Bilkis Bano Case: वर्ष 2002 में हुए बिलकिस रेप मामले में आरोपियों की रिहाई पर पुनर्विचार करने की मांग को लेकर बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बिलकिस ने 13 मई को दिए गए आदेश पर दुबारा विचार किए जाने की मांग की है। जिस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उनके वकील द्वारा सीजेआई के समक्ष आज मामले का उल्लेख किए जाने के बाद वह याचिका पर गौर करेंगे।
Bilkis Bano Case
आपको बता दें कि वर्ष 2002 के गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों की जल्द रिहाई की देशव्यापी आलोचना हुई और गुजरात सरकार के फैसले पर सवाल उठाने वाली कई याचिकाएं शीर्ष अदालत में दायर की गईं। जैसा कि मामलों की सुनवाई चल रही है, बिलकिस बानो के वकील ने बुधवार को सजा में कमी को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की।
बिलकिस बानो ने कोर्ट के मई में दिए उस आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की है, जिसमें रिहाई का फैसला गुजरात सरकार पर छोड़ा गया था। इसके अलावा बिलकिस बानो ने सभी दोषियों की रिहाई के खिलाफ भी याचिका दाखिल की है।
2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए 11 लोगों को दोषी ठहराया गया। जिसके बाद इसी साल 15 अगस्त को सभी आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने छूट के खिलाफ दायर पहले की याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें गुजरात सरकार ने कहा कि उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें छूट दी गई थी।