Noida : नोएडा। केंद्र की सत्ता पर आसीन भाजपा की सरकार ने बुजुर्गों को रेल यात्रा में मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया है। इसलिए कि इस सुविधा के एवज में सरकार पर सालाना लगभग 16 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता था। लेकिन, माननीय सांसदों की रेल यात्रा पर सरकार ने दिल खोलकर धन लुटाया है। सांसदों पर बीते 12 वर्षों में रेल यात्रा पर 215 करोड़ रुपये से भी अधिक धन खर्च किया जा चुका है। यह खुलासा समाजसेवी रंजन तोमर की आरटीआई के जवाब में हुआ है।
लोकसभा सचिवालय ने रंजन तोमर की आरटीआई के जवाब कहा कि डेबिट दावे के समेकित बिल रेल मंत्रालय से वेतन एवं लेखा कार्यालय द्वारा प्राप्त किये जाते हैं। उन्हें प्रसंस्करण के लिए एमएसए शाखा को अग्रसित किया जाता है। शाखा के उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार, जनवरी 2010 से अब तक यानि पिछले 12 वर्षों में संसद सदस्यों की रेल यात्रा पर कुल 211 करोड़ 14 लाख, 55 हजार 086 रुपये का भुगतान किया गया है। जबकि लगभग 4 करोड़ 04 लाख 11 हजार 198 रुपये बकाया है।
रंजन तोमर ने बताया कि वह आरटीआई के माध्यम से वह समझना चाहते थे कि अपने चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च करने वाले माननीय कितना सरकारी पैसा रेल यात्राओं में इस्तेमाल करते हैं। अब सवाल यह भी है कि इनमें से कितनी यात्राएं सरकारी कामों के लिए होती हैं और कितनी निजी। इसका जवाब या तो माननीय जानते हैं या सरकार।