यह एथलीट डोपिंग उल्लंघन के चलते चार साल के लिए प्रतिबंधित




National News : लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जिस INDIA गठबंधन (Indian National Developmental Inclusive Alliance) को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे, उसकी अब कोई चर्चा नहीं हो रही। इस चुप्पी के बीच कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं, खासकर शिवसेना (UBT) की ओर से।
चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की कोई बैठक नहीं हुई।
कांग्रेस ने हाल ही में अहमदाबाद में दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित किया, लेकिन वहां भी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं की गई।
इससे सवाल उठने लगे हैं—क्या यह गठबंधन जमीन में दब गया है या हवा में उड़ गया?
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से चेताया।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि कांग्रेस केवल अपनी पार्टी की बात कर रही है, न कि गठबंधन के भविष्य की।
सामना में स्पष्ट रूप से कहा गया कि INDIA गठबंधन के भविष्य की जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की है।
शिवसेना (UBT) ने पूछा—“क्या कांग्रेस फिर से हार को स्वीकार करने के लिए तैयार है?”
आगामी विधानसभा चुनावों—बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश—को लेकर भी चिंता जताई गई।
सवाल है कि क्या कांग्रेस इन राज्यों में सक्रिय रूप से रणनीति बनाएगी या फिर सिर्फ अधिवेशन करके रह जाएगी?
अहमदाबाद अधिवेशन के बावजूद कांग्रेस को गुजरात में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली।
2014 के बाद से कांग्रेस ने वहां सिर्फ एक लोकसभा सीट जीती है।
ये आंकड़े कांग्रेस की रणनीति और जमीन पर पकड़ को लेकर चिंता बढ़ाते हैं।
8 और 9 अप्रैल को आयोजित अधिवेशन में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
लेकिन अधिवेशन पूरी तरह से पार्टी केंद्रित रहा, न कि विपक्षी गठबंधन केंद्रित। National News :
National News : लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जिस INDIA गठबंधन (Indian National Developmental Inclusive Alliance) को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे, उसकी अब कोई चर्चा नहीं हो रही। इस चुप्पी के बीच कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं, खासकर शिवसेना (UBT) की ओर से।
चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की कोई बैठक नहीं हुई।
कांग्रेस ने हाल ही में अहमदाबाद में दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित किया, लेकिन वहां भी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं की गई।
इससे सवाल उठने लगे हैं—क्या यह गठबंधन जमीन में दब गया है या हवा में उड़ गया?
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से चेताया।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि कांग्रेस केवल अपनी पार्टी की बात कर रही है, न कि गठबंधन के भविष्य की।
सामना में स्पष्ट रूप से कहा गया कि INDIA गठबंधन के भविष्य की जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की है।
शिवसेना (UBT) ने पूछा—“क्या कांग्रेस फिर से हार को स्वीकार करने के लिए तैयार है?”
आगामी विधानसभा चुनावों—बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश—को लेकर भी चिंता जताई गई।
सवाल है कि क्या कांग्रेस इन राज्यों में सक्रिय रूप से रणनीति बनाएगी या फिर सिर्फ अधिवेशन करके रह जाएगी?
अहमदाबाद अधिवेशन के बावजूद कांग्रेस को गुजरात में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली।
2014 के बाद से कांग्रेस ने वहां सिर्फ एक लोकसभा सीट जीती है।
ये आंकड़े कांग्रेस की रणनीति और जमीन पर पकड़ को लेकर चिंता बढ़ाते हैं।
8 और 9 अप्रैल को आयोजित अधिवेशन में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
लेकिन अधिवेशन पूरी तरह से पार्टी केंद्रित रहा, न कि विपक्षी गठबंधन केंद्रित। National News :
