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Bharat Jodo Yatra : भाजपा और संघ की विभाजनकारी विचारधारा से मुकाबले का जरिया है ‘भारत जोड़ो यात्रा’ : कांग्रेस

Bharat Jodo Yatra

'Bharat Jodo Yatra' is a means of countering the divisive ideology of BJP and Sangh: Congress

शामली। कांग्रेस ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली जाने वाली अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘विभाजनकारी’ विचारधारा से मुकाबले का जरिया करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह यात्रा कोई ‘इवेंट’ नहीं, बल्कि एक ‘मूवमेंट’ है, जो जारी रहेगा।

Bharat Jodo Yatra

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान शामली के ऊंचा गांव में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह चुनाव जिताऊ यात्रा नहीं है। यह भारत को जोड़ने की यात्रा है। पहली बार कांग्रेस ने विचारधाराओं के मुकाबले को पहचाना है। हमें विचारधारा की जो जंग कई साल पहले लड़नी थी, आज हम इस स्थिति में हैं कि हम कह सकते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से हम विचारधारा के मुकाबले में उतरे हैं।

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रमेश ने कहा कि देश में इस वक्त दो विचारधाराओं के बीच सीधी टक्कर है। एक भाजपा और संघ की विचारधारा है और दूसरी कांग्रेस की विचारधारा है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से कांग्रेस संगठन में नयी ऊर्जा पैदा हुई है। यह संगठन के लिए एक संजीवनी है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कोई इवेंट नहीं है। यह एक मूवमेंट है, जो चलता रहेगा। यह यात्रा वोट के लिए नहीं निकाली जा रही है।

Bharat Jodo Yatra

जयराम रमेश ने कहा कि चुनावों पर इस यात्रा का क्या असर होगा, यह मैं नहीं कह सकता। चुनावी राजनीति अलग है। वह हमारे संगठन पर निर्भर करता है। आरएसएस की ‘विभाजनकारी’ सोच का जहर हमारे समाज में हर कोने में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अनेकता में एकता की भावना को दबाने की जो कोशिश की गई है, उसे विफल करने के लिए पांच साल, 10 साल, 15 साल तक लगेंगे। हम इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रेडियो पर प्रसारित किए जाने वाले प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा, मन की बात की यात्रा नहीं है। इसमें राहुल गांधी बोलते कम हैं और सुनते ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा भाषणबाजी का मौका नहीं है। समाज के अलग-अलग वर्ग-किसान, दलित, आदिवासी, महिलाएं, युवा और पूर्व सैनिक यात्रा के दौरान राहुल से मिलते हैं। उनके साथ पदयात्रा करते हैं। दोपहर में उनके साथ बैठक की जाती है। आज भी दो बैठकें होंगी। कल भी दो बैठकें हुई थीं। यह यात्रा जनता की चिंताएं समझने के लिए निकाली गई है।

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