Friday, 19 April 2024

Lakhimpur Kheri Case: जमानत के बावजूद जेल से बाहर नहीं आ सके आशीष मिश्रा

Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष…

Lakhimpur Kheri Case: जमानत के बावजूद जेल से बाहर नहीं आ सके आशीष मिश्रा

Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की आज जेल से रिहाई नहीं हो सकी। उसे दो रात और जेल में ही गुजारना पड़ेगी। कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देते हुए कहा कि फिलहाल आशीष को 8 सप्ताह के लिए रिहा किया जा रहा है, लेकिन शर्तों के उल्लंघन पर जमानत रद्द हो सकती है।

Lakhimpur Kheri Case

रिहाई के साथ-साथ कोर्ट ने यह शर्त भी रखी है कि उसे एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा। वह फिलहाल दिल्ली में भी नहीं रह सकता। उधर, जमानत का आदेश जेल नहीं पहुंचने की वजह से आशीष मिश्रा की आज रिहाई नहीं हो सकी।

जेल सुपरिटेंडेंट वीके मिश्रा ने बताया कि आशीष मिश्रा की रिहाई का आदेश अभी तक नहीं मिला है। इसलिए उन्हें आज रिहा नहीं किया जाएगा। मुझे लगता है कि गणतंत्र दिवस के चलते कल रिलीज ऑर्डर नहीं आएगा। जब भी हमें उसकी रिहाई का आदेश मिलेगा, उसे छोड़ दिया जाएगा।’

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने निर्देश दिया कि आशीष अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान न तो उत्तर प्रदेश और न ही दिल्ली में रह सकेगा। पीठ ने कहा कि वह न्याय के हित को आगे बढ़ाने के लिए और एक तरह से ‘प्रायोगिक आधार’ पर यह फैसला करने के लिए कुछ अंतरिम निर्देश जारी कर रही है कि राज्य और अन्य द्वारा जताई गई आशंकाओं में कोई दम है या नहीं। पीठ ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का स्वत: प्रयोग किया और चार आरोपियों गुरुविंदर सिंह, कमलजीत सिंह, गुरुप्रीत सिंह और विचित्र सिंह को अगले आदेश तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया। इन आरोपियों को एक अलग प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

क्या है मामला
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान तीन अक्टूबर, 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था और इस एसयूवी में आशीष बैठा था। इस घटना के बाद एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो कार्यकर्ताओं को गुस्साए किसानों ने कथित रूप से पीट-पीट कर मार डाला था। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

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