Tuesday, 15 October 2024

Nota ने इंदौर में बनाया रिकॉर्ड, लाखों की संख्या में नोटा पर हुआ मतदान

MP NEWS : एमपी की इंदौर लोकसभा सीट ने एक साथ दो दो रिकॉर्ड बनाए हैं। यहां से चुनाव लड़…

Nota ने इंदौर में बनाया रिकॉर्ड, लाखों की संख्या में नोटा पर हुआ मतदान

MP NEWS : एमपी की इंदौर लोकसभा सीट ने एक साथ दो दो रिकॉर्ड बनाए हैं। यहां से चुनाव लड़ रहे हैं बीजेपी के प्रत्याशी शंकर लालवानी ने 11 लाख 75102 मतों से जीत हासिल कर देश में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बनाया तो वहीं इंदौर में ही सबसे ज्यादा नोटा को मतदान होने का भी रिकॉर्ड बना। एमपी की इंदौर लोकसभा सीट में नोट को मिले सबसे ज्यादा वोट। आपको बता दें कि इंदौर में नोटा को 2 लाख से अधिक मत पड़े हैं और इसकी चर्चा देश भर में हो रही है। इसमें खास तौर पर इंदौर से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा में 14% मत नोटा को गए हैं और साथ ही विधायक महेंद्र हाडिया की भी विधानसभा सीट इंदौर में लगभग 22 प्रतिशत मत नोटा को गए हैं।

इंदौर में नोटा को 2 लाख से अधिक मत पड़े

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एमपी की इंदौर लोकसभा सीट ने नोटा का भी रिकार्ड बना लिया है। इंदौर में दो लाख से अधिक वोट नोटा को मिले हैं। अभी तक नोटा का सबसे अधिक वोट का रिकार्ड बिहार की गोपालगंज सीट का है। यहां पर नोटा को 51 हजार 660 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर पश्चिम चंपारण में 45,609 वोट नोटा को मिले थे, लेकिन दोनों सीटों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा को दो लाख से अधिक वोट मिले हैं। इंदौर में पिछले चुनाव में नोटा को पांच हजार वोट मिले थे।

जीतू पटवारी ने की थी कि Nota की अपील

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जनता से अपील की थी कि Nota को वोट करें। अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद में कांग्रेस ने नोटा के प्रचार में अभियान भी चलाया था। भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने निकटतम प्रत्याशी को भारी बहुमत से हराया जरूर, शंकर लालवानी को कुल 12 लाख 26751 मत मिले उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के संजय सोलंकी को मात्र 51659 मत ही प्राप्त हुए। ऐसा पहली बार है की इंदौर में बीएसपी दूसरे नंबर पर रही है । लेकिन इंदौर सीट की चर्चा नोटा के रिकॉर्ड के लिए भी ज्यादा हो रही है। अगर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां भी 28000 से ज्यादा मत नोटा में गए हैं।

क्या होता है नोटा?

Nota का मतलब होता है “None Of The Above”, यानी “ऊपर के विकल्पों में से कोई नहीं।” यह आपको वोटिंग के दौरान एक विकल्प देता है जब आपको लगता है कि कोई भी उम्मीदवार या विकल्प सही नहीं है। चुनाव के दौरान मतदान करते वक्त अगर आपको लगता है कि कोई भी उम्मीदवार योग्य नहीं है, तो आप Nota बटन दबा सकते हैं। नोटा डेमोक्रेसी में एक आम नागरिक की असहमति दिखाता है, यह बताता है कि मतदाता मौजूदा विकल्पों से खुश नहीं है। यह किसी भी देश के पॉलिटिकल सिस्टम में जागरूकता बढ़ाता है। लोगों को सोचने पर मजबूर करता है कि शायद बेहतर विकल्पों की जरूरत है। यह माना जाता है कि नोटा विकल्प से लोकतंत्र मजबूत होता है, यह लोगों को अपनी राय रखने का एक और तरीका देता है। इस सबके बावजूद भले ही Nota को सबसे ज्यादा वोट मिले, फिर भी जो उम्मीदवार या विकल्प दूसरा सबसे ज्यादा वोट पाएगा, वह जीतेगा।  यह बदलाव लाने की गारंटी नहीं है नोटा का इस्तेमाल करने से यह तय नहीं होता कि चीजें बदलेंगी।

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