जाने गांधी परिवार और धार्मिक विविधता की कहानी
नेहरू-गांधी परिवार का इतिहास केवल सत्ता और राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके निजी रिश्ते भी भारतीय समाज की विविधता और बदलते सामाजिक मूल्यों को दर्शाते रहे हैं।

देश की राजनीति में दशकों तक अहम भूमिका निभाने वाला नेहरू-गांधी परिवार एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह राजनीतिक नहीं, बल्कि निजी जीवन से जुड़ी एक खबर है। प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के बेटे रेहान वाड्रा की सगाई की खबरों के बाद गांधी परिवार से जुड़े रिश्तों और उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि को लेकर दिलचस्प चर्चा शुरू हो गई है।
इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से विवाह किया था, जो पारसी समुदाय से आते थे। उस दौर में यह विवाह सामाजिक समरसता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया। यह रिश्ता अपने समय से आगे की सोच को दर्शाता था।
राजीव गांधी और सोनिया गांधी
बता दें कि इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी ने इटली में जन्मीं सोनिया गांधी से विवाह किया। सोनिया गांधी एक रोमन कैथोलिक ईसाई परिवार से थीं। बाद में उन्होंने भारतीय नागरिकता ली और भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।
संजय गांधी और मेनका गांधी
बता दें कि संजय गांधी और मेनका गांधी की शादी भी काफी चर्चा में रही है। मेनका गांधी का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था और विवाह के बाद भी उन्होंने हिंदू परंपराओं का पालन किया। यह रिश्ता राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना गया है।
प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा
बता दें कि प्रियंका गांधी का विवाह उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा से हुआ। रॉबर्ट वाड्रा की धार्मिक पहचान को लेकर समय-समय पर अलग-अलग दावे सामने आए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें ईसाई बताया गया, जबकि बाद में हिंदू धर्म अपनाने की बातें भी कही गईं। हालांकि इस पर परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं रहा है।
रेहान वाड्रा और अवीवा बेग
अब गांधी परिवार की नई पीढ़ी चर्चा में है। खबरों के अनुसार रेहान वाड्रा ने अपनी गर्लफ्रेंड अवीवा बेग से सगाई कर ली है। दोनों के परिवारों की सहमति की बात कही जा रही है। हालांकि अवीवा बेग के धर्म को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
निजी फैसले और बदलता सामाजिक नजरिया
गांधी परिवार के यह रिश्ते इस बात की ओर इशारा करते हैं कि व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने परंपराओं से हटकर अपनी पसंद और आपसी समझ को प्राथमिकता दी। यह कहानी केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि बदलते भारतीय समाज और उसकी सोच की भी झलक पेश करती है।
देश की राजनीति में दशकों तक अहम भूमिका निभाने वाला नेहरू-गांधी परिवार एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह राजनीतिक नहीं, बल्कि निजी जीवन से जुड़ी एक खबर है। प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के बेटे रेहान वाड्रा की सगाई की खबरों के बाद गांधी परिवार से जुड़े रिश्तों और उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि को लेकर दिलचस्प चर्चा शुरू हो गई है।
इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से विवाह किया था, जो पारसी समुदाय से आते थे। उस दौर में यह विवाह सामाजिक समरसता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया। यह रिश्ता अपने समय से आगे की सोच को दर्शाता था।
राजीव गांधी और सोनिया गांधी
बता दें कि इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी ने इटली में जन्मीं सोनिया गांधी से विवाह किया। सोनिया गांधी एक रोमन कैथोलिक ईसाई परिवार से थीं। बाद में उन्होंने भारतीय नागरिकता ली और भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।
संजय गांधी और मेनका गांधी
बता दें कि संजय गांधी और मेनका गांधी की शादी भी काफी चर्चा में रही है। मेनका गांधी का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था और विवाह के बाद भी उन्होंने हिंदू परंपराओं का पालन किया। यह रिश्ता राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना गया है।
प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा
बता दें कि प्रियंका गांधी का विवाह उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा से हुआ। रॉबर्ट वाड्रा की धार्मिक पहचान को लेकर समय-समय पर अलग-अलग दावे सामने आए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें ईसाई बताया गया, जबकि बाद में हिंदू धर्म अपनाने की बातें भी कही गईं। हालांकि इस पर परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं रहा है।
रेहान वाड्रा और अवीवा बेग
अब गांधी परिवार की नई पीढ़ी चर्चा में है। खबरों के अनुसार रेहान वाड्रा ने अपनी गर्लफ्रेंड अवीवा बेग से सगाई कर ली है। दोनों के परिवारों की सहमति की बात कही जा रही है। हालांकि अवीवा बेग के धर्म को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
निजी फैसले और बदलता सामाजिक नजरिया
गांधी परिवार के यह रिश्ते इस बात की ओर इशारा करते हैं कि व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने परंपराओं से हटकर अपनी पसंद और आपसी समझ को प्राथमिकता दी। यह कहानी केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि बदलते भारतीय समाज और उसकी सोच की भी झलक पेश करती है।











