Thursday, 20 March 2025

कम पढ़े-लिखे भी बन सकते हैं करोड़पति, मात्र 10वीं पास साहिल पंडिता है मिसाल

Sahil Pandita : साहिल पंडिता एक ऐसा नाम है जो करोड़ों भारतीय युवाओं के लिए बड़ी मिसाल है। साहिल पंडिता…

कम पढ़े-लिखे भी बन सकते हैं करोड़पति, मात्र 10वीं पास साहिल पंडिता है मिसाल

Sahil Pandita : साहिल पंडिता एक ऐसा नाम है जो करोड़ों भारतीय युवाओं के लिए बड़ी मिसाल है। साहिल पंडिता (Sahil Pandita) उन लोगों के लिए बहुत ही बड़ी मिसाल हैं जो बेहद कम पढ़े-लिखे हैं। साहिल पंडिता ने अपने जीवन में वह करिश्मा करके दिखा दिया है जो पढ़ाई करके बड़ी-बड़ी डिग्री हासिल करने वाले भी नहीं कर पाते हैं। आप शायद यकीन नहीं करेंगे मात्र 10वीं पास तक पढ़ने वाले साहिल पंडिता (Sahil Pandita) ने कुछ ही साल में तीन करोड़ रुपए से भी अधिक की कंपनी खड़ी कर दी है। साहिल पंडिता की यह करोड़ों की यात्रा तो बस अभी शुरू ही हुई है। साहिल पंडिता की यात्रा को तो बहुत दूर तक जाना है।

भारत के युवा वर्ग के रोल मॉडल हैं साहिल पंडिता

मूल रूप से कश्मीरी पंडित परिवार से आने वाले साहिल पंडिता भारत के युवा वर्ग के लिए बहुत बड़े रोल मॉडल (मिसाल) हैं। साहिल पंडिता की कंपनी का नाम प्रोमिलर कम्पनी है। प्रोमिलर कंपनी के संस्थापक साहिल पंडिता इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि बिना किसी पेशेवर डिग्री के आज वह अपनी खुद की कंपनी प्रोमिलर चलाते हैं। जो करोड़ों रुपये की कमाई करती है। प्रोमिलर एक होटल एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, जो होटलों को परामर्श सेवाएं प्रदान करती है। साहिल की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सफलता की इबारत लिखने में कड़ी मेहनत, धैर्य और दूरदर्शिता के साथ बढ़ाया गया हरेक कदम महत्वपूर्ण होता है, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो। आज यह युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं।

साहिल पंडिता का जन्म एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। उनके बचपन में कई उतार-चढ़ाव आए। उन्होंने बचपन में कभी भी एक स्थाई जिंदगी नहीं जीने को नहीं मिला। उनके पिता श्रीनगर में एक सरकारी बैंक में काम करते थे, लेकिन कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद उनके पिता की नौकरी छूट गई। पलायन के बाद रहने के लिए उन्हें अपने परिवार के साथ कई जगह मटकना पड़ा। कुछ समय बाद आखिरकार उनका परिवार चंड़ीगढ़ के एक छोटे से गांव में कर बस गया। हालांकि, यह समय उनके व परिवार के लिए सबसे मुश्किल था।

साहिल पंडिता को पंसद नहीं थी पढ़ाई

साहिल पंडिता को बचपन से ही पढ़ाई में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी, इसलिए उन्होंने ग्यारहवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी। उनके इस निर्णय से उनके परिवार वाले काफी परेशान भी हुए। भविष्य की चिंता में परिवार ने साहिल का दाखिला जबर्दस्ती पुणे के एक कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में करवा दिया। साहिल को यहां भी अपना भविष्य अच्छा नजर नहीं आया और वह तीन महीने में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ वापस अपने घर लौट आए। उनकी रुचि पढ़ाई से ज्यादा व्यावहारिक चीजों में थी। उनकी जिंदगी के सबसे कठिन लम्हे पुणे से वापस आने के बाद शुरू हुए। इस वक्त वह न तो पढ़ाई कर रहे थे और न ही कोई काम-धंधा। हालांकि, जैसे-तैसे उन्होंने एनआईओएस में ओपन से बारहवीं में प्रवेश लिया। पैसा कमाने की जिद में वह पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी तलाशने लगे। ज्यादा पढ़े-लिखे न होने के बावजूद अलग-अलग जगहों पर रहने के कारण वह अच्छी-खासी अंग्रेजी बोल लेते थे। अखबार में क्लार्क्स इन होटल, हुबली में नौकरी का विज्ञापन देख साहिल ने होटल मैनेजमेंट सुपरवाइजर पद के लिए इंटरव्यू दिया। हालांकि, तब उनकी अधिकतम शिक्षा दसवीं पास थी, जो उस पद के लिए पर्याप्त नहीं थी। इसलिए उन्हें सुपरवाइजर के पद पर नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन अच्छी अंग्रेजी बोलने के कारण बतौर होटल ऑपरेशन ट्रेनी के रूप में नौकरी मिल गई। तनख्वाह के रूप में तब उन्हें महज 5,500 रुपये मिलते थे।

होटल में बर्तन तक धोए साहिल पंडिता ने

साहिल पंडिता ने गेस्ट का सामान उठाने, बर्तन धोने, हाउसकीपिंग सेवाएं देने, यहां तक टॉयलेट साफ करने जैसे काम भी किए। अच्छे अवसरों की तलाश में उन्होंने हुबली में होटल डेनिसन और उसके बाद बंगलूरू में आईटीसी होटल में फ्रंट-ऑफिस असिस्टेंट के रूप में काम किया। उन्हें एक छोटे-से कमरे में कई लड़कों के साथ रहना पहता था। बिस्तर में खटमल होने के कारण साहिल कमरे में न सोकर होटल के बंकूर में ही सो जाया करते थे। कुछ समय बाद साहिल आईटीसी की नौकरी छोड़ दिल्ली के हयात रीजेंसी से जुड़ गए।

महज 22 साल की उम्र में साहिल पंडिता ने एसेट मैनेजमेंट फर्म में काम करना शुरू किया। यहां उन्हें संपत्तियों का प्रबंधन करने, वित्तीय प्रबंधन और ऑडिट जैसे काम करने का अवसर मिला। कंपनी में रहते हुए उन्होंने पेशेवरी व अपने अनुभव से स्टार्टअप के सभी गुण सीख लिए थे। अब वह खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते थे। साल 2018 में उन्होंने होटल मालिकों को सलाहकार संधाएं देने वाली एक होटल एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्रॉमिलर की स्थापना की। वितीय वर्ष 2023-24 में उनकी कंपनी प्रॉमिलर का रेवेन्यू लगभग तीन करोड़ रुपये था।

भारत के इस प्रदेश को कहा जाता है कोहिनूर

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