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हरियाणा में कांग्रेस की हार का जिम्मेदार कौन? कुमारी सैलजा ने दिया बड़ा बयान

haryan congress

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Haryana News : हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद सियासी गरमाई हुई है। लगातार तीसरी बार हार से प्रदेश कांग्रेस स्तब्ध है। कांग्रेस पार्टी में हार के बाद घमासान मच गया है। कांग्रेस नेताओं में तो खलबली मची हुई है। पार्टी में बिखराव और गुटबाजी बढ़ सकती है। तो वहीं पार्टी में कार्यकर्ताओं को रोकना कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। माना जा रहा है कि पिछले 10 वर्षों से विधायकों के संख्या बल के आधार पर कांग्रेस हाईकमान के सामने दबाव बनाने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पकड़ भी अब हाईकमान में कमजोर होगी। साथ ही प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं।

सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश नेतृत्व पर कसा तंज

सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा है। सैलजा ने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व की जिम्मेदारी पर चर्चा करनी होगी। कहां पर किसकी कमी रही, यह हाईकमान देखेगा। अपनी कमियों के बारे में सोचना होगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि हमें 60 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन परिणाम इसके विपरित आया है। हम सभी को मंथन की जरूरत है। आपको बता दें कि इस समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस हाईकमान ने फ्री हैंड दे रखा है और उनके ही समर्थक चौधरी उदयभान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। कुमारी सैलजा शुरू से ही संगठन नहीं बनाने को लेकर भी सवाल उठाती रही हैं। इसके अलावा, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर सैलजा हाईकमान के सामने नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं।

हुड्डा पर भरोसा करना पड़ा महंगा

लोकसभा चुनाव में नौ से आठ टिकट भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सिफारिश पर दिए गए। जबकि विधानसभा चुनाव में 89 में से 73 टिकट हुड्डा की सिफारिश पर दिए गए। चुनाव प्रचार के दौरान भी हुड्डा ने ज्यादातर इलकों में खुद ही बागडोर संभाली। लेकिन चुनाव परिणाम से साफ हो गया है कि हाईकमान के हुड्डा पर जरूरत से ज्यादा भरोसे का नकारात्मक असर पड़ा।

हुड्डा के चेहरे पर पहले ही लड़ चुकी है 3 चुनाव

हरियाणा कांग्रेस में अब कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला गुट पूरी तरह से हावी होगा। हुड्डा के चेहरे पर कांग्रेस तीन चुनाव लड़ चुकी है। इस चुनाव में हाईकमान के सामने महिला और दलित चेहरे के रूप में कुमारी सैलजा को उभारने का अवसर था, जिसे हाईकमान ने तवज्जो नहीं दी। इस बड़ी हार के बाद अब कुमारी सैलजा हाईकमान के दरबार में सक्रिय होकर हरियाणा में आगे आएंगी।

2019 में पार्टी समर्थकों ने किया था ये दावा

2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बहुमत से सिर्फ 15 सीटें दूर रह गई थी। तब हुड्डा के समर्थकों ने दावा किया था कि अगर टिकट बंटवारे की जिम्मेदारी हुड्डा को दी जाती तो कांग्रेस सत्ता में वापस आ जाती। हालांकि, विधानसभा चुनावों के नतीजों ने कांग्रेस नेतृत्व को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने का मौका दे दिया है। किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई जैसे वरिष्ठ नेताओं ने हुड्डा पर पार्टी पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी। अब हुड्डा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।

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