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Karnataka Political : 19 को हो सकती है सिद्धारमैया की ताजपोशी, डीके भी अड़े

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Siddaramaiah may be crowned on 19th, DK is also adamant

– आर.पी. रघुवंशी

नई दिल्ली। कर्नाटक का रण कांग्रेस ने तो जीत लिया है, लेकिन वह अब राज्य में सीएम को लेकर भारी पशोपेश में फंसी है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी सीएम पद के लिए अड़े हुए हैं। हालांकि पार्टी हाईकमान ने सिद्धारमैया को तवज्जो दी है। ऐसी जानकारी सूत्र दे रहे हैं। शिवकुमार के पिछड़ने के पीछे उन पर आय से अधिक संपत्ति का एक मामला बताया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि आज बुधवार की शाम या गुरुवार को सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है। बताया जाता है कि 19 मई को सीएम के तौर पर सिद्धारमैया की ताजपोशी हो सकती है।

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डीके को मनाने में जुटे कई नेता

सिद्धारमैया पहले भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्हें सरकार चलाने अच्छा अनुभव है। उनकी छवि भी बेदाग है। इसलिए पार्टी ने उन्हें तवज्जो दी है। माना जा रहा है पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उनके नाम का ऐलान कर सकते हैं। पार्टी को इस बात का एहसास है कि सिद्धारमैया को सीएम बनाने से डीके शिवकुमार नाराज होंगे। इसलिए कई बड़े नेताओं पर उन्हें मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्र बताते हैं कि उन्हें डिप्टी सीएम या कोई और महत्वपूर्ण मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है।

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किसी के चेहरे पर नहीं लड़ा गया चुनाव

कर्नाटक में 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को बैकफुट पर धकेल कर राज्य में प्रचंड जीत दर्ज की। चुनाव से पहले कांग्रेस ने सीएम के चेहरे का ऐलान नहीं किया था। ऐसे में चुनाव के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सीएम पद के लिए दावेदारी की। आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाकर चार दिनों तक मंथन किया, लेकिन फिलहाल किसी नाम पर अब तक आम सहमित नहीं बन पाई है।

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सिद्धारमैया की कमियां

डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग अलग मुलाकात की थी। इस दौरान शिवकुमार ने पार्टी नेतृत्व को सिद्धारमैया की कमियां गिनाईं थीं। सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार ने खड़गे को बताया था कि सिद्धारमैया का पिछला कार्यकाल अच्छा नहीं रहा था। लिंगायत समुदाय भी उनके खिलाफ है। सिद्धारमैया को पहले सीएम बनाया जा चुका है, तो अब किसी और को मौका क्यों नहीं मिलना चाहिए। शिवकुमार का यह भी आरोप था कि साल 2019 में गठबंधन टूटने का कारण भी सिद्धारमैया ही थे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि अब मेरे मुख्यमंत्री बनने का समय है। आलाकमान को मुझे मौका देना चाहिए।

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पीछे हटने को तैयार नहीं शिवकुमार

कर्नाटक में भी राजस्थान जैसे हालात हैं। राजस्थान में राज्य पार्टी प्रमुख सचिन पायलट ने चुनाव में जीत के बाद सीएम पद की दावेदारी की थी। उनका तर्क था कि उन्होंने पूरे राज्य की खाक छानकर पार्टी को खड़ा किया, इसलिए सीएम पद पर उनका ही हक है। अब यही बात कर्नाटक में पार्टी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार कह रहे हैं। उनका कहना है कि साल 2019 में सत्ता से बेदखल होने के बाद उन्होंने ही प्रदेश में पार्टी को दोबारा खड़ा करने का काम किया। सिद्धारमैया पहले सीएम रह चुके हैं, इसलिए अब इस कुर्सी पर उनका हक होना चाहिए। शिवकुमार ने यह भी साफ कर दिया है कि पार्टी यदि मुझे मुख्यमंत्री पद देती है तो मैं इसे जिम्मेदारी के रूप में लूंगा, जैसा मैंने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर किया था, अन्यथा मैं सिर्फ एक विधायक के तौर पर काम करता रहूंगा।

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