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Assam- नागरिकता मामले में बेटे की मौत के 9 साल बाद 83 वर्षीय महिला भारतीय घोषित

Assam

83 वर्षीय महिला घोषित हुई भारतीय (Social Media)

Assam- असम राज्य के कछार जिले की रहने वाली 83 वर्षीय अकोल रानी नामासुद्र (Akol Rani Namasudra)की नागरिकता पर 22 साल पहले सवाल उठाया गया था। अब बुधवार को विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा इनके द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को वैद्य मानते हुए इन्हें भारतीय नागरिक घोषित कर दिया गया है।

बेटे के मौत के 9 साल बाद घोषित हुई भारतीय –

अकोल रानी नामासुद्रा के बेटे अर्जुन नाम स्तोत्र ने साल 2012 में विदेशी न्यायाधिकरण के तरफ से नागरिकता साबित करने के नोटिस मिलने पर आत्महत्या कर ली थी। जबकि इनकी बेटी अंजलि राय ने साल 2013 भारतीय नागरिक होने के सभी दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत कर यह मामला जीता था। बेटे की मौत के 9 साल बाद अब अकोल रानी को भारतीय नागरिक घोषित कर दिया गया है। समझ नहीं आता कि विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए इस फैसले से अकोल रानी को खुश होना चाहिए या दुखी। क्योंकि इसी नागरिकता की वजह से 9 साल पहले अकोल रानी को अपने बेटे को खोना पड़ा था।

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खुद को भारतीय साबित करने के लिए अकोल रानी ने पेश किए विश्वसनीय सबूत –

विदेशी न्यायाधिकरण के सदस्य धर्मेंद्र देव ने बुधवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि -‘असम (Assam) राज्य के कछार जिले के कटीगोरा थाना क्षेत्र के हरितीकोर गांव की रहने वाली अकोल रानी नामसुद्र ने खुद को भारतीय साबित करने के लिए ठोस विश्वसनीय और स्वीकार्य साक्ष्य एकत्रित कर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने प्रस्तुत किए हैं। पेश किए गए सबूतों में यह स्पष्ट रूप से कानूनन 1 जनवरी 1966 से पहले की अवधि से भारतीय होने के साथ-साथ असम (Assam) राज्य में अपनी उपस्थिति के तथ्य को साबित करने में सफल रही हैं। इसलिए मेरी राय है कि अकोल रानी नाम शुद्ध भारतीय नागरिक है और वह विदेशी नहीं है।”

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और इस तरह से 22 साल के कड़े संघर्ष के बाद आखिरकार अकोल रानी खुद को भारतीय साबित करने में सफल हो गई हैं।

 

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