Hyderabad News : परिवार कल्याण योजना के तहत लगाए गए शिविर में नसबंदी कराने पहुंची कई महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। नसबंदी कराने के बाद हैदराबाद में अब तक चार महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि नौ महिलाएं अभी भी गंभीर हालत में हैं। नसबंदी का आपरेशन कराने के बाद महिलाओं के पेट से जुड़ी परेशानी हुई और उनकी मौत हो गई। खास बात यह है कि मरने वाली महिलाओं की उम्र 20 वर्ष के आसपास ही रही है।
मामला हैदराबाद के इब्राहिमपटनम सिविल अस्पताल का है। यहां पर 25 अगस्त को नसबंदी शिविर आयोजित किया गया था। जहां पर नसबंदी कराने के बाद बुधवार की दोपहर तक चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। और नौ महिलाओं की हालत अभी भी गंभीर बनी है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इन महिलाओं की मौत मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से हुई। यानि नसबंदी कराने के बाद महिलाओं के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि हम फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और हर संभव कारणों की जांच करेंगे कि आखिर इन महिलाओं की मौत कैसे हुई। अधिकारी ने यह भी कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ऑपरेशन के दौरान भोजन, पानी, स्वच्छता और डॉक्टर द्वारा बरती गई लापरवाही इसका कारण हो सकता है।
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रिपोर्ट के अनुसार, इस शिविर में 22 से 36 साल की करीब 34 महिलाएं आई थीं। इनमें से ज्यादातर आदिवासी इलाकों से थीं। 4 महिलाओं की मौत की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अधिकारियों ने फौरन अन्य महिलाओं की देखभाल के लिए टीम को अस्पताल भेजा। 9 महिलाएं अब भी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। तेलंगाना के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉ. जी श्रीनिवास राव ने कहा कि फिलहाल सभी 9 महिलाओं की स्थिति बेहतर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में राज्य सरकार ने सिविल अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस नसबंदी शिविर में शामिल डॉक्टर्स के लाइसेंस को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया है। सरकार ने चारों मृतक महिलाओं के परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद और 2 बीएचके फ्लैट देने का ऐलान किया है।