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Kasturba Gandhi : 7 वर्ष की उम्र में ही तय हो गया था विवाह

Kasturba Gandhi

महात्मा गाँधी के अभिन्न योगदानों से तो पूरा विश्व भली -भांति परिचित है किन्तु क्या आप जानते हैं कि गाँधी जी को महात्मा बनाने में एक महिला का असीम योगदान रहा और ये महिला कोई और नहीं बल्कि उनकी पत्नी Kasturba Gandhi थीं जिन्हें हम सब प्यार से बा बुलाते हैं। आज 22 फ़रवरी को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर समस्त भारत उनके दया और प्रेम के भावों को याद कर रहा है। तो चलिए जानते हैं उनके कस्तूरबा से बा बनने तक के सफर को…

 

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हमेशा साये की तरह गाँधी जी के साथ रहीं बा

गाँधी जी ने स्वयं समाज की कई कुरीतियों को दूर करने में एक अच्छी भूमिका निभाई किन्तु बाल विवाह जैसी रीति का वो भी हिस्सा बने। बताया जाता है कि Kasturba Gandhi कठियावाड़ की रहने वाली थीं और उनके पिता गाँधी जी के करीबी दोस्त थे। ऐसे में जब वे मात्र 7 वर्ष की थीं तभी उनका विवाह गाँधी जी के साथ तय कर दिया गया और 13 वर्ष में उनका विवाह हो गया। इतनी कम अवस्था में दोनों को ही शायद शादी का सही अर्थ भी पता नहीं था। लेकिन यहाँ से हुई शुरूआत के बाद वे गाँधी जी के साथ हमेशा एक परछाई की तरह मजबूती से खड़ी रहीं।

Kasturba Gandhi

गाँधी जी ने अपनी शिक्षा को जारी रखा और वे विदेश भी गए लेकिन बा कम उम्र में विवाह होने के कारण ज्यादा पढ़ नहीं सकी। ऐसा भी कहा जाता है कि जब गाँधी जी पढ़ाई के लिए विदेश गए तब बा ने अपने गहने बेच कर उनकी पढ़ाई के लिए पैसे जुटाये थे। और इस दौरान घर पर ही रह कर उन्होंने खुद को भी शिक्षित करना जारी रखा। इस कार्य में गाँधी जी भी उनका साथ देते थे।

जब तीन माह के लिए जेल गयीं बा

गाँधी जी ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए कई मुश्किलों का सामना किया और इसमें Kasturba Gandhi उनके साथ एक परछाई की तरह खड़ी रहीं। जब महात्मा गाँधी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के खिलाफ हो रहे अत्याचार का विरोध किया और इसमें उनकी पत्नी ने भी उनका साथ दिया तो Kasturba Gandhi को भी तीन माह की जेल हुई। जेल में अपने प्रेम और दया भाव से वहां के सभी लोग उन्हें प्यार से बा बुलाने लगे।

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