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Haryana में 20 से ज्यादा विभागों का विलय, अब नए सिरे से मंत्रियों को बांटे जाएंगे विभाग

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Haryana News: हरियाणा में करीब दो दर्जन सरकारी विभागों का आपस में विलय कर दिया गयाा है। अब 12 नए विभाग बना दिए गए हैं। एक समान प्रकृति के विभागों के विलय के बाद संबंधित मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किये जाने की संभावना है। मंत्रियों के विभागों में नए सिरे से बंटवारा किसी भी समय हो सकता है।

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जानकारी के अनुसार, तकनीकी शिक्षा और विज्ञान विभाग को उच्चतर शिक्षा विभाग में विलय कर दिया गया है। अब इसका नाम उच्चतर शिक्षा विभाग होगा। वर्तमान में उच्चतर शिक्षा कंवर पाल गुर्जर के पास है और तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज हैं। इसी तरह नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा यानी अक्षय ऊर्जा विभाग को बिजली विभाग में शामिल कर विभाग का नया नाम ऊर्जा विभाग किया गया है। वर्तमान में दोनों विभाग रणजीत सिंह चौटाला के पास हैं। कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, रोजगार विभाग तथा युवा मामले विभाग को मर्ज कर युवा सशक्तीकरण और उद्यमशील विभाग का नाम युवा विभाग दिया गया है। इसे खेल विभाग से अलग किया जा रहा है।

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इसी तरह अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को मर्ज कर नया नाम सामाजिक न्याय, सशक्तीकरण, अंत्योदय और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग दिया गया है। पर्यटन और पुरातत्व तथा संग्रहालय एवं अभिलेखागार विभागों को आपस में मर्ज कर नया नाम विरासत एवं पर्यटन दिया गया है। इलेक्टोनिक एंड इन्फारमेशन टेक्नोलाजी डिपार्टमेंट को खत्म कर इसका काम उद्योग विभाग व मानव संसाधन सूचना विभाग को दिया जाएगा।

वन एवं वन्य जीव तथा पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग को विलय कर नया नाम वन, वन्य जीव और पर्यावरण विभाग किया जा रहा है। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के साथ अब प्रिंटिंग और स्टेशनरी तथा कला व संस्कृति विभागों को भी मर्ज किया गया है। निगरानी एवं समन्वय तथा प्रशासन सुधार विभागों का काम अब मानव संसाधन विभाग देखेगा। नए विभाग का नाम सामान्य प्रशासन दिया गया है। लोक निर्माण और वास्तुकार विभाग नया बनाया गया है जिसमें राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, चकबंदी शामिल किए गए हैं। अग्निशमन सेवाओं को शहरी निकाय विभाग से निकालकर आपदा एवं प्रबंधन विभाग में शामिल किया गया है। आपूर्ति एवं निपटान विभाग अब वित्त विभाग के अधीन काम करेगा।

आपको बता दें कि 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हुई बैठक में उन विभागों का विलय करने का फैसला किया था जो एक जैसे हैं। दरअसल अलग-अलग मंत्री होने की वजह से फाइलें लटकती रहती हैं। जिससे काम में देरी होती है।

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