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Hijab Controversy : कर्नाटक हिजाब विवाद पर जज एकमत नहीं, संविधान पीठ को जा सकता है मामला

Hijab Controversy: The judge is not unanimous on the Karnataka hijab controversy, the matter may go to the Constitution Bench

Hijab Controversy: The judge is not unanimous on the Karnataka hijab controversy, the matter may go to the Constitution Bench

Hijab Controversy : बहुचर्चित कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के जज एकमत नहीं हैं। इसके बाद इस मामले को संविधान पीठ को भेजने की संभावना बढ़ गई है। जस्टिस गुप्ता ने अपने फैसले की शुरुआत में ही साफ कर दिया कि हमारे विचार अलग-अलग हैं। दूसरे जज सुधांशु धूलिया ने कहा- मुझे लगता है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में गलत रास्ता चुना। याचिकाकर्ता की दलील थी कि छात्राएं स्टूडेंट्स के साथ भारत के नागरिक भी हैं। ऐसे में ड्रेस कोड का नियम लागू करना उनके संवैधानिक अधिकार का हनन होगा।

Hijab Controversy :

सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दाखिल हैं। इन्हें मार्च में दाखिल किया गया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव धवन, दुष्यंत दवे, संजय हेगड़े और कपिल सिब्बल भी पक्ष रख रहे हैं। 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं की तरफ से क्लास में हिजाब पहनने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की जरूरी प्रैक्टिस का हिस्सा नहीं है। इसे संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षण देने की जरूरत नहीं है। कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती देते हुए कुछ लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई हो रही है।

Hijab Controversy :

कर्नाटक में हिजाब विवाद जनवरी के शुरुआत में उडुपी के ही एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था। स्कूल मैनेजमेंट ने इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद दूसरे शहरों में भी यह विवाद फैल गया। मुस्लिम लड़कियां इसका विरोध कर रही हैं, जिसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था। एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए टियर गैस छोड़नी पड़ी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को हिजाब बैन पर फैसला सुरक्षित रख लिया। कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर लगातार 10 दिन से सुनवाई चली। सुनवाई के शुरुआती 6 दिन मुस्लिम पक्ष की दलीलों के बाद कर्नाटक सरकार ने अपना पक्ष रखा। इसमें हिंदू, सिख, ईसाई प्रतीकों को पहनकर आने की तरह ही हिजाब को भी परमिशन दिए जाने की मांग की गई थी।

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