नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने जांच के दायरे में लिए जाने वाले मामलों के बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ऐसे आयकरदाता, जिन्होंने विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दिया है, उनके मामलों की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी।
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आयकरदाताओं को पेश करने होंगे दस्तावेज
विभाग उन मामलों की भी जांच करेगा, जहां किसी कानून प्रवर्तन एजेंसी या नियामकीय प्राधिकरण द्वारा कर अपवंचना से संबंधित विशिष्ट जानकारी उपलब्ध कराई गई है। दिशानिर्देशों के अनुसार, कर अधिकारियों को आय में विसंगतियों के बारे में आयकरदाताओं को 30 जून तक आयकर अधिनियम की धारा 143(2) के तहत नोटिस भेजना होगा। इसके बाद आयकरदाता को इस बारे में संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे। इसने कहा कि जहां अधिनियम की धारा 142(1) के तहत नोटिस के जवाब में कोई रिटर्न नहीं दिया गया है, ऐसे मामले को नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (एनएएफएसी) को भेजा जाएगा, जो आगे की कार्रवाई करेगा।
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धारा 143(2) के तहत दिया जाएगा नोटिस
धारा 142(1) कर अधिकारियों को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में एक नोटिस जारी कर और स्पष्टीकरण या जानकारी मांगने का अधिकार देती है। जिन मामलों में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है, तो उन्हें निर्धारित तरीके से आवश्यक जानकारी पेश करने को कहा जाता है। आयकर विभाग ऐसे मामलों की एकीकृत सूची जारी करेगा, जिनमें सक्षम प्राधिकरण द्वारा छूट को रद्द या वापस किए जाने के बावजूद आयकरदाता आयकर रियायत या कटौती की मांग करता है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अधिनियम की धारा 143(2) के तहत आयकरदाताओं को एनएएफएसी के माध्यम से नोटिस दिया जाएगा।
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