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Guwahati News : अरुणाचल और असम ने सीमा वार्ता की, विवाद सुलझने की उम्मीद

Guwahati News : Arunachal and Assam hold border talks, hope to resolve dispute

Guwahati News : Arunachal and Assam hold border talks, hope to resolve dispute

 

Guwahati News :  अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच क्षेत्रीय समिति स्तर की सीमा वार्ता के तीसरे दौर में अंतरराज्यीय सीमा से जुड़े कुछ मुद्दों को सुलझाने में सफलता मिली है। दोनों राज्यों के मंत्रियों ने यह जानकारी दी। असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा और अरुणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चौना मीन ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीन सीमावर्ती जिलों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए ‘‘सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा हुई।’’

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मीन ने कहा कि समिति के सदस्यों ने बैठक में शामिल होने से पहले अरुणाचल प्रदेश में नमसाई और लोहित जिलों तथा असम में तिनसुकिया जिले के विवादित क्षेत्रों का दौरा किया था और विभिन्न पक्षकारों से बात की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अब इन इलाकों में कोई मुद्दा नहीं है।’’ बोरा ने कहा कि समिति दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रीयों को रिपोर्ट सौंपेगी, जो इस रिपोर्ट को केंद्र के पास भेजेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों राज्यों के लोग शांति से रहना चाहते हैं। आमतौर पर ये कुछ शरारती तत्व होते हैं, जो सीमा के दोनों ओर अशांति पैदा करते हैं।’’बोरा ने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा पड़ोसी राज्यों के साथ सीमा विवाद को सुलझाने की पहल कर रहे हैं और इसमें अब तक काफी प्रगति हुई है।’’ उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं, क्योंकि उनकी भी इच्छा है कि पूर्वोत्तर के लोग सौहार्द से रहें।

मीन ने कहा कि ‘‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’’ की कमी के कारण पिछले सात दशक से सीमा विवाद पर चर्चा लंबित थी। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद उसके नेताओं ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद का स्थायी समाधान तलाशने की पहल की।’’ क्षेत्रीय स्तर की वार्ता का पहला दौर नमसाई में और दूसरा दौर डिब्रूगढ़ में आयोजित किया गया था। दोनों राज्य 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। अरुणाचल प्रदेश, जिसे 1972 में केंद्र-शासित प्रदेश बनाया गया था, ने आरोप लगाया है कि मैदानी इलाकों में कई वन क्षेत्र, जो पारंपरिक रूप से उसके पहाड़ी आदिवासी प्रमुखों और समुदायों से संबंधित थे, एकतरफा रूप से असम में स्थानांतरित कर दिए गए थे।

1987 में अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिलने के बाद एक त्रिपक्षीय समिति गठित की गई थी, जिसने सिफारिश की कि कुछ क्षेत्रों को असम से अरुणाचल में स्थानांतरित किया जाए। असम ने सिफारिश का विरोध किया और मामला उच्चतम न्यायालय में है।

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