MP News: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि विवादास्पद पुस्तक की लेखिका डॉ. फरहत खान को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि डॉ. फरहत को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह एक अस्पताल में डायलिसिस करा रही थीं।
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अधिकारियों ने कहा कि इसके साथ ही इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के प्राचार्य और एक प्रोफेसर जिन्होंने कथित तौर पर कॉलेज के पुस्तकालय में डॉ. खान की किताब की एक प्रति रखी थी, को एक समिति की रिपोर्ट के बाद निलंबित कर दिया गया है।
भोपाल में मीडिया से मुखातिब मिश्रा ने कहा, ‘‘विवादास्पद लेखिका डॉ. फरहत खान को मध्य प्रदेश पुलिस ने महाराष्ट्र के पुणे के गिरफ्तार कर लिया है। वह एक अस्पताल में डायलिसिस करा रही थीं। वहां उन्हें कागजात भी सौंप दिए गए हैं।’’ उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने डॉ. फरहत की दूसरी पुस्तक से संबंधित शिकायतों की भी जांच शुरू कर दी है और अगर उसमें भी कोई विवादास्पद सामग्री मिलती है, तो इसे भी उसी मामले से जोड़ दिया जाएगा।
इससे पहले, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा कि पांच दिन पहले डॉ. खान के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उन्हें पुणे में खोज लिया गया और दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस दिया गया।
सिंह के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि लेखिका उनकी विवादित पुस्तक के मामले की जांच में पुलिस को सहयोग करेंगी और आरोप पत्र पेश किए जाने के वक्त अदालत में मौजूद रहेंगी।
डीसीपी के अनुसार इंदौर निवासी खान गुर्दे (किडनी) की एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें अस्पताल में नियमित रूप से डायलिसिस करवानी होती है। जब इंदौर से पुणे गईं, तब उन्हें महाराष्ट्र सीमा से लगे मध्य प्रदेश के सेंधवा कस्बे में भी डायलिसिस करानी पड़ी थी।
गौरतलब है कि ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ पुस्तक को लेकर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम के छात्र और एबीवीपी नेता लकी आदिवाल (28) ने लेखिका खान और इंदौर स्थित प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के साथ ही संस्थान के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ तीन दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि खान की किताब में हिंदू समुदाय और आरएसएस के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है।
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया और 250 छात्रों और शिक्षकों के बयान दर्ज किए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि समिति ने बृहस्पतिवार को सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी और इसके आधार पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने प्राचार्य के अलावा प्रोफेसर बेग को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया।
मामले के चार आरोपियों में शामिल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग को अग्रिम जमानत देने से सत्र न्यायालय ने मंगलवार को इनकार कर दिया था।
प्राचार्य और प्राध्यापक के वकील अभिनव धनोतकर ने बताया कि उनके पक्षकारों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के इस आदेश को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में चुनौती दी जा रही है।
इस बीच, एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कॉलेज में पदस्थ तीन अतिथि संकाय सदस्यों को व्याख्याताओं के पैनल से हटा दिया गया है।
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