महिंद्रा की नई XUV 7XO का टीज़र जारी, Hector और Sierra को देगी कड़ी टक्कर

महिंद्रा ने पुष्टि की है कि XUV 7XO को 5 जनवरी 2026 को लॉन्च किया जाएगा। इसी दिन इसकी कीमत का भी खुलासा होगा।

Mahindra's new XUV 7XO
महिंद्रा की नई XUV 7XO का टीज़र (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar08 Dec 2025 04:27 PM
bookmark

महिंद्रा ने अपनी आने वाली मिड-Size SUV XUV 7XO का पहला टीज़र जारी कर दिया है। कंपनी इस SUV को 5 जनवरी 2026 को भारत में आधिकारिक रूप से लॉन्च करेगी। 14 सेकंड के छोटे से टीज़र में इसके नए डिजाइन और कुछ प्रीमियम फीचर्स की झलक दिखाई दी, जिससे लॉन्च से पहले ही इसकी चर्चा तेज हो चुकी है।

टीज़र में क्या दिखा?

महिंद्रा के जारी किए गए टीज़र में XUV 7XO का अपडेटेड एक्सटीरियर नज़र आता है।

  • नया L-शेप LED DRL
  • प्रोजेक्टर हेडलाइट्स
  • पीछे L-शेप LED टेल लाइट्स

इन बदलावों से SUV पहले से ज्यादा मॉडर्न और स्टाइलिश दिखाई देती है।

फीचर्स होंगे और भी प्रीमियम

महिंद्रा इस SUV में कई हाई-एंड फीचर्स देने की तैयारी में है। अनुमान है कि XUV 7XO में मिलेगा:

  • नया प्रीमियम इंटीरियर
  • पैनोरमिक सनरूफ
  • ADAS (Advanced Driver Assistance System)
  • हरमन ऑडियो सिस्टम
  • ट्रिपल स्क्रीन सेटअप
  • 360-डिग्री कैमरा

सुरक्षा के लिए इसमें ABS, EBD, 6 एयरबैग, ISOFIX चाइल्ड सीट माउंट जैसे फीचर्स मौजूद रहेंगे।

पेट्रोल और डीजल—दोनों इंजन विकल्प

SUV में दो इंजन विकल्प दिए जाएंगे—

  • 2.0-लीटर टर्बो पेट्रोल
  • 2.2-लीटर टर्बो डीज़ल

दोनों इंजनों के साथ 6-स्पीड मैनुअल और 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स मिलने की संभावना है। इससे यह SUV शहर और हाईवे दोनों पर बेहतरीन परफॉर्मेंस देने में सक्षम होगी।

लॉन्च डेट

महिंद्रा ने पुष्टि की है कि XUV 7XO को 5 जनवरी 2026 को लॉन्च किया जाएगा। इसी दिन इसकी कीमत का भी खुलासा होगा।

किन SUVs से होगा मुकाबला?

लॉन्च के बाद XUV 7XO का सीधा मुकाबला मिड-साइज SUV सेगमेंट की इन गाड़ियों से होगा—

  • MG Hector
  • Tata Sierra
  • Tata Safari
  • Hyundai Creta
  • Honda Elevate
  • Kia Seltos

अपने नए डिजाइन, मजबूत इंजन विकल्प और प्रीमियम फीचर्स की वजह से XUV 7XO इस सेगमेंट में एक मजबूत चुनौती पेश कर सकती है।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

बिहार में ब्रिटिशकालीन क्लॉक टॉवर आज भी बता रहा है समय की कहानी

बिहार के मधुबनी जिले के फुलपरास प्रखंड स्थित धोंधडीहा में आज भी ब्रिटिश शासनकाल की एक अनोखी धरोहर मौजूद है—वाटसन साहब द्वारा बनवाया गया क्लॉक टॉवर। यह टॉवर न केवल इतिहास का साक्षी है बल्कि आज भी स्थानीय लोगों के लिए दिशा-निर्देश का एक अहम केंद्र है।

British-era clock tower in Bihar
बिहार में ब्रिटिशकालीन क्लॉक टॉवर (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar08 Dec 2025 03:17 PM
bookmark

बता दें कि जब अंग्रेजों का शासन था, तब आम लोगों के पास घड़ियां होना आम बात नहीं थी। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण घड़ी रखना एक विलासिता मानी जाती थी। ऐसे में क्लॉक टावर शहरों के सबसे ऊंचे स्थानों पर बनाए जाते थे, ताकि लोग दूर से ही समय देख सकें। क्लॉक टावर केवल समय बताने तक सीमित नहीं थे—ये उस समय सामाजिक गतिविधियों, त्योहारों और आपातकालीन घोषणाओं का प्रमुख केंद्र भी होते थे। साथ ही ब्रिटिश सत्ता और प्रशासनिक शक्ति के प्रतीक के रूप में इनका निर्माण करवाया जाता था।

धोंधडीहा का वाटसन क्लॉक टॉवर क्यों है खास?

स्थानीय लोगों के अनुसार, अंग्रेज अधिकारी वाटसन साहब ने धोंधडीहा में कई महत्वपूर्ण निर्माण करवाए थे। इनमें वाटसन हाई स्कूल, केनाल और यह क्लॉक टॉवर प्रमुख हैं। धोंधडीहा उस समय एक महत्वपूर्ण चौक हुआ करता था। यहां से झंझारपुर सहित चारों दिशाओं में अलग-अलग प्रखंड जुड़ते थे। ऐसे में क्लॉक टॉवर लोगों को समय के साथ दिशा बताने का भी काम करता था। आज भी यह टॉवर चौक इलाके के लिए रोड मैप की तरह कार्य करता है।

मरम्मत के बाद नई चमक के साथ खड़ा है टॉवर

कुछ साल पहले यह ऐतिहासिक टॉवर जर्जर स्थिति में था। बाद में जल संसाधन मंत्रालय के प्रयास से इसकी मरम्मत कराई गई। उस समय संजय झा के पास यह मंत्रालय था। उनके द्वारा करवाए गए पुनर्निर्माण के बाद आज यह क्लॉक टॉवर बेहद आकर्षक और मजबूत रूप में खड़ा है। नई बड़ी घड़ी और साफ-सुथरे ढांचे के साथ यह टॉवर फिर से स्थानीय लोगों के लिए समय और दिशा दोनों बताने का भरोसेमंद केंद्र बन गया है।

आज 'टावर चौक' नाम से मशहूर

धोंधडीहा में स्थित यह स्थान अब "टावर चौक" के नाम से प्रसिद्ध है। यहां से धोंधडीहा रेलवे स्टेशन, बड़ा बाजार, ब्लॉक रोड समेत कई महत्वपूर्ण जगहों तक आसानी से जाया जा सकता है। स्थानीय लोगों के लिए यह टॉवर सिर्फ एक पुरानी इमारत नहीं, बल्कि उनकी धरोहर, पहचान और इतिहास से जुड़ी एक भावनात्मक स्मृति है।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

पीवीसी पाइप तकनीक से घर में उगाएं ताज़ी हरी प्याज

हरी प्याज हल्की व पोषक मिट्टी में तेजी से बढ़ती है। इसके लिए 50% गार्डन मिट्टी, 30% कंपोस्ट और 20% कोकोपीट या रेत का मिश्रण सबसे उपयुक्त माना जाता है। पाइप को ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए, जहां 4 से 5 घंटे की हल्की धूप मिल सके।

Green onion cultivation
घर में हरी प्याज की खेती (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar08 Dec 2025 02:11 PM
bookmark

घर में सब्ज़ियां उगाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है, और अब इसी कड़ी में हरी प्याज की खेती के लिए पीवीसी पाइप तकनीक लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। इस तकनीक की मदद से कम जगह, कम पानी और बेहद कम मेहनत में ताज़ी स्प्रिंग ऑनियन उगाई जा सकती है। शहरों में रहने वाले लोग इसे एक स्मार्ट किचन गार्डनिंग उपाय के रूप में अपना रहे हैं।

तकनीक के खास फायदे

4 से 6 इंच चौड़े पीवीसी पाइप को दीवार, बालकनी, छत या छोटे गार्डन में आसानी से लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक पारंपरिक खेती की तुलना में यह तरीका कई मायनों में उपयोगी है। मिट्टी की मात्रा सीमित होने के कारण इसमें रोग और कीटों का असर कम होता है। साथ ही एक बार लगाए गए बल्ब से बार-बार हरी प्याज पाई जा सकती है, जिससे लागत भी कम आती है।

कैसे तैयार करें पाइप गार्डन

सबसे पहले पीवीसी पाइप के दोनों सिरों को कैप से बंद कर उसमें मिट्टी और ऑर्गेनिक खाद भर दी जाती है। पाइप में 8 से 10 सेमी की दूरी पर 2 से 3 इंच चौड़े छेद किए जाते हैं, जहां स्प्रिंग ऑनियन के बल्ब लगाए जाते हैं। नीचे छोटे ड्रेनेज होल बनाना भी जरूरी है ताकि अतिरिक्त पानी जमा न हो।

मिट्टी और धूप का खास ध्यान

हरी प्याज हल्की व पोषक मिट्टी में तेजी से बढ़ती है। इसके लिए 50% गार्डन मिट्टी, 30% कंपोस्ट और 20% कोकोपीट या रेत का मिश्रण सबसे उपयुक्त माना जाता है। पाइप को ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए, जहां 4 से 5 घंटे की हल्की धूप मिल सके।

सही देखभाल के साथ पीवीसी पाइप में उगाई गई स्प्रिंग ऑनियन 25 से 30 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। खास बात यह है कि सिर्फ ऊपरी हिस्सा काटने पर जड़ वहीं रहने से 7 से 10 दिन में नई पत्तियां फिर से निकल आती हैं। यह तकनीक कम जगह वाले घरों में भी ताज़ी हरी प्याज उगाने का आसान और टिकाऊ तरीका बनती जा रही है।


संबंधित खबरें