New Delhi : नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री (Dy. CM) मनीष सिसोदिया (Maneesh Sisodia) पर सीबीआई (CBI) ने शिकंजा कस दिया है। उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (Lookout Circular) जारी किया गया है। इसके अलावा 13 अन्य लोगों के खिलाफ भी सर्कुलर जारी किया गया है। इनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है। माना जा रहा है कि इस सर्कुलर के बाद मनीष की जल्द की गिरफ्तारी हो सकती है।
गौरतलब है कि सीबीआई (CBI) ने दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी (New Excise Policy) की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को मनीष सिसोदिया के सरकारी आवास समेत देश में 31 स्थानों पर छापेमारी की थी। 14 घंटे चली कार्रवाई के दौरान सिसोदिया का मोबाइल, लैपटॉप जब्त किया गया था। सीबीआई कुछ दस्तावेज भी अपने साथ ले गई थी। मनीष सिसोदिया पर आईपीसी की धारा 120बी, 477ए और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत केस दर्ज हुआ है। इनमें से आईपीसी की धारा 120बी और पीसी एक्ट की धारा 7 दोनों पर ईडी जांच में शामिल हो सकती है। ये दोनों धाराएं पीएमएलए के तहत शेड्यूल्ड ऑफेंस में आती हैं। इस केस में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। अन्य आरोपियों में दिल्ली के एक्साइज कमिश्नर रहे अरुण गोपी कृष्ण, डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी, असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर पंकज भटनागर, 9 कारोबारी और दो कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा एफआईआर में 16वें नंबर पर अननोन पब्लिक सर्वेंट और प्राइवेट पर्सन का जिक्र है। यानी जांच एजेंसी आगे कुछ और लोगों के नाम भी थ्प्त् में जोड़ सकती है।
आईपीसी की धारा 120बी और पीसी एक्ट की धारा 7 यानी पीएमएलए के तहत केस दर्ज होने की वजह से अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो सकती है। वहीं सीबीआई की जांच भी लगातार जारी रहेगी। पश्चिम बंगाल में हाल ही में शिक्षक भर्ती घोटाले में ऐसा देखा गया था, जब सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने कार्रवाई की। सीबीआई सूत्रों ने दावा किया कि नई एक्साइज पॉलिसी को उपराज्यपाल की मंजूरी के 6 दिन बाद ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसमें बदलाव किए थे। यह एलजी की जानकारी के बिना किया गया था। एलजी ने 24 मई 2021 को मंजूरी दी। मगर 31 मई 2021 को सिसोदिया के कहने पर इसमें कुछ नियम बदल दिए गए।