बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने अब केंद्र के रवैये की काट ढूंढ ली है। अपनी चुनावी गारंटी को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में चावल खरीदने में कठिनाई का सामना कर रही राज्य सरकार ने ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल की जगह 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लाभार्थियों को धन का भुगतान करने का फैसला किया है।
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कांग्रेस ने चुनाव में जनता से किया था वादा
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि केंद्र द्वारा निशुल्क दिये जा रहे पांच किलोग्राम चावल के अलावा अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल प्रति महीने दिया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि इसके लिए एक जुलाई से धन वितरण शुरू होगा। कर्नाटक के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के एच मुनियप्पा ने बुधवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की मानक दर 34 रुपये प्रति किलोग्राम चावल की है। हमने चावल खरीदने की कोशिश की, लेकिन कोई संस्था हमें आवश्यक मात्रा में खाद्यान्न की आपूर्ति करने नहीं आई।
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मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया फैसला
उन्होंने कहा कि अन्न भाग्य योजना शुरू करने की तारीख (एक जुलाई) आ गयी है। हमने वादा किया था, इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य मंत्री इस निर्णय पर पहुंचे कि जब तक चावल की आपूर्ति नहीं होती, हम बीपीएल कार्ड धारकों को 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पैसा देंगे, जो एफसीआई की दर है।
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