Thursday, 25 April 2024

COP-27 जलवायु समझौते का पहला मसौदा प्रकाशित, भारत को मिली निराशा

COP-27: मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन समझौते का पहला औपचारिक मसौदा शुक्रवार को प्रकाशित हुआ, जिसमें एक बार…

COP-27 जलवायु समझौते का पहला मसौदा प्रकाशित, भारत को मिली निराशा

COP-27: मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन समझौते का पहला औपचारिक मसौदा शुक्रवार को प्रकाशित हुआ, जिसमें एक बार फिर सभी जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल चरणबद्ध तरीके से बंद करने के भारत के आह्वान को छोड़ दिया गया और इसमें हानि एवं क्षतिपूर्ति वित्तपोषण से संबंधित कोई प्रस्ताव शामिल नहीं किया गया।

COP-27

इसमें इस बात की पुन: पुष्टि की गई कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए उत्सर्जन में त्वरित और गंभीर तौर पर कटौती की आवश्यकता है।

हानि एवं क्षतिपूर्ति के समाधान के लिए वित्तपोषण या एक नया कोष भारत सहित गरीब और विकासशील देशों की लंबे समय से लंबित मांग रही है-उदाहरण के लिए बाढ़ से विस्थापित लोगों को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक धन, लेकिन अमीर देशों ने एक दशक से अधिक समय से इस पर चर्चा से परहेज किया है।

विशेषज्ञों ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि अधिकतर विकासशील देशों और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ सहित कुछ विकसित देशों के समर्थन के बावजूद सभी जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के आह्वान को मसौदा पाठ में जगह नहीं मिली।

सीओपी27 के व्यापक निर्णय पर मसौदा पाठ हानि एवं क्षतिपूर्ति के समाधान के लिए धन व्यवस्था पर एक “प्लेसहोल्डर” लगाता है, जिसका अर्थ है कि पक्षों को इस मामले पर आम सहमति तक पहुंचना बाकी है।

मसौदा “असंतुलित कोयला विद्युत को चरणबद्ध तरीके से कम करने की दिशा में उपायों में तेजी लाने और राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रभावहीन जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने तथा बदलाव के लिए समर्थन की आवश्यकता को पहचानने के निरंतर प्रयासों को प्रोत्साहित करता है”।

मसौदा फिर से पुष्टि करता है कि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में त्वरित और निरंतर कटौती की आवश्यकता है, जिसमें 2010 के स्तर के सापेक्ष 2030 तक वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 45 प्रतिशत तक कम करना और शताब्दी के मध्य के आसपास उत्सर्जन स्तर शून्य के स्तर पर पहुंचाना शामिल है।

West Bengal: केंद्र और राज्य के बीच सेतु की तरह काम करुंगा: बंगाल के नव नियुक्त राज्यपाल सी वी आनंद बोस

देश दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Related Post