Site icon चेतना मंच

Good Friday 2023- खुशी नहीं बल्कि शोक का पर्व है ‘गुड फ्राइडे’, फिर क्यों है ये ‘Good’

Good Friday

Good Friday 2023- आज ईसाई धर्म का खास पर्व गुड फ्राइडे है। इस दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, इन्हीं के बलिदान दिवस के रूप में गुड फ्राइडे मनाया जाता है। यूं तो आमतौर पर हर धर्म में मनाए जाने वाले तीज-त्योहार खुशहाली, हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं। लेकिन गुड फ्राइडे एक ऐसा पर्व है, जो खुशी नहीं बल्कि शोक का पर्व है। क्योंकि यह दिन प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है, यही वजह है कि इसे ब्लैक फ्राईडे (Black Friday) के नाम से भी जाना जाता है। अब सवाल यह उठता है कि जब यह पर्व शोक का पर्व है, तो इसके नाम में गुड (Good) क्यों जुड़ा हुआ है ?

‘गुड फ्राइडे’ कैसे है ‘गुड’, जबकि इस दिन सूली पर चढ़ गए थे यीशु

गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इसमें ‘गुड’ क्या है, जो इसे ‘गुड फ्राइडे’ के नाम से जाना जाता है। इस सवाल के जवाब बाइबल में अलग-अलग तरह से दिया गया है। ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी (Oxford dictionary) के मुताबिक गुड फ्राइडे में इस्तेमाल हुए ‘Good ‘ का मतलब वो दिन अथवा वक्त है जो चर्च के लिहाज से पवित्र है। अमेरिका में कैथोलिक शिक्षा से जुड़े टेक्स्ट कहते हैं कि- ‘सूली पर चढ़कर ईसा मसीह ने मानवता के प्रति अपना असीम प्रेम दिखाया, इसलिए इस दिन को ‘Good’ कहा गया। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि ‘गुड फ्राइडे’ में इस्तेमाल हुए गुड का मतलब ‘अच्छा’ से अधिक ‘पवित्र’ है।

गुड फ्राइडे को लेकर यह भी कहा जाता है कि शुरुआत में इस दिन को ‘God’s Friday’ के नाम से जाना जाता था जो बाद में परिवर्तित होकर ‘गुड फ्राइडे (Good Friday)’ में रूपांतरित हो गया। जर्मनी में अभी भी इस दिन को ‘Sorrowful Friday’ के रूप में ही मनाया जाता है।

क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास –

ईसाई मान्यता के अनुसार 2000 साल पूर्व ईसा मसीह ने यरूशलम के गैलीली प्रांत में लोगों की मानवता एकता और अहिंसा का उपदेश दिया था। यीशु खुद को ईश्वर का पुत्र कहते थे और ईश्वर के करीब जाने के लिए क्रोध से दूरी और क्षमा की बात पर जोर देते थे। उनके कई अनुयाई थे, जो उनसे जुड़े कई चमत्कारों की बातें भी किया करते थे। बाइबल की माने तो धीरे-धीरे ईश्वर द्वारा भेजे गए उपदेशक के रूप में यीशु के अनुयायियों की संख्या में वृद्धि हो रही थी। परंतु यहूदी धर्म के कुछ नेता इस बात से नाराज थे कि यीशु कुछ ऐसी बातों का प्रचार प्रसार कर रहे थे, जो यहूदी धर्म से मेल नहीं खाता था। समर्थन और विरोध की भावना इस कदर बढ़ती गई की अंत में इनके विरोधियों ने इन्हें सूली पर चढ़ाने का फैसला किया। ईश्वर और इंसान के बीच नया रिश्ता बनाने के लिए, यीशु ने अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी और सूली पर लटक गए। जिस दिन उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था वह शुक्रवार का दिन था। इसके बाद से ही यह दिन गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाने लगा। इसके बाद आने वाले रविवार को ईस्टर संडे मनाया जाता है, जिसे लेकर यह मान्यता है कि इस दिन एक बार फिर ईसामसीह है जिंदा हो गए थे और 40 दिनों तक उन्हें कई लोगों द्वारा देखा गया, जिसके बाद वो स्वर्ग को सिधारे।

कैसे मनाया जाता है Good Friday –

गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, इसलिए लोग इस दिन को शोक के दिन के रूप में मनाते हैं। गुड फ्राइडे के दिन चर्च में घंटी नहीं बजाई जाती, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। और क्रॉस को छूकर प्रभु यीशु का स्मरण किया जाता है।

गुड फ्राइडे से पहले ईसाई धर्म के लोग पूरे 40 दिनों तक उपवास रखते हैं। वहीं कुछ लोग सिर्फ गुड फ्राइडे के दिन उपवास रखते हैं। गुड फ्राइडे के दिन चर्च के साथ सजावट की जाती है और विशेष पर प्रार्थना का आयोजन किया जाता है। इस दिन ईसाई लोग काले रंग के कपड़े पहनकर चर्च जाते हैं और शोक जताते हुए, यीशु से अपने गुनाहों के लिए क्षमा प्रार्थना मांगते हैं। गुड फ्राइडे के बाद रविवार के दिन ईस्टर का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।

Good Friday : पीएम मोदी ने गुड फ्राइडे पर ईसा मसीह को याद किया

Exit mobile version