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NATIONAL POLITICS: अडाणी मामले की जांच क्यों नहीं कर रही ईडी:सौगत

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NATIONAL POLITICS: नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने बृहस्पतिवार को अडाणी समूह से जुड़े मामले का उल्लेख करते हुए लोकसभा में कहा कि सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) को इसकी जांच करनी चाहिए।

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उन्होंने अडाणी समूह का नाम लिए बगैर यह सवाल भी किया कि विपक्षी दलों के नेताओं के पीछे पड़ने वाला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस कंपनी के खिलाफ जांच क्यों नहीं कर रहा है? रॉय ने वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पर सदन में हो रही सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए यह बात कही।।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अडाणी समूह को तीन दिन में 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि सेबी को इस मामले की जांच करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया, ईडी हर विपक्षी दल के नेताओं के पीछे है, लेकिन वह इस कंपनी के खिलाफ जांच क्यों नहीं कर रही है?

चर्चा में भाग लेते हुए सौगत रॉय ने यह भी कहा कि बजट पर चर्चा हो रही है, लेकिन वित्त मंत्री सदन में मौजूद नहीं हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, वित्त मंत्री के साथ ही, रेल मंत्री को भी सदन में होना चाहिए। इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में हैं और ऐसे में उच्च सदन के सारे सदस्य वहां हैं।

रॉय ने आरोप लगाया कि कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल की उपेक्षा कर रही है, राज्य के लिए मनरेगा की राशि जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा, मनरेगा का पैसा तत्काल जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो भी रेल परियोजनाएं हैं उन्हें पूरा किया जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने आरोप लगाया, इस बजट में भविष्य को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है। यह अवसरवादी और जनविरोधी बजट है।

इससे पहले, बुधवार को शुरू हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एम भरत ने कहा कि दुनिया में कई विपरीत परिस्थतियों के बावजूद वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को अच्छी तरह संभाला है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग भी उठाई।

भरत ने कहा, आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर दिया गया और अन्याय किया गया है। राज्य के विभाजन के बाद नौ बजट आ चुके हैं, लेकिन इस राज्य का ध्यान नहीं रखा गया। बिना किसी वजह के आंध्र प्रदेश को दो हिस्सों में बांट दिया गया।
भरत ने कहा, भगवान राम को 14 साल के वनवास पर भेजा गया था उसी तरह हमारे प्रदेश के साथ 10 साल से अन्याय किया गया…हमें विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। सरकार को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम का सम्मान करना चाहिए।

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