एअर इंडिया की फ्लाइट में फिर तकनीकी खराबी, दिल्ली आ रहा विमान हांगकांग लौटा

एअर इंडिया की फ्लाइट में फिर तकनीकी खराबी, दिल्ली आ रहा विमान हांगकांग लौटा
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 JUN 2025 01:10 PM
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New Delhi/ Hong Kong : एविएशन सेक्टर में एक के बाद एक सामने आ रही घटनाएं भारत की विमानन सुरक्षा और रखरखाव व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर रही हैं। एअर इंडिया के एक और ड्रीमलाइनर विमान में तकनीकी खराबी की सूचना से यात्रियों में हड़कंप मच गया। फ्लाइट नंबर एआई 315, जो हॉन्गकॉन्ग से दिल्ली आ रही थी, उड़ान के दौरान तकनीकी समस्या के कारण वापस हॉन्गकॉन्ग लौटने को मजबूर हुई।

ड्रीमलाइनर फ्लीट को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित इस विमान को सुरक्षित रूप से हॉन्गकॉन्ग एयरपोर्ट पर उतारा गया। सूत्रों के अनुसार, सभी यात्री सुरक्षित हैं और विमान की जांच का कार्य तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर फ्लीट को लेकर पहले से ही गंभीर सवाल उठते रहे हैं।

लुफ्थांसा फ्लाइट में भी टला बड़ा हादसा

इससे कुछ ही समय पहले जर्मनी से हैदराबाद आ रही लुफ्थांसा एयरलाइन की फ्लाइट एलएच 752 को भी बीच रास्ते से वापस फ्रैंकफर्ट लौटना पड़ा। आधिकारिक बयान में जहां एयरलाइन ने "लैंडिंग क्लीयरेंस न मिलने" की बात कही, वहीं हैदराबाद हवाई अड्डे के सूत्रों ने इसके पीछे बम की धमकी को मुख्य कारण बताया है। यह विरोधाभासी बयान घटना की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है।

अहमदाबाद में ड्रीमलाइनर हादसा, 270 लोगों की मौत

सबसे चिंताजनक खबर अहमदाबाद से आई, जहां एअर इंडिया का एक ड्रीमलाइनर विमान भीषण हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में अब तक 270 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। हादसे में केवल एक यात्री जीवित बच पाया, जबकि 241 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन

सरकार ने इस भयावह दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है, जिसमें डीजीसीए, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो और स्वतंत्र विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह समिति तकनीकी विफलताओं, रखरखाव रिकॉर्ड, और क्रू की कार्यप्रणाली की जांच करेगी। दुर्घटनाओं की यह श्रृंखला अब भारत की विमानन सुरक्षा नीति, पायलट ट्रेनिंग मानकों और विमानों के नियमित रखरखाव को लेकर बड़े बदलावों की मांग कर रही है। यात्रियों की जान की कीमत पर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

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पुणे में बड़ा हादसा : इंद्रायणी नदी पर पुल टूटा, कई लोगों के डूबने की आशंका, रेस्क्यू जारी

Pune hadsa
Pune (Maharashtra)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 JUN 2025 06:09 PM
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Pune (Maharashtra) : रविवार की दोपहर पुणे जिले के मावल तालुका स्थित कुंडमाल क्षेत्र में इंद्रायणी नदी पर बना एक पुल अचानक टूट गया, जिससे दर्जनों पर्यटक नदी में गिर गए। घटना में 10 से 15 लोगों के डूबने की आशंका जताई जा रही है, जबकि अब तक 5 से 7 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

कैसे हुआ हादसा?

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, यह हादसा दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ, जब बड़ी संख्या में पर्यटक रविवार होने के चलते कुंडमाल में घूमने पहुंचे थे। इंद्रायणी नदी पर बना यह पुल काफी पुराना बताया जा रहा है, और अचानक उसका एक हिस्सा भरभराकर गिर गया। उस वक्त कई लोग पुल पर ही खड़े थे और अचानक नीचे गिरने से बहाव में बह गए। यह पुल स्थानीय आवागमन के लिए प्रयोग में लाया जाता था और कुंडमाला को पार करने के लिए एकमात्र मार्ग माना जाता है।

मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन

घटना की सूचना मिलते ही तलेगांव दाभाड़े पुलिस स्टेशन की टीम और पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू कर दिया है जिसमें एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें भी जुट गई हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमारी प्राथमिकता पानी में बहे लोगों को सुरक्षित निकालना है। अब तक कुछ लोगों को बचाया जा चुका है। बाकियों की तलाश जारी है।

गैरकानूनी निर्माण या रखरखाव में लापरवाही?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल की हालत लंबे समय से खराब थी और प्रशासन को इसकी मरम्मत के लिए कई बार सूचित भी किया गया था। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पुल के गिरने की वजह प्राकृतिक कारण थे या रखरखाव की अनदेखी। विशेषज्ञों की एक टीम को भेजा गया है जो यह जांच करेगी कि पुल के ढहने की संरचनात्मक वजहें क्या थीं।

मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट, मुआवजे का ऐलान संभव

घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जिला प्रशासन से तत्काल विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। संभावना है कि सरकार जल्द ही मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा कर सकती है। हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों और पर्यटकों में गहरा रोष है। उनका कहना है कि प्रशासन ने बार-बार चेतावनी के बावजूद पुल की मरम्मत नहीं करवाई। वहीं यह घटना एक बार फिर पर्यटन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। यह घटना न केवल एक त्रासदी है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और ढांचागत जर्जरता की भयावह मिसाल बनकर सामने आई है। जरूरत है कि ऐसे पुराने पुलों और संरचनाओं का समय-समय पर आॅडिट हो और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लेकर कोई कंप्रोमाइज न किया जाए।

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केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसा : 7 श्रद्धालुओं की मौत, होगी पूरी पड़ताल

केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसा : 7 श्रद्धालुओं की मौत, होगी पूरी पड़ताल
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 JUN 2025 08:37 AM
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Kedarnath Incident : चारधाम यात्रा के दौरान एक बार फिर आसमान से आई त्रासदी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार, 15 जून 2025 को केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा हेली आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट सहित सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें एक मासूम बच्चा भी शामिल था।

क्या हुआ उस सुबह?

सुबह 5:21 बजे हेली आर्यन का यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ था। लेकिन जब यह 6:13 बजे तक गंतव्य पर नहीं पहुंचा, तो कंपनी ने अलर्ट जारी किया। कुछ ही देर बाद गौरीकुंड के ऊपरी इलाके में घास काट रहे नेपाली मूल के नागरिकों ने घने धुएं का गुबार देखा। इसी सूचना के आधार पर बचाव दलों को भेजा गया।

5 किलोमीटर ऊपर मिला मलबा, सभी यात्री मृत पाए गए

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने तेजी से सर्च आॅपरेशन चलाया। हेलीकॉप्टर का मलबा गौरीकुंड से करीब 5 किलोमीटर ऊपर 'गौरी में खड़क' नामक स्थान पर मिला। हेलीकॉप्टर जल चुका था और उसके भीतर सवार सभी सात लोगों की मौत हो चुकी थी। मृतकों में पायलट कैप्टन राजबीर सिंह चौहान के अलावा विक्रम रावत, विनोद देवी, तृष्टि सिंह, राजकुमार सुरेश जायसवाल, श्रद्धा जायसवाल और काशी (दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर में सवार मासूम बच्चा) शामिल हैं।

दुर्घटना के पीछे क्या है कारण? जानिए अंदरूनी जानकारी

एक वरिष्ठ पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हेली कंपनियों पर ईंधन की बचत का दबाव होता है, जिसके कारण वे निर्धारित ऊंचाई से नीचे उड़ान भरते हैं। यह खासतौर पर संकरी घाटियों वाले क्षेत्र में बेहद खतरनाक साबित होता है। केदारनाथ मार्ग पर गरुड़ चट्टी और सोनप्रयाग जैसे इलाकों में अचानक मौसम खराब हो जाना आम बात है। उन्होंने यह भी बताया कि कभी-कभी मौसम संबंधी चेतावनियों को भी नजरअंदाज कर दिया जाता है, ताकि अधिकाधिक उड़ानें भरी जा सकें। दरअसल, उड़ानों की संख्या पर कोई तय सीमा नहीं है। यह मौसम की स्थिति पर निर्भर करती है। ऐसे में प्रतिस्पर्धा में शामिल कंपनियां हर हाल में उड़ान भरने का जोखिम उठाती हैं।

पिछले हादसों से कुछ नहीं सीखा गया?

गौरतलब है कि 2022 में भी आर्यन हेली का एक हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी क्षेत्र में क्रैश हुआ था, जिसमें 7 लोगों की मौत हुई थी। आज के हादसे और उस हादसे में चौंकाने वाली समानताएं हैं। खराब मौसम, घाटी में कम ऊंचाई की उड़ान, और सुरक्षा गाइडलाइंस की अनदेखी।

हेली सेवाओं का आंकड़ा और जोखिम

केदारनाथ के लिए 8 हेली कंपनियां सेवा दे रही हैं। कुल 9 हेलीपैड हैं। गुप्तकाशी, फाटा, सिसई से उड़ानें संचालित हो रही हैं। एक दिन में औसतन 215 उड़ानें होती हैं। अच्छे मौसम में यह आंकड़ा 290 तक पहुंच जाता है। प्रत्येक हेलीकॉप्टर में अधिकतम 6 यात्री बैठ सकते हैं। दुर्घटना वाले हेलीकॉप्टर में सात लोग सवार थे, जिनमें एक बच्चा शामिल था (वजन 10 किलो के भीतर)। एक सप्ताह पूर्व नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने निर्देश जारी किए थे कि प्रत्येक घंटे में केवल दो या अधिकतम तीन उड़ानें ही संचालित की जाएं। यह हादसा न केवल तकनीकी या मौसम संबंधी विफलता का परिणाम है, बल्कि इसमें प्रणालीगत लापरवाहियों और नियमन की कमी भी साफ दिखती है। जब पहले भी इसी मार्ग पर ऐसे हादसे हो चुके हैं, तो सवाल उठता है कि क्या इनसे कोई सबक लिया गया?

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