Hindenburg Report: नई दिल्ली। सूचकांक प्रदाता MSCI ने शनिवार को कहा कि अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर भाव को गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर उसने समूह की प्रतिभूतियों से जानकारी मांगी है।
Hindenburg Report Adani Group
एमएससीआई ने कहा कि वह अडाणी समूह और उसकी कंपनियों के कामकाजी तौरतरीकों के बारे में आई इस रिपोर्ट से अवगत है। उसने एक बयान में कहा कि एमएससीआई इस स्थिति के बारे में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना पर करीबी नजर रखे हुए है।
सूचकांक प्रदाता ने कहा कि एमएससीआई वैश्विक निवेश-योग्य बाजार सूचकांक के लिए प्रासंगिक प्रतिभूतियों की योग्यता को प्रभावित कर सकने वाले कारकों एवं मौजूदा हालात पर हमारी निगाह है।
उसने कहा कि इन मुद्दों पर बाजार प्रतिभागियों से समय पर फीडबैक आने का वह स्वागत करती है। वर्तमान में अडाणी समूह से जुड़ी आठ कंपनियां एमएससीआई स्टैंडर्ड सूचकांक का हिस्सा हैं।
बाजार जानकारों का मानना है कि कोई भी प्रतिकूल जानकारी मिलने पर एमएससीआई सूचकांक में अडाणी समूह की कंपनियों के भारांक को कम किया जा सकता है या फिर उसे सूचकांक से बाहर भी किया जा सकता है।
अगर इस तरह का कोई कदम उठाया जाता है तो फिर अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और तेज हो सकती है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से दो कारोबारी दिनों में ही अडाणी समूह के बाजार पूंजीकरण में 4.17 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आ चुकी है।
हालांकि जानकारों को लगता है कि अडाणी समूह से फीडबैक आने और उसकी समीक्षा की प्रक्रिया पूरी न होने तक एमएससीआई कोई भी कदम नहीं उठाएगी।
अमेरिका की एक्टिविस्ट निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि अडाणी समूह की कंपनियों ने शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाए हैं। इसके अलावा समूह की कंपनियों पर लेखांकन में धोखाधड़ी करने के आरोप भी लगाए गए हैं।
यह रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रतिनिधि कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) आने के ऐन पहले आई है। कंपनी का एफपीओ के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है लेकिन शुक्रवार को निर्गम खुलने पर भारी बिकवाली होने से कंपनी के शेयर काफी नीचे चले गए।
अडाणी समूह ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि इसे गलत इरादे से उसके एफपीओ को नुकसान पहुंचाने के मकसद से जारी किया गया है। इसके साथ ही उसने कानूनी विकल्प आजमाने पर विचार करने की भी बात कही है।
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