Sex Education : क्यों जरूरी है हर उम्र में सेक्स की शिक्षा, पढ़ें कामसूत्र

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Sex Education: Why sex education is necessary at every age, read Kamasutra
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calendar02 Dec 2025 01:57 AM
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Sex Education :  आमतौर पर आज भी Sex Education का नाम सुनते ही लोग गुस्से से लाल-पीले हो जाते हैं। सवाल पूछने लगते हैं कि यह कौन सी एजुकेशन है? यह कोई पढऩे की चीज है? आम लोगों का मानना है कि Sex Education  कोई पढऩे का विषय नहीं है। इस विषय में विशेषज्ञों का मत है कि अगर बच्चों को जीवन की शुरूआत में ही Sexके बारे में सही जानकारी न दी जाए, तो आगे चलकर बढ़ती उम्र और हार्मोंनल बदलाव के आधार पर बच्चों को इंटरनेट पर आधी-अधूरी जानकारी मिलती है। जिससे उनको सेक्स से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं और गलत आदतों का सामन करना पड़ सकता है। सही जानकारी न होने से सेक्स के दौरान और उसके बाद न केवल आपको, बल्कि आपके पार्टनर को भी कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। शिक्षित वर्ग के नागरिक चाहते हैं कि आज के बच्चों को सेक्स एजुकेशन (Sex Education )देना बेहद आवश्यक है। उनको यह मालूम होना चाहिए की सेक्स एजुकेशन (Sex Education) क्या है? सेक्स एजुकेशन की सही जानकारी न होने से कुछ लोग अपने हार्मोन्स पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। जिसके चलते उनसे कई तरह की गलतियां हो जाती है। - कई बार आपने अपने बच्चे के मुंह से सुना होगा की मम्मी ये बच्चे कैसे पैदा होते हैं ? Sex क्या होता है? बच्चों के मुंह से ये सवाल सुनते ही आप चौंक जाते हैं कि बच्चे को क्या जवाब दें। यदि बच्चों को शुरूआत में ही सेक्स एजुकेशन (Sex Education ) के बारे में बताया जाए। तो Sex उनकी लाइफ का एक साधारण हिस्सा बन सकता है। आधी अधूरी जानकारी के बाद मन में कई तरह की जागरुकता उत्पन्न होती है। Sex Education क्या है? सेक्स  एजुकेशन (Sex Education) सभी उम्र के लोगों औरमहिला-पुरुषदोनों के लिए ही जानना आवश्यक है। इसके कई पहलु हैं, आज कई देशों में सेक्स एजुकेशन (Sex Education) शिक्षा के दूसरे विषयों की तरह एक महत्वपूर्ण विषय बना दिया गया है। सेक्स एजुकेशन(Sex Education) में Sex से जुड़ी एक-एक साधारण और गंभीर बातों पर चर्चा की जाती है। हमारे देश में Sex को लेकर क्या-क्या कानून और नियम बनाए गए हैं। इसके बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। किस तरह से Sex करना हमारे समाज में लीगल माना गया है। इसकी क्या सीमाएं तय की गई हैं, इन सभी बातों की जानकारी व्यवस्थित रूप से दी जाती है। सेक्स एजुकेशन में आपको यह जानकारी भी दी जाती है कि यदि आपकी उम्र के साथ-साथ आपके हार्मोन में बदलाव होता है, तो आप इस बदलाव का सामना कैसे करें। नोट : विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सेक्स एजुकेशन (Sex Education) के बारे में यह निर्देश दिया गया था, कि 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों को  स्कूल में (Sex Education) दी जानी जरूरी है। एक खास सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है, कि जिन बच्चों को (Sex Education) दी जाती है, वह सही सुरक्षित तरीके से सही उम्र में शारीरिक संबंध बनाते हैं। (Sex Education) क्यों जरूरी है? सबसे पहले जानते हैं कि सेक्स एजुकेशन असल में है क्या ? (Sex Education)  का तात्पर्य केवलसेक्स यानि संभोगसे नहीं है, बल्कि यह आपके यौन स्वास्थ्य औरयौन समस्यासे गहराई के साथ जुड़ा हुआ है। कम जानकारी के कारण बहुत से लोगों को यौन समस्या का सामना करना पड़ता है। जबकि शरीर के बाकी हिस्सों की तरह यौन स्वास्थ्य भी हमारे स्वास्थ्य का जरूरी हिस्सा है। सेक्स एजुकेशन सेक्स से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान कराता है। जो इस प्रकार है। - सेक्स एजुकेशन में आपको सेक्स से जुड़ी सभी भावनात्मक बातों के बारे में जानकारी दी जाती है। - आपके शरीर के यौन संबंधित हिस्सों के बारे में सभी जानकारी को खुलकर बताया जाता है। - सेक्स एजुकेशन में बच्चों के जन्म से जुड़ी कई प्रकार की जानकारी दी जाती है। - सेक्स (संभोग) के प्रति आपकी जिम्मेदारी को सेक्स एजुकेशन में अच्छी तरह समझाया जाता है। - सेक्स एजुकेशन में सेक्स संयम से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्रदान की जाती है। - दो अलग लिंग के बीच होने वाले आकर्षण के बारे में भी जानकारी सेक्स एजुकेशन में दी जाती है। - सेक्स एजुकेशन में बर्थ कंट्रोल के बारे में जानकारी दी जाती है। - सेक्स एजुकेशन में प्रेग्नेंसी के बारे में भी जानकारी दी जाती है। -  सेक्स एजुकेशन में माहवारी के बारे में जानकारी दी जाती है। - शरीर में हाने वाले परिवर्तन के बारे में सभी प्रकार की जानकारियां दी जाती है। - प्रजनन से जुड़ी सभी जानकारी सेक्स एजुकेशन में दी जाती है। - सेक्स एजुकेशन में दोस्तों, प्रेमियों और उनके साथ संबंध के बारे में जानकारी दी जाती है। आप क्या करें ऊपर दिए गए विवरण से स्पष्ट है कि हमारे और हमारे बच्चों के जीवन के लिए (Sex Education) कितनी जरूरी है। आपको चाहिए कि ठीक-ठीक (Sex Education) ग्रहण करें और अपने बच्चों को भी इस महत्वपूर्ण विषय में पूरा ज्ञान प्रदान करें। भारत के महान ऋषि वात्स्यायन ने (Sex Education) की सबसे बेहतरीन व शानदार किताब लिखी है। किताब का नाम है कामसूत्र। इस किताब को पढक़र भी आप Sex का ज्ञान हासिल कर सकते हैं।

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Sex Education : भारतीय स्कूलों में कितना जरूरी है सेक्स एजुकेशन

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Sex Education: How important sex education is in Indian schools
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userचेतना मंच
calendar24 Apr 2023 04:00 PM
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Sex Education : यौन शिक्षा (Sex Education) के बारे में बात करना हमारे देश में आज भी बुरा माना जाता है। जबकि यौन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक है। वर्ष 2007 में इस शिक्षा कार्यक्रम की भारत सरकार ने पहल की थी। लेकिन, इसका लगातार विरोध होता रहा है। कई राज्यों ने अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव करके इसे लागू किया।

Sex Education :

आजकल के बदलते परिवेश में स्वास्थ्य खान पान और स्कूलों में पढ़ाया जाने वाला किताबी ज्ञान ही काफी नहीं है। अधिकतर किशोर और वयस्क हमारे शरीर के विभिन्न अंगों से परिचित हैं और वे कैसे कार्य करते हैं। लेकिन, जब सेक्स की बात आती है तो किशोरों को तो छोड़िये कई वयस्कों के पास भी पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। परिणामस्वरूप सेक्स एजुकेशन से जुड़ी भ्रांतियां, सेक्स संबंधी अंधविश्वास और इससे जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिये स्त्री-पुरुष दोनों को सेक्स के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। समाज का मानना है कि शादी से पहले यौन शिक्षा जरूरी नहीं है। उनके विचारों से यौन शिक्षा भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। देखा जाए तो लोग इस विषय या मुद्दों पर बात करना वर्जित मानते हैं। उनकी सोच है कि इस विषय पर बात करने से किशोरों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन, समय बदलने के साथ ही यौन संबंधों को लेकर धारणा भी बदली है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों पर यौन शिक्षा दी जानी अनिवार्य है। खासकर आज के समय में यह और भी जरूरी हो गया है, ताकि बच्चे उम्र के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को बेहतर तरीके से समझ सकें। साथ ही यौन क्रिया और उससे जुड़े नुकसान से भी अवगत हों।

Sex Education :

शरीर में उम्र के साथ हो रहे हार्मोनल बदलाव सुरक्षित यौन संबंध, प्रेगनेंसी, माहवारी और बर्थ कंट्रोल के बारे में बच्चों और किशोर लड़के लड़कियों को बताना सेक्स एजुकेशन कहलाता है। यौन शिक्षा एक ऐसी प्रोसेस है, जिसमें स्कूल में टीचर और घर में माता-पिता बढ़ते बच्चों को यौन संबंधी जानकारी देते हैं। एक सर्वे से इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन देशों के स्कूलों में यौन शिक्षा सही समय में बच्चों को दी गयी, वहां वे अपनी सही उम्र में बहुत ही सुरक्षित और संयमित तरीके से संबंध स्थापित किये। आज के समय में लोग इंटरनेट के माध्यम से हर चीज जान लेते हैं। इसमें से बहुत सी ठीक भी होती हैं और बहुत सी गलत भी। जो बच्चे किशोरावस्था में होते हैं, वह सेक्स की बातों को अलग ढंग से ले सकते हैं। ऐसे में यदि सही समय पर बच्चों को यौन शिक्षा दी जाये तो इससे बच्चे जिम्मेदार बनेंगे और उनका दिमाग भी विकसित होगा। वह गलत रास्ते पर जाने से पहले सोचेंगे। बच्चे बढ़ती उम्र के साथ शरीर में हो रहे बदलाव को समझ नहीं पाते और किसी से पूछते भी नहीं है, जिसकी वजह से वह अपनी जिज्ञासा को शान्त करने के लिए इंटरनेट की दुनिया में चले जाते हैं, जहां उन्हें आधी-अधूरी जानकारी मिलती है, जिसकी वजह से बहुत सी गलत चीजों को धारण कर लेते हैं। यह उनके स्वास्थ्य और समाज दोनों के लिये बहुत ही खतरनाक होती है। इसलिए ऐसी सभी चीजों से बचने के लिए स्कूलों में यौन शिक्षा जरूर देनी चाहिए। यह बहुत जरूरी है।

सरकारी और प्राइवेट स्कूलों मे यौन शिक्षा अनिवार्य

सबसे पहले सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में यौन शिक्षा अनिवार्य कर देनी चाहिए। इसमें यौन शिक्षा के सभी पहलुओं को जरूर शामिल करना चाहिए, जिससे बच्चों को सेक्स के बारे में जानकारियां हों। सिर्फ लड़कियों को ही नहीं, बल्कि लड़कों को भी मासिक धर्म के बारे में पता होना चाहिए, ताकि लड़का और लड़की दोनों शरीर में होने वाली प्राकृतिक घटना के रूप में इसे स्वीकार कर सकें। गर्भावस्था, यौन संचारित रोग (एसटीडी) और मानव इम्यूनो वायरस (एचआईवी) के बारे में जागरूकता लाने के लिए सेक्स शिक्षा की आवश्यकता है, ताकि युवा अधिक जिम्मेदार बन सकें और सेक्स के संबंध में बेहतर निर्णय ले सकें।

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लड़कियों और लड़कों को गर्भनिरोधक और सुरक्षित सेक्स के बारे में पता होना चाहिए। बच्चों को इस बात की जानकारी दी जाये कि यौन क्रिया में भागीदारी की सही उम्र क्या है और इस क्रिया में सही उम्र का ना होना कितना नुकसानदेह साबित हो सकता है। 2 से 5 साल के बच्चे बहुत छोटे होते हैं। उन्हें सही गलत का पता नहीं होता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में बताया जाये। यह भी यौन शिक्षा का एक हिस्सा है। इसे लेकर बच्चों में समझ विकसित हो कि कौन व्यक्ति सही और कौन गलत है। सही उम्र में बच्चों को यौन शिक्षा देना शुरू कर देना चाहिए। वहीं, बच्चों की उम्र के हिसाब से ही इस बात का निर्धारण करना चाहिए कि बच्चे को कब और किस उम्र में कितनी जानकारी देना उचित है। बबिता आर्या
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Sex Education : Sex एजुकेशन जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है

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Sex Education: Why sex education is necessary at every age, read Kamasutra
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calendar01 Dec 2025 11:31 PM
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  Sex Education :  SEX और इससे जुड़ा हुआ सही ज्ञान हर स्त्री पुरुष के जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है । हमारे देश में मेडिकल कॉलेज तक में सेक्स एजुकेशन(Sex Education ) नहीं दी जाती जिसके परिणामस्वरूप सेक्स संबंधी अंधविश्वास, भ्रांतियां और इससे जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यदि सही उम्र में यौन शिक्षा दी जाए तो किशोर मातृत्व, अनचाहे गर्भ, यौन अपराध, गुप्त रोग तथा एड्‍स जैसी गंभीर और लाइलाज बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही सेक्स संबंधी समस्याएं जैसे- हस्तमैथुन से उत्पन्न अपराधबोध, नपुंसकता, स्वप्नदोष, धातु रोग और लिंग के आकार को लेकर विभिन्न भ्रांतियों से भी आसानी से मुक्त हुआ जा सकता है। सबसे बड़ी ज़रूरत यौन शिक्षा के विषय पर देशव्यापी बहस की जरूरत है, बदलते परिवेश और युवाओं की जिज्ञासाओं को देखते हुए 9वीं-10वीं कक्षा से सेक्स एजुकेशन (Sex Education )दी जानी चाहिए । सब जानते हैं कि 13-14 वर्ष की उम्र में लड़के-लड़कियों में शारीरिक परिवर्तन होते हैं। समय पर सही यौन शिक्षा मिलने से लड़के-लड़कियां अपने शारीरिक परिवर्तनों से घबराएंगे नहीं, नकारात्मक रूप से नहीं सोचेंगे और शार‍ीरिक परिवर्तनों को सहज रूप से लेकर जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। दुर्भाग्य से हमारे देश में सेक्स संबंधी वैज्ञानिक व तार्किक पहुलओं पर खुलेआम चर्चा नहीं होती। इस विषय पर बात करना भी वर्जित माना गया, जबकि गुप्तांग भी शरीर के वैसे ही अंग हैं, जैसे ‍कि अन्य अंग। लाभ ही लाभ हैं SEX education के क्या सेक्स एजुकेशन (Sex Education ) से लड़के-लड़कियों में प्रयोग करने यानि Sex का practical करने की प्रवृत्ति नहीं बढ़ेंगी ? इस सवाल का जवाब हमें स्वीडन, नार्वे तथा अन्य कईं देशों के अनुभवों से मिलता है ।आंकडे बताते हैं कि सही यौन शिक्षा मिलने के बाद सेक्स संबंधी प्रयोग करने की रुच‍ि कम होती है ।Sex की शिक्षा पा चुका युवक व युवती इस बात को समझ जाते हैं कि यह सही समय सही स्थान व उचित पात्र के साथ की जानेवाली जीवन की सबसे अमूल्य क्रिया है ।सही जानकारी से उनकी वे सभी जिज्ञासाएं शांत हो जाती हैं, जिनकी पूर्ति के लिए वे गलत सलत प्रयोग करते हैं अथवा करना चाहते हैं। इतना ही नहीं जिन देशों में यौन शिक्षा दी जाती है वहां सेक्स से जुड़े अपराध या तो होते ही नहीं है और यदि होते भी तो बेहद नगणय होते हैं । खुद करते हैं अपना नाश Sex education यानि यौन शिक्षा के अभाव में युवक , युवतियाँ, महिला अथवा पुरूष अपना खुद का नाश तो करते ही हैं समाज का भी सत्यानाश कर डालते हैं . सेक्स में असंतुष्ट व्यक्ति गलत तरीके से संतुष्टि हासिल करने के लिए ग़लत क्रियाएं करता है। इसके लिए नैतिकता का पतन, नशाखोरी की प्रवृत्ति, अश्लील साहित्य, पोर्न मूवी देखकर भी व्यक्ति यौन अपराध करता है। हस्तमैथुन के प्रति अपराधबोध भी इसका एक कारण है।एक और मज़ेदार आँकड़ा यह भी है कि जिन देशों में वेश्यालयों को लाइसेंस दिए गए वहां यौन अपराधों में कमी आई है।वहाँ के नागरिकों को वैश्याओं से Sex की शिक्षा मिलती है । मन से बड़ा सम्बन्ध सेक्स का संबंध शरीर से ज्यादा मन से होता है। ब्रेन में भी सेक्स का एक सेंटर होता है, जो विभिन्न संवेदनाओं के जरिए उत्तेजित होता है।यौन समस्याओं का कारण भले ही मानसिक हो अथवा शारीरिक, लेकिन एक बात की कमी सभी व्यक्तियों में समान रूप से पाई गई है, वह है यौन शिक्षा का अभाव। सेक्स एजुकेशन न होने से व्यक्ति सेक्स संबंधी अनेक मानसिक परेशानियों से घिर जाता है, जो कि वास्तव में होती ही नहीं हैं। आधी-अधूरी जानकारी के कारण व्यक्ति ऐसी समस्या को स्वयं विकराल बनाकर आत्मग्लानि का शिकार हो जाता है। तुरन्त क्या करें ? हमारे देश में जब तक सेक्स एजुकेशन की ठीक से व्यवस्था नहीं होती है तब तक हम अपनी युवा पीढ़ी को सेक्स का सही सही ज्ञान देने के लिए महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचित सेक्स एजुकेशन की सबसे सटीक पुस्तक कामसूत्र पढवा सकते हैं या Sex गुरू सीमा आनंद द्वारा लिखी गई पुस्तकें लेख तथा वीडियो आदि दिखा पढ़ा कर युवा पीढ़ी को सेक्स की शिक्षा दे सकते हैं ।

Sex Education : हर उम्र में जरूरी है Sex की शिक्षा, यही है सृष्टि का आधार: सीमा आनंद