिन इसकी नींव बहुत पहले रखी जा चुकी थी।
प्रधानमंत्री की विकास यात्रा बनाम विपक्ष की चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे में चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) , अंजी पुल और वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने की योजनाएं भी शामिल हैं। वहीं कांग्रेस बार-बार यह रेखांकित कर रही है कि यह परियोजनाएं केवल वर्तमान शासन का नहीं, बल्कि वर्षों की योजना, तकनीक और प्रशासनिक निरंतरता का परिणाम हैं। Chenab Bridge :