AI Fake Call : दुनिया में बढ़ती टेक्नोलॉजी लोगों के लिए कई रास्ते खोल रही है। लेकिन वही कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इसी तक लोधी का गलत उपयोग करके लोगों को और समाज को हानि पहुंचा रहे हैं। हाल ही में एक नई धोखाधड़ी की शुरुआत की गई है। जहां ठग AI कॉल के जरिए लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते चलन के साथ फर्जी कॉल्स के जरिए धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ गए हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों की आवाज में लोगों से पैसों की मदद मांगी जाती है। लोगों को बाद में पता चलता है कि उनका पैसा डूब गया है।
AI Fake Call :
AI कॉल से हो रही ठगी
अभी तक हमने बैंक या क्रेडिट-डेबिट कार्ड के नाम से आने वाले कॉल्स के जरिए फ्रॉड के बारे में सुना था। साइबर अपराधी ओटीपी पूछकर लोगों के खातों से पैसे उड़ा लेते हैं। जब इस तरह की धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता फैली तो साइबर क्रिमिनल्स ने दूसरे तरीके ईजाद कर लिए, इनमें से एक तरीका AI कॉल के साथ स्कैम करना है. साइबर क्रिमिनल्स ने लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए यह नई तरकीब ईजाद की है। दोस्तों और रिश्तेदारों की आवाज में लोगों के पास फर्जी कॉल आते हैं और कुछ समय बाद उनके साथ धोखा हो जाता है।
जिस तरह से टेक्नोलॉजी अपनी रफ्तार बढ़ा रही है, लोगों को ठगने के नए-नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने जहां पूरी दुनिया को अपनी काबिलियत से हैरान कर दिया है, वहीं साइबर अपराधियों ने भी ठगी का नया तरीका ढूंढ निकाला है। अब ये लोग ठगी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल करने लगे हैं।
AI कॉल की नहीं होती पहचान
एक ऑनलाइन सिक्योरिटी फर्म McAfee के सर्वे से पता चला है कि 69% इंडियंस असली और AI द्वारा किए गए नकली वॉयस कॉल के बीच फर्क नहीं समझ पाते हैं। यह आंकड़ा बताता है कि लोगों को कितनी आसानी से अपना शिकार बनाया जा सकता है। लगभग आधे (47%) भारतीयों ने या तो खुद एआई कॉल स्कैम का अनुभव किया है या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने AI वॉयस स्कैम का अनुभव किया है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 83% इंडियंस ने माना कि फेक कॉल्स की वजह से उनके पैसे डूब गए। ये शातिर अपराधी मासूम लोगों को AI के जरिए कॉल करते हैं। कॉल पर किसी दोस्त या रिश्तेदार की आवाज में पैसों के लिए मदद मांगी जाती है। कॉल पर दावा किया जाता है कि वे फंस गए हैं या फोन या वॉलेट चोरी हो गया है. ऐसे कई बहानों से पैसे वसूलने की कोशिश की जाती है।
अपना बता के करते है ठगी
ज्यादातर लोग कॉल को असली समझकर मदद के लिए आगे आते हैं। इसके बाद उन्हें एहसास होता है किउनके साथ धोखा हो गया। 48% लोगों ने माना कि AI कॉल के जाल में फंसकर उन्होंने 50,000 रुपये से ज्यादा की रकम गंवाई है। इस सर्वे में सात देशों के 7,054 लोगों से सवाल पूछे गए, जिनमें 1,010 भारतीय थे।