तेजस्वी ने किया वादा, जीते तो सौ प्रतिशत डोमिसाइल नीति लागू करेंगे

Tejasvi
Bihar Election
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 MAR 2025 06:43 PM
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Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण वादे किए हैं। इन वादों में 100% मूल निवास (डोमिसाइल) नीति लागू करना, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क माफ करना, परीक्षा केंद्रों तक आने-जाने का खर्च वहन करना, माई बहन योजना के तहत सस्ता गैस सिलेंडर प्रदान करना, और पासी समाज के लिए ताड़ी पर पुराने कानून को पुन: लागू करना शामिल हैं।

100% मूल निवास (डोमिसाइल) नीति लागू करना

तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो बिहार में 100% मूल निवास नीति लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देना है, जिससे बेरोजगारी और पलायन की समस्याओं का समाधान हो सके। राजद नेता ने वादा किया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों से कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा। साथ ही, परीक्षा केंद्रों तक आने-जाने का खर्च भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता मिल सके।

माई बहन योजना और सस्ता गैस सिलेंडर

महिलाओं को राहत प्रदान करने के लिए, तेजस्वी यादव ने माई बहन योजना की घोषणा की है, जिसके तहत गैस सिलेंडर केवल 500 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम महंगाई से जूझ रही गृहणियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पासी समाज के हित में, तेजस्वी यादव ने ताड़ी पर पुराने कानून को पुन: लागू करने का वादा किया है। उनका कहना है कि 2016 में लागू नया कानून इस समाज के लिए प्रतिकूल साबित हुआ है, इसलिए पुराने कानून की बहाली आवश्यक है।

शराबबंदी की समीक्षा

तेजस्वी यादव ने वर्तमान शराबबंदी कानून की विफलता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि इस कानून के बावजूद राज्य में अवैध शराब का कारोबार जारी है, जिससे समाज में अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इन वादों के माध्यम से तेजस्वी यादव ने आगामी चुनावों में युवाओं, महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये वादे चुनावी नतीजों में कितना प्रभाव डालते हैं और बिहार की जनता किसे अपना समर्थन देती है।

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बड़ी खबर : भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन 31 मार्च तक पटरियों पर दौड़ेगी

H2 train
Hydrogen Train
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 MAR 2025 05:51 PM
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Hydrogen Train : भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन 31 मार्च तक पटरियों पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह ट्रेन न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगी, बल्कि भारत में रेलवे के लिए एक नई क्रांति भी लेकर आएगी। हाइड्रोजन से चलने वाली इस ट्रेन का उद्देश्य डीजल ट्रेनों पर निर्भरता कम करना और कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर तक लाना है।

कहां चलेगी पहली हाइड्रोजन ट्रेन?

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, पहली हाइड्रोजन ट्रेन उत्तर रेलवे के सोनीपत-जींद सेक्शन पर चलाई जाएगी। यह ट्रेन भारतीय रेलवे के हरित ऊर्जा मिशन के तहत तैयार की जा रही है और इसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित होगी। ट्रेन में हाइड्रोजन टैंक और फ्यूल सेल लगाए जाएंगे, जो हाइड्रोजन गैस को बिजली में बदलेंगे और इंजन को शक्ति देंगे। इस प्रक्रिया में सिर्फ पानी और गर्मी का उत्सर्जन होगा, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। यह ट्रेन शून्य प्रदूषण के साथ चलेगी और डीजल इंजन की तुलना में अधिक ऊर्जा कुशल होगी।

भारतीय रेलवे की हरित ऊर्जा योजना

भारतीय रेलवे 2030 तक नेट-जीरो कार्बन एमिशन हासिल करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हाइड्रोजन ट्रेनें इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं। दुनिया के कुछ देशों जैसे जर्मनी, फ्रांस, चीन और जापान में पहले से हाइड्रोजन ट्रेनें चल रही हैं, और अब भारत भी इस सूची में शामिल होने जा रहा है। भारतीय रेलवे ने 15 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है, जो चरणबद्ध तरीके से देश के अलग-अलग हिस्सों में संचालित की जाएंगी। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो आने वाले वर्षों में भारत के कई रेल मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेनें चलाई जाएंगी।

क्या हैं हाइड्रोजन ट्रेन के फायदे?

पर्यावरण के अनुकूल हाइड्रोजन ट्रेनें कोई प्रदूषण नहीं करतीं, जिससे हवा साफ बनी रहती है। डीजल की बचत हाइड्रोजन इंजन से होती है। डीजल ट्रेनों की तुलना में अधिक कुशल होते हैं। हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें कम आवाज करती हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलता है। इलेक्ट्रिक और डीजल इंजनों की तुलना में हाइड्रोजन ट्रेनों का रखरखाव सस्ता पड़ता है। भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन न केवल रेलवे को हरित और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह तकनीकी आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 31 मार्च से यह ट्रेन अपनी पहली यात्रा शुरू करेगी, जो देश के रेलवे की भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

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कर्नाटक सरकार मुस्लिम समुदाय को देगी आरक्षण, जानें योजना

Karnatak
Karnataka Reservation
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 MAR 2025 01:36 PM
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Karnataka Reservation : कर्नाटक में हाल ही में एक विवाद तब उभरा जब मीडिया में खबरें आईं कि राज्य सरकार सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय को 4% आरक्षण देने की योजना बना रही है। इन खबरों के अनुसार, सिद्धारमैया सरकार कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स एक्ट, 1999 में संशोधन करके मुस्लिम ठेकेदारों को यह आरक्षण प्रदान करने पर विचार कर रही थी। वर्तमान में, सरकारी ठेकों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों को 24% आरक्षण, ओबीसी श्रेणी-1 को 4% और ओबीसी श्रेणी-2ए को 15% आरक्षण मिलता है, जिससे कुल आरक्षण 43% होता है। यदि मुस्लिम समुदाय को 4% आरक्षण दिया जाता, तो यह कुल आरक्षण 47% तक पहुंच जाएगा।

भाजपा ने तुष्टिकरण की राजनीति कहा

इन खबरों के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए इसे तुष्टिकरण की राजनीति कहा और दावा किया कि धर्म आधारित आरक्षण संविधान के खिलाफ है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यदि मुसलमानों को यह कोटा दिया जाता है, तो यह स्पष्ट नहीं है कि यह आरक्षण किसके हिस्से से कटेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तेलंगाना में भी मुसलमानों को 4% आरक्षण दिया गया है, जो सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए निर्धारित हिस्से को प्रभावित कर रहा है।

ऐसा कोई आरक्षण का प्रस्ताव ही नहीं

हालांकि, बढ़ते विवाद के बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम समुदाय को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह सही है कि मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने की मांग की गई है, लेकिन इस संबंध में राज्य सरकार ने इस तरह का कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है। यह स्पष्ट है कि वर्तमान में कर्नाटक सरकार के पास मुस्लिम समुदाय को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने का कोई सक्रिय प्रस्ताव नहीं है, लेकिन इस विषय पर चर्चा और विवाद जारी है।

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