Haryana News : हरियाणा प्रदेश में बड़ा खेला चल रहा है। पूरे हरियाणा के राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दावों का रेला लगा रखा है। हरियाणा की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस दावा कर रही है कि हरियाणा की प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है। वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया है कि हरियाणा में BJP की सरकार थी है और आगे भी रहेगी। हरियाणा में BJP ने फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने की योजना बनाई है।
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हरियाणा में BJP की नई योजना
आपको बता चुके हैं कि हरियाणा में कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि हरियाणा की BJP सरकार अल्पमत में आ गई है। हरियाणा विधानसभा के तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेकर भी यही दावा किया है कि हरियाणा प्रदेश की सरकार अल्पमत में है। अब बीजेपी…. ने पलटवार करते हुए हरियाणा की विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की योजना बनाई है। इस विशेष सत्र में भाजपा हरियाणा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करके अपनी सरकार का बहुमत साबित करना चाहती है।
क्या है हरियाणा सरकार का खेला?
आपको पता है कि पिछले दिनों हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी (JJP) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को चि_ी लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी. उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। इस चिट्ठी में लिखा गया था कि वह राज्य में सरकार बनाने वाली किसी भी पार्टी का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। साथ ही ये भी कहा है कि हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
हाल ही में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान ने दावा किया था कि हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों सोमवीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में इस वक्त 88 विधायक हैं, जिसमें बीजेपी के 40 सदस्य हैं।
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कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब तीन निर्दलीयों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है। अब सवाल उठता है कि क्या हरियाणा सरकार पर तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी से बड़ा संकट आ गया है या क्या सरकार अल्पमत में आ चुकी है? तो जवाब है नहीं।
इसकी वजह यह है कि अब भी बीजेपी के पास 45 विधायकों का समर्थन है, जिसमें 40 विधायक उनकी अपनी पार्टी के हैं और पांच निर्दलीय हैं। दूसरा सवाल है कि क्या तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी से कांग्रेस के पास सरकार बनाने का कोई भी मौका है? इसका भी फिलहाल जवाब है- नहीं। क्योंकि कांग्रेस के पास तीस विधायक हैं। तीन और जुड़े तो ये संख्या 33 हुई। वहीं जेजेपी के 10 विधायक कांग्रेस के साथ तो फिलहाल जाने वाले नहीं लगते हैं और जाते भी हैं तो ये संख्या 43 ही होती है। इस प्रकार हरियाणा प्रदेश में खूब खेला चल रहा है। Haryana News
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