Monday, 30 December 2024

वेटर था अब बन गया है शानदार IAS अफसर

IAS Officer : ठीक सुना आपने वह एक मामूली सा वेटर था। अ बवह एक शानदार IAS अफसर बनकर सरकार चला…

वेटर था अब बन गया है शानदार IAS अफसर

IAS Officer : ठीक सुना आपने वह एक मामूली सा वेटर था। अ बवह एक शानदार IAS अफसर बनकर सरकार चला रहा है। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है, न ही यह किसी वेब सीरीज की कहानी है। यह तो वेटर से IAS अफसर बने एक युवक की जीती जागती मिसाल है। हम आपको बता रहे हैं भारत के लाड़ले बेटे के. जयगणेश नामक IAS अफसर की पूरी सच्ची कहानी। के. जयगणेश एक छोटे से ढाबे में वेटर था। वही वेटर के. जयगणेश अब भारत की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सेवा IAS का अधिकारी है।

कठिनाईयों से भरा था के. जयगणेश का जीवन

भारत के महत्वपूर्ण प्रदेश तमिलनाडु में वेल्लोर इलाके के विन्नमंगलम में रहने वाले के. जयगणेश का जीवन शुरुआत से ही कठिनाइयों से भरा था। अपने परिवार का गुजारा करने के लिए के. जयगणेश के पिता एक फैक्ट्री में बेहद कम सैलरी पर काम करते थे। घर के ऐसे आर्थिक हालत देखकर के. जयगणेश जल्द से जल्द अपनी पढ़ाई पूरी कर नौकरी करना चाहते थे।

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गांव के ही स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने करने के बाद उन्होंने एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन ले लिया। के. जयगणेश को भरोसा था कि पॉलिटेक्निक करने के बाद ग्रेजुएशन पूरी होने तक उन्हें नौकरी मिल जाएगी। 91 फीसदी ग्रेड के साथ पॉलिटेक्निक करने के बाद जयगणेश ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए तंथी पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन ले लिया। इस बीच उन्हें शहर के सत्यम सिनेमा हॉल में 2500 रुपए प्रति महीने सैलरी की नौकरी मिल गई। यही वो वक्त था, जब के. जयगणेश ने तय किया कि अपने परिवार को गरीबी के दलदल से बाहर निकालने के लिए वो यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनेंगे। उन्होंने सिनेमा हॉल की नौकरी छोड़ दी और परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

के. जयगणेश बना वेटर

हालांकि, यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी घर की आर्थिक जरूरतें उन्हें परेशान करने लगीं और मजबूरन के. जयगणेश को चेन्नई के एक रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी करनी पड़ी। इस नौकरी में भी उनकी सैलरी कम थी, लेकिन यहां एक फायदा था कि उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए समय मिल जाता था। कुछ वक्त बाद के. जयगणेश ने वेटर की नौकरी छोड़ दी और पूरा समय यूपीएससी की तैयारी को दे दिया। उनका केवल एक ही मकसद था, यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना।

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के. जयगणेश यूपीएससी की तैयारी में जुटे थे, लेकिन किस्मत को अभी उनका और इम्तिहान लेना था। अपने पहले प्रयास में ही उन्हें असफलता मिली। इसके बाद लगातार 6 साल तक जयगणेश यूपीएससी की परीक्षा में असफल होते गए। हालांकि, नाकामयाबी का इतना लंबा दौर देखने के बावजूद जयगणेश ने हार नहीं मानी और पूरी मजबूती से तैयारी में जुटे रहे। इस बीच उन्होंने और उनके परिवार ने आर्थिक चुनौतियों का भी सामना किया। परिवार के गुजारे के लिए अपनी तैयारी के दौरान ही उन्हें फिर से छोटे-मोटे काम करने पड़े।

सरकारी नौकरी थी किन्तु सपना था आईएएस अफसर का

हालांकि, इस बीच उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो की परीक्षा दी और उनका सेलेक्शन हो गया। अब के. जयगणेश के सामने दो रास्ते थे। या तो वे इस नौकरी को स्वीकारते या फिर इसे छोडक़र यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहते। के. जयगणेश ने दूसरा रास्ता चुना और 7वीं बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी। और इस बार, वो हुआ जिसका उन्हें और उनके परिवार को लंबे वक्त से इंतजार था। के. जयगणेश ने 2008 में यूपीएससी परीक्षा की सारी चुनौतियों को पार करते हुए 156वीं रैंक हासिल की। के. जयगणेश बताते हैं कि वो अपने सपने को साकार करने के लिए, खुद पर भरोसा खोए बिना कड़ी मेहनत से जुटे रहे। उनका सपना है कि गरीबी को मिटाने और सभी लोगों तक शिक्षा का संदेश फैलाने के लिए वो हरसंभव प्रयास करें। आज वह पुराना वेटर के. जयगणेश एक शानदार आईएएस अफसर अधिकारी है।

आप भी बन सकते हैं IAS

यदि आप भी एक युवा हैं तो निश्चित रूप से आप भी IAS तथा PCS बन सकते हैं। आवश्यकता केवल इस बात की है कि भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC को पास करने के लिए आप भी भारत के लाड़ले बेटे के. जयगणेश की तरह मेहनत करते रहें। लगातार मेहनत करने पर आपको भी के. जयगणेश की तरह IAS अफसर बनने से कोई नहीं रोक सकता है। IAS Officer

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