कोहिमा। नगालैंड भले ही शुष्क (मद्य निषिद्ध) प्रदेश है, लेकिन 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के वास्ते चुनाव प्रचार के गति पकड़ने के साथ ही फेक जिले में एक महिला संगठन ने मतदाताओं को प्रलोभन के तौर शराब परोसे जाने की आशंका से उसकी आवक पर रोक लगाने के लिए जांच चौकियां बनाई गई हैं।
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फेक में चाखेसांग और पोचुरी जनजातियों का बाहुल्य है। यहां पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। चाखेसांग में चार निर्वाचन क्षेत्र हैं तथा उसमें पोचुरी जनजाति की मेलूरी विधानसभा के कुछ गांव भी हैं। फेक जिले में चाखेसांग समुदाय की महिलाओं के शीर्ष निकाय चाखेसांग मदस्र एसोसिएशन (सीएमए) की अध्यक्ष झोनेलू तुन्यी ने बताया कि शराब के दुष्प्रभावों से चिंतित तथा विधानसभा चुनाव के दौरान प्रलोभन के तौर पर शराब बांटे जाने की आशंका के मद्देनजर चाखेसांग नगा जनजाति की महिलाओं के संगठन ने अपने क्षेत्र में करीब 100 ऐसी चौकियां स्थापित की हैं।
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उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिये शराब की आवक बहुत बढ़ जाती है। कई लोग उम्मीदवारों के समर्थन में आपस में लड़ने-झगड़ने लगते हैं। उनके बीच दुश्मनी पैदा हो जाती है। यहां तक की इस हिंसा में उनकी जान भी जाती है। इसलिए हमारा मुख्य इरादा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करना है। हमें उम्मीद है कि प्रलोभन के रूप में दी जाने वाली ऐसी चीजों के नहीं आने से लोग सौम्य रहेंगे और आपस में झगड़ा नहीं करेंगे।
हालांकि, पुलिस ने कहा कि वह ऐसी पहल की सराहना करती है, लेकिन ऐसा करने वालों को कानून व्यवस्था अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए तथा उन्हें सीधे ऐसे मुद्दों को उसके पास लाना चाहिए।
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