Satyapal Malik : जम्मू कश्मीर समेत अनेक प्रदेशों के राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक के मामले में बड़ा अपडेट आया है। CBI ने खुलासा किया है कि छापे में पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर से CBI को कुछ भी नहीं मिला है। CBI ने सत्यपाल मलिक, उनके सहयोगियों तथा रिश्तेदारों के घरों व दफ्तरों पर छापा मारा था। जिस मामले में सत्यपाल मलिक क्या छापा मारा गया था। उसे मामले का खुलासा गवर्नर रहते हुए खुद सत्यपाल मलिक ने किया था। 2200 करोड़ के ठेके की फाइल पर हस्ताक्षर करने के बदले उन्हें 300 करोड रुपए की रिश्वत का ऑफर मिला था।
CBI ने गुरुवार को मारा था सत्यपाल मलिक के घर छापा
आपको बता दें कि गुरुवार को CBI ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आवास तथा उनके परिचितों के 29 ठिकानों पर छापा मारा था। छापे की इस कार्रवाई को चिनाब नदी पर चल रहे कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जोडक़र देखा जा रहा है। यह कीरु प्रोजेक्ट 2200 करोड रुपए का है। इस प्रोजेक्ट के ठेके में बड़े भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है। पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने ही सबसे पहले इस घोटाले का जिक्र किया था। अब CBI ने खुलासा किया है कि CBI को छापेमारी में सत्यपाल मलिक के घर से कुछ भी नहीं मिला है। सब जानते हैं कि सत्यपाल मलिक ने कहा था कि उनके पास केवल चार-पांच कुर्ते हैं। सीबीआई को उनके पास से कुछ नहीं मिलेगा। सीबीआई के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि छापेमारी में CBI को पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है।
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सत्यपाल मलिक पर छापे की व्यापक चर्चा
आपको यह भी बता दें कि पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक तथा उनके रिश्तेदारों के घरों पर CBI के छापों की सर्वत्र चर्चा हो रही है। हर कोई सवाल उठा रहा है कि जब सत्यपाल मलिक ने साफ कर दिया था कि उन्हें ठेके की फाइल क्लीयर करने के लिए 300 करोड़ रुपए की घूष का ऑफर दिया गया था। इस ऑफर के बावजूद उन्होंने ठेके की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए थे फिर भला इस मामले में सीबीआई … सत्यपाल मलिक को क्यों घसीट रही है। सभी लोग कह रहे हैं कि सत्यपाल मलिक के ऊपर मर गया छाप शुद्ध रूप से राजनीतिक करवाई है।
घोटाले वाला प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट को चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड (CVPPPL) नाम की कंपनी बना रही है। इस कंपनी में केंद्र सरकार की नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CVPPPL) की 51 प्रतिशत और जम्मू-कश्मीर की जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (JKSPDC) की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ये प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बन रहा है। ये एक रन ऑफ रिवर प्रोजेक्ट है। यानी, नदी के पानी के बहाव की ऊर्जा का इस्तेमाल कर बिजली पैदा की जाएगी।
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इसके तहत, चिनाब नदी पर एक बांध बनाया जा रहा है जिसकी ऊंचाई 135 मीटर है. चार पावरहाउस होंगे और हर एक से 156 मेगावॉट की बिजली पैदा की जाएगी। यानी, कुल मिलाकर 624 मेगावॉट बिजली.इसका शिलान्यास फरवरी 2019 में किया गया था। इस प्रोजेक्ट की लागत 4,287 करोड़ रुपये है। 2025 तक इसे पूरा करने का टारगेट है। ये पूरा मामला इसी टेंडर से जुड़ा हुआ है। 2019 में इस प्रोजेक्ट से जुड़े सिविल वर्क का कॉन्ट्रैक्ट पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिया गया। ये कॉन्ट्रैक्ट 2,200 करोड़ रुपये का था। दर्ज एफआईआर में आरोप है कि 2,200 करोड़ रुपये का ये टेंडर जारी करते वक्त गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया।
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