Sunday, 19 January 2025

साइबर अपराधियों के छूटेंगे पसीने, फर्जी अकाउंट्स पर लगेगी रोक

Mule Bank Account : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साइबर फ्रॉड और फर्जी अकाउंट्स पर रोक लगाने के लिए एक…

साइबर अपराधियों के छूटेंगे पसीने, फर्जी अकाउंट्स पर लगेगी रोक

Mule Bank Account : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साइबर फ्रॉड और फर्जी अकाउंट्स पर रोक लगाने के लिए एक नई AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टेक्नोलॉजी का विकास किया है। इस टेक्नोलॉजी का मुख्य उद्देश्य म्यूल अकाउंट्स की पहचान करना और बैंकिंग फ्रॉड पर नियंत्रण पाना है। इस नई पहल को RBI द्वारा लॉन्च किया गया है, जिसका नाम म्यूलहंटर डॉट AI है। यह तकनीक बैंकिंग क्षेत्र में साइबर अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

क्या होता है म्यूल अकाउंट?

म्यूल अकाउंट वह अकाउंट होते हैं, जो अपराधी किसी निर्दोष व्यक्ति के नाम पर खोलते हैं। इन खातों का उपयोग अपराधी साइबर फ्रॉड के जरिए अवैध रूप से पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। आमतौर पर, ये अकाउंट्स धोखाधड़ी से उत्पन्न हुई रकम को जमा करने के लिए इस्तेमाल होते हैं, और फिर इन पैसों को दूसरे अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया जाता है। म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से अपराधी बिना बैंक जाए, यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए मिनटों में पैसे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। इस तरह के अकाउंट्स की पहचान करना मुश्किल होता है, क्योंकि ये अकाउंट्स पूरी तरह से निर्दोष दिखते हैं और इसका उपयोग अवैध कामों के लिए किया जाता है।

कैसे होगी AI के जरिए पहचान?

आरबीआई ने म्यूल अकाउंट्स की पहचान के लिए “म्यूलहंटर डॉट एआई” नामक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को विकसित किया है। इस सिस्टम के जरिए बैंकों को म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने में मदद मिलेगी। AI तकनीक उन अकाउंट्स के ट्रांजेक्शंस का विश्लेषण करेगी, जो कई बार पैसों की सफाई के लिए इस्तेमाल हो रहे होते हैं। यह तकनीक उन पैटर्न्स को पहचानने में सक्षम होगी, जो आमतौर पर साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी के लिए उपयोग किए जाते हैं।

वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों से इस प्रणाली को अपनाने की अपील की है ताकि म्यूल अकाउंट्स का पता लगाकर उन पर लगाम लगाई जा सके। इस प्रणाली को पहले कुछ प्रमुख बैंकों के साथ टेस्ट किया गया था और फिर इसे पूरे बैंकिंग नेटवर्क में लागू करने की योजना बनाई गई है।

साइबर फ्रॉड की घटनाओं में आएगी कमी

म्यूलहंटर डॉट AI, एक उन्नत AI प्लेटफॉर्म है जिसे रिजर्व बैंक इनोवेशन हब द्वारा विकसित किया गया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से बैंकों को यह समझने में मदद मिलती है कि म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी के पैटर्न क्या हैं। यह तकनीक फर्जी अकाउंट्स और धोखाधड़ी के मामलों को ट्रैक करने में सक्षम होगी, जिससे बैंकिंग सिस्टम में होने वाले साइबर फ्रॉड की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

इस प्रणाली के इस्तेमाल से बैंकों को उन खाता धारकों के ट्रांजेक्शंस पर नजर रखने में मदद मिलेगी, जो संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होते हैं। इसके अलावा, बैंकों को ये जानकारी भी मिल सकेगी कि किसी अकाउंट में पैसे कब, कहां और कितनी बार ट्रांसफर हुए हैं। इससे म्यूल अकाउंट्स का पता लगाना आसान होगा और साइबर अपराधियों की पहचान करना भी सरल हो जाएगा।

साइबर फ्रॉड और म्यूल अकाउंट्स पर रोक

हाल के समय में साइबर फ्रॉड की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं, जिससे आम नागरिकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से अपराधी बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। इन म्यूल अकाउंट्स का पता लगाना और इनसे जुड़े अपराधों का खुलासा करना कठिन होता है। लेकिन म्यूलहंटर डॉट AI की मदद से RBI अब इन फर्जी अकाउंट्स की पहचान करके उन्हें ट्रैक कर सकता है, जिससे साइबर फ्रॉड और बैंकिंग धोखाधड़ी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

इस तकनीक की मदद से न केवल म्यूल अकाउंट्स की पहचान आसान होगी, बल्कि बैंकों को धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही, इससे ग्राहकों का विश्वास बैंकिंग सिस्टम पर और मजबूत होगा, और साइबर अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत तंत्र तैयार होगा।

EPFO में बड़ा बदलाव, अब ATM से PF का पैसा निकालना होगा आसान

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post