Sunday, 24 November 2024

आख़िर क्यों ब्राह्मणों का मुंह नहीं देखते गुर्जर समाज के लोग ,जानिए क्या है माजरा

1.गुर्जर समाज दीपावली पर श्राद्ध क्यों करता है ❓ 2. गुर्जर समाज दीपावली के दिन ब्राह्मण का मुंह क्यों नहीं…

आख़िर क्यों ब्राह्मणों का मुंह नहीं देखते गुर्जर समाज के लोग ,जानिए क्या है माजरा

1.गुर्जर समाज दीपावली पर श्राद्ध क्यों करता है ❓

2. गुर्जर समाज दीपावली के दिन ब्राह्मण का मुंह क्यों नहीं देखते ❓

3. वीर गुर्जर और पुष्कर का क्या संबंध है ❓

4. 70 वर्ष तक की उम्र होने से पहले पहले गुर्जर समाज के प्रत्येक व्यक्ति को पुष्कर जाना क्यों अनिवार्य है ❓

उत्तर – 1.👉👉 गुर्जर समाज के द्वारा दीपावाली पर श्राद्ध करने के दो कारण हैं-

।. भगवान राम के पिता राजा दशरथ को पानी भगवान राम ने दीपावाली के दिन दिया था। वनवास से आने के बाद चूंकि क्षत्रिय वीर गुर्जर सूर्यवंशी है और भगवान राम के वंशज है, इस कारण दीपावाली के दिन श्राद्ध करते हैं।

।।. पुष्कर में जब ब्रह्मा जी ने यज्ञ किया था तब सावित्री माता समय पर नहीं आई थी, पोखर चेची जिनकी जाति गुर्जर थी, उनकी पुत्री गायत्री यहां गाय चरा रही थी, ब्रह्मा जी ने यज्ञ में उसे सावित्री जी की जगह पर बैठा दिया था। सावित्री माता यज्ञशाला में पंहुची और अपनी जगह गायत्री माता को बैठी देखकर क्रोधित हो गई और आवेश में आकर गायत्री माता को वंश विनाश का श्राप दे दिया। तब गायत्री माता रोने लगी और सावित्री माता से कहा मेरे समाज को श्राप से मुक्त करो। परंतु सावित्री माता नही मानी। तब क्रोधित होकर गायत्री माता ने सावित्री माता को श्राप दिया की मैं पूर्णत निर्दोष हूं, और आपने बिना सचाईं जाने मेरे गुर्जर वंश के विनाश का श्राप बदले की भावना से दिया है। इसलिए मै तुझे श्राप देती हूं कि संपूर्ण संसार में तुझे कोई आदर सम्मान नही मिलेगा। तुम्हारी कहीं भी पूजा नहीं होगी संपूर्ण कीर्ति का विनाश होगा

गायत्री के श्राप के कारण सावित्री घबरा गई, और माफी मांगने लगी और सावित्री माता ने गायत्री माता से कहा की मेरा वचन झूठा नहीं हो सकता, इसलिए मैं तुम्हारे गुर्जर वंश की वृद्धि का उपाय बताती हूं। तब उन्होंने पितरों के तर्पण का उपाय बताया और कहा की तुम्हारे वंश की वृद्धि, समृद्धि और कीर्ति होंगी तभी से यह परम्परा निभाते आ रहें हैं गुर्जर समाज के लोग।👈👈

उत्तर 4.👉👉 सावित्री माता ने गायत्री माता से यह भी कहा था कि आपके गुर्जर समाज के प्रत्येक व्यक्ति को 70 वर्ष की उम्र होने से पहले पहले पुष्कर जाना अनिवार्य है। यही वजह है कि 70 वर्ष तक की उम्र होने से पहले पहले गुर्जर समाज के प्रत्येक व्यक्ति को पुष्कर जाना अनिवार्य है।👈👈

उत्तर 2. 👉👉जब राणा दुर्जनशाल ने भगवान देवनारायण जी जब बालक थे तब उनको मारने हेतु 4 ब्राह्मण भेजे थे और वो भगवान देवनारायणजी को मारने गए थे और उन्होंने साडू माता से झूठ बोला और उन्हें जल लाने के लिए बावड़ी पर भेज दिया और जब साडू माता वापिस आई तो चारो ब्राह्मणों में कोई अंधा, कोई लंगड़ा, किसी को सांप खाया हुआ मिला, तो चारो ब्राह्मण माता साडू के पैरो में गिर गए और माफी मांगने लगे। उन्होंने कहा की हम तो तेरे देव को मारने आए थे, पर हमे पता नहीं था कि ये बालक इतना चमत्कारी है। तब भगवन देवनारायण जी ने उन ब्राह्मणों को सही कर दिया। तब साडू माता ने ब्राह्मणों को श्राप दिया कि दीपावली के दिन गुर्जर जाति के लोग ब्राह्मण का मुंह नहीं देखेंगे।👈👈

उत्तर 3. 👉👉क्षत्रिय वीर गुर्जर समाज और पुष्कर का संबंध कई कारणों से है – गुर्जर प्रतिहार राजा दशरथ, गायत्री माता बगड़ावत राजा कर्ण गुर्जर जिसमे से तीन कारण मुख्य है-

।. सावित्री माता के द्वारा गायत्री माता के गुर्जर वंश को दिए गए श्राप से मुक्ति पाने के कारण।

।।. भगवान श्री राम के द्वारा राजा दशरथ की अस्थि पुष्कर में ही विसर्जित की गई थी, और गुर्जर समाज श्री राम के वंशज है। इसलिए राज्य में 80% से अधिक भगवान राम के पुत्र लव के वंशज लव गुर्जर और 20% से कम कुश के वंशज खारी गुर्जर पाए जाते हैं। इस कारण पुष्कर का महत्व गुर्जर समाज के लिए अधिक है।

।।।. बगड़ावत गुर्जर राजवंश के कारण क्यूंकि बगड़ावत गुर्जरो ने पुष्कर में घाटो का पुननिर्माण करवाया और बगड़ावत गुर्जरो के कई स्थान पुष्कर में बने हुए हैं।👈👈

Diwali 2022 : यहां किसी भी ब्राहमण का चेहरा तक नहीं देखते ‘ गुर्जर

Related Post