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Corona Update : विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोवैक्सिन को मिल सकती है मंजूरी

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन इस हफ्ते भारत के स्वदेशी कोरोना टीके कोवैक्सिन को मंजूरी दे सकता है। इसका प्रोडक्शन हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक कर रही है। इससे भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोवैक्सिन लगवा चुके लोगों को फायदा मिलेगा।

विश्व स्वास्थ संगठन से मंजूरी ना मिलने के कारण अब तक कोवैक्सिन लेने वाले लोग विदेशों की यात्रा नहीं कर पा रहे थे। मंजूरी मिलने के बाद इसे वैक्सीन पासपोर्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। कंपनी वैक्सीन को आसानी से दुनियाभर में एक्सपोर्ट भी कर पाएगी। भारत बायोटेक ने अप्रूवल के लिए WHO-जिनेवा में एप्लीकेशन दी थी। कोवैक्सिन को अब तक 13 देशों में मंजूरी मिल चुकी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक इस हफ्ते स्वेदेशी कोरोना टीका यानि कि कोवैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है जिसका प्रोडक्शन हैदराबादी कंपनी भारतीय बायोटक द्वारा किया जा रहा है। इससे भारत के अलावा दुनिया के ढेरों देशों को कोवैक्सिन लगवाने वाले लोगों को बहुत फायदा मिलने वाला है।

ब्लूएचओ को अप्रूवल नहीं दिया गया था जिसके बाद कोवैक्सिन लगाने वाले लोग को विदेश में यात्रा करने में परेशानी हो रही थी। इसको मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन पासपोर्ट की तरह इसको आसानी से इस्तेमाल कर पाएंगे। कंपवू वैक्सीन को आसानी से दुनिया में एक्सपोर्ट भी कर सकती है। भारत बायोटेक द्वारा अप्रूवल दिलाने के लिए ब्यूएचओ ने जिनेवा में एप्लीकेशन दिलाया गया था। कोवैक्सीन को अभी तक 13 देशों में मंजूरी दी जा चुकी है।

संक्रमण पर कौवैक्सिन है असरदार

कोवैक्सिन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मिलकर तैयार किया है। फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल्स पूरा होने के बाद कंपनी ने दावा किया था कि वैक्सीन की क्लिनिकल एफिकेसी 78% है जिसका मतलब है कि यह कोरोना इन्फेक्शन को रोकने में 78% काफी असरदार है। मिली जानकारी के मुताबिक जिन्हें ट्रायल्स में यह वैक्सीन दी गई थी, उनमें से किसी में भी गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं। यानी गंभीर लक्षणों को काबू करने के लिए इसका असर 100 प्रतिशत है।

सभी वेरिएंट पर वैक्सीन है असरदार

कोवैक्सिन बनाने में आसीएमआर द्वारा दावा किया गया है कि वैक्सीन हर तरह के वेरिएंट को रोकने में प्रभावी है। यूके ही नहीं बल्कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट्स में भी बल्कि भारत के 10 से ज्यादा राज्यों में सामने आए डबल म्यूटेंट वैरिएंट के ऊपर भी ये काफी असरदार साबित हो चुकी है।

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