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Barcode for animals- मुंबई के 23 वर्षीय इंजीनियर ने आवारा पशुओं के लिए बनाया क्यूआर कोड

Barcode For animals

Barcode For animals- मुंबई महाराष्ट्र के रहने वाले 23 वर्षीय इंजीनियर अक्षय (Akshay Ridlan) ने आवारा जानवरों के लिए एक क्यूआर कोड डेवलप किया है, जिसकी मदद से यदि कुत्ते और बिल्लियों जैसे जानवर अपने एरिया से गायब हो जाते हैं तो आसानीपूर्वक उन्हें उनके सही स्थान पर पहुंचाया जा सकेगा।

जानवरों के लिए बनाए गए क्यूआर कोड को जब स्कैन किया जाएगा तो उस उस जानवर से जुड़ी सभी बेसिक जानकारी के साथ साथ जानवर के केयरटेकर का फोन नंबर भी सामने आ जाएगा। जिससे आसानी पूर्वक उसे उसके सही मालिक तक पहुंचाया जा सकेगा। यह क्यूआर कोड जानवरों के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद साबित होगा।

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जानवर के गले पर लटकाया जा सकेगा क्यूआर कोड –

अक्षय ने ‘Pawfriend.in’ के नाम से QR-code विकसित किया है,जिसे जानवरों के गले पर लटका दिया जाएगा। जिससे जब भी किसी व्यक्ति की नजर किसी आवारा पशु पर पड़ेगी तो वह आसानी से उसके गले में लटके क्यूआर कोड को स्कैन कर, उसके बारे में जानकारी हासिल कर आसानी पूर्वक उसके सही स्थान पर पहुंचा सकेगा।

Barcode For Animals-

आवारा पशु के खोने के बाद क्यूआर कोड विकसित करने का आइडिया आया –

आवारा पशुओं के लिए बारकोड विकसित करने वाले इंजीनियर अक्षय का कहना है कि -“हाल ही में मैंने अपना एक आवारा कुत्ता खोया है, जिसका नाम कालू था। इसी के बाद मुझे qr-code विकसित करने का आईडिया दिमाग में आया। हालांकि पहले जानवरों के अंदर माइक्रोचिप डालकर उनके बारे में जानकारी रखने जैसे आइडिया थे, लेकिन यह महंगे होने के साथ-साथ जानवरों के अंदर डालने पर उन्हें परेशानी भी देते थे। ऐसे में आसान तरीके व कम खर्चे में टेक्नोलोजी बेस्ट सॉल्यूशन ही मुझे सही लगा जानवरों की सहायता करने के लिए”।

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