New Delhi: वरिष्ठ साहित्यकारों की साहित्य यात्रा से कराया अवगत

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Jul 2022 11:48 PM
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New Delhi : नई दिल्ली। साहित्य संगम संस्थान दिल्ली इकाई की ओर से सोमवार को एक अनूठा साक्षात्कार एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गाय। जिसमें उन वरिष्ठ साहित्यकार रचनाकारों की साहित्यिक यात्रा का साक्षात्कार लिया जा रहा है जो कभी सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं रहे।

इस दौरान वरिष्ठ साहित्यकारा निर्मला मुक्ता टोप्पो का साक्षात्कार लिया गया। मुक्ता जी दिल्ली विकास प्राधिकरण से सेवानिवृत्त सहायक निदेशक हैं। साक्षात्कारकर्ता रहे प्रबुद्ध साहित्यकार साहित्य संगम संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार रोहित रोज ने मुक्ता टोप्पो से उनके साहित्यिक सफ़र से संबंधित, संघर्ष व सुखद अनुभवों पर वार्ता व संवाद किया और अनेक प्रश्न पूछे। टोप्पो जी ने बेहद सौम्यता के साथ सभी प्रश्नों के सहज उत्तर दिए। उन्होंने समाज को संदेश देते हुए न जाने कितनी लेखनियों को अपने संघर्षमय जीवन से प्रेरित किया। साथ ही अपनी कुछ रचनाओं का पाठ भी बहुत सुंदर ढंग से किया।

इस दौरान मुक्ता टोप्पो जी को अंगवस्त्र व बैज लगाकर, ट्राॅफी व फ्रेम जड़े खूबसूरत अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। संस्था की प्रमाणन अधिकारी संगीता मिश्रा के नेतृत्व में साक्षात्कार का साहित्य संगम साक्षात्कार मंच व कई अन्य इकाइयों में सीधा प्रसारण किया।

इस दौरान आयोजित काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता देश की जानी मानी शायरा डॉ. नेहा इलाहाबादी ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर मुक्ता टोप्पो जी व दिल्ली इकाई के परामर्शदाता डॉ. अशोक कुमार 'मयंक' जी ने मंच की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन तथा दिल्ली इकाई उपाध्यक्ष सुधा बसोर की सरस्वती वंदना से किया गया। सभी गणमान्य अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।

काव्य गोष्ठी का संचालन दिल्ली इकाई अध्यक्षा कुसुम लता 'कुसुम'जी के द्वारा किया गया। कुसुम आचार्य जी, डॉ संगीता पाहुजा, सुधा बसोर जी, मुकेश सिंह, रचना निर्मल, तरुणा पुंडीर, इंदु मिश्रा किरण, श्यामा भारद्वाज, चंचल हरेंद्र वशिष्ठ, स्नेह लता स्नेह, नीना गुप्ता व रजनी बाला उपस्थित रहे।

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आगंतुक विद्वान अतिथियों में सुरेश चंद्र सेमवाल ने शुभकामनाएँ व वक्तव्य देकर अभिभूत किया और अगली काव्य गोष्ठी में काव्य पाठ का संकल्प लिया। रोज़ी जी ने बहुत प्रेरक उद्गार व्यक्त किए और अपनी लेखनी को पुनर्जीवित करने की प्रेरणा ली। श्रीमती एक्का जी जो स्वयं प्रधानाचार्या हैं उन्होंने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और लेखन पठन की प्रेरणा को उद्घाटित किया। अर्चना नैनसी जी ने भी कार्यक्रम की सराहना में उद्गार व्यक्त किए।

कुमार रोहित रोज ने अपनी उम्दा ग़ज़ल से श्रोताओं व मंच को भावविभोर किया और संचालिका कुसुम लता 'कुसुम' ने भी अपने गीतों की सुंदर अभिव्यक्ति दी। अंत में मंचासीन अतिथियों ने आशीर्वचन व काव्यपाठ से सबको मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम अध्यक्षा कर रहे डॉ. नेहा इलाहाबादी के मुक्तक व गज़ल ने काव्य गोष्ठी को श्रेष्ठता प्रदान करते हुए चरमोत्कर्ष पर पहुँचाया। अंत में सभी कवि/कवयित्रियों को साहित्य संगम संस्थान दिल्ली इकाई ने अंगवस्त्र व अभिनंदन पत्र से सम्मानित किया।

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Kanwar Yatra 2022: महंगी हो गई कांवड यात्रा, कांवड़ियों की जेब पर पड़ेगी भारी

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Kanwar Yatra 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:01 AM
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Kanwar Yatra 2022: आगामी 14 जुलाई से सावन मास (Kanwar Yatra 2022) शुरु होने जा रहा है और इसी के साथ कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) भी शुरु हो जाएगी। कोविड के प्रकोप के चलते पिछले दो सालों से यह पवित्र यात्रा (Kanwar Yatra 2022) नहीं हो सकी थी। लेकिन इस बार शिव भक्तों को इस बार कांवड़ यात्रा महंगी पड़ने जा रही है। इस पवित्र यात्रा में भले ही कांवड़ियां पैदल चले, रास्ते में लगने वाले शिविरों में भोजन करे और आराम करें, लेकिन कांवड़ में लगने वाला सामान 20 से 30 प्रतिशत तक महंगा हो गया है।

Kanwar Yatra 2022

आपको बता दें कि आगामी 14 जुलाई 2022 से सावन का महीना शुरू होते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी, जो 12 अगस्त तक चलेगी। ऐसे में कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। कोविड़ के कारण 2 साल बाद इस बार यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में इस बार 4 करोड़ तक कांवड़िये आने की पुलिस​ को उम्मीद है। जिसके लिए एक तरफ पुलिस प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। दूसरी तरफ व्यापारी भी दुकानों में कांवड़ का सामान रखने के लिए तैयारियां शुरू कर चुके हैं। कांवड़ का सामान मुख्य रुप से हरिद्वार में बिकता है। जहां से गंगोत्री के व्यापारी भी सामान खरीदते हैं।

हरिद्वार के अलावा छोटा मोटा सामान ऋषिकेश और गंगोत्री से भी खरीदे जा सकते हैं। गंगोत्री धाम में कांवड़ का सामान बेचने वाले एक व्यापारी अनुज ने बताया कि वे हर बार कांवड़ यात्रा में कांवड़ का सामान बेचते हैं। इस बार भी कांवड़ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। लेकिन इस बार कांवड़ का सामान महंगा हो गया है। जिससे कांवड़ यात्रा पर महंगाई का असर दिखना तय है। कांवड़ यात्रा के लिए कांवड़िये को झोली, पिट्ठु, डंडे, नाड़ा, डोरी, गंगाजली, गमछे और भोले की टी शर्ट की आवश्यकता होती है। जिनके दाम इस बार 20 से 30 रुपए तक बढ़ गए हैं।

कांवड़ यात्रा में सबसे आकर्षक रहती है रंग बिरंगी और सजावटी कांवड़ जो कि कांवड़िये हरिद्वार के ज्वालापुर से ही खरीदते हैं। हर साल इन कांवड़ पर ही सबकी नजर रहती है। हर कांवड़िये अपनी कांवड़ को सबसे आकर्षक बनाने की कोशिश करता है। जिससे वह अलग दिखे। लेकिन इस बार ये कांवड़ भी दो गुनी रेट पर बिक रही हैं। कांवड़ बनाने की सामग्री महंगी होने के कारण कांवड़ के दाम दो गुने तक हो गए हैं। कांवड़ बनाने में बांस, कपड़ा, सजावट का सामान, डंडा, टोकरी, छींका आदि सभी सामग्री की जरुरत पड़ती है। जिस वजह से कारीगर भी इसके मजबूरन ज्यादा दाम वसूल रहे हैं।

हरिद्वार के ज्वालापुर में कई दशकों से कांवड़ बनाने का काम होता है। कांवड़ बनाने वाले कारीगर अपनी कई पीढ़ियों से शिवभक्तों के लिए कांवड़ बनाते आ रहे हैं। 90 प्रतिशत कारीगर मुस्लिम समाज से संबंध रखते है। 5 से 4 माह पहले कांवड़ का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है। कांवड़ 200 रुपए से लेकर 5 हजार तक की बाजार में उपलब्ध रहती थी। जो कि अब 300 से 9 हजार तक बिक रही है। इसकी वजह कांवड़ के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल महंगा मिलना है।

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Gyanvapi Case ज्ञानवापी केस की एक बार फिर होगी सुनवाई, हिंदू पक्ष ने कही ये बात 

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Gyanvapi Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:40 AM
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Gyanvapi Case : वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद केस की एक बार फिर से सुनवाई होने जा रही है। आज इस मामले की सुनवाई वाराणसी कोर्ट में होगी। हिंदू पक्ष के वकील वी जैन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपनी दलील कोर्ट में रखना जारी रखेगा। उनके अनुसार यह केस सुनवाई के लायक नहीं है,लेकिन हमारा मानना है कि इस केस पर सुनवाई होनी चाहिए और इसपर बहस होनी चाहिए। हमारी मांग है कि यहां पर प्रार्थना करने की इजाजत दी जाए जोकि पूरी तरह से कानूनी है।

Gyanvapi Case

इससे पहले 30 मई को जिला जज एके विश्वेष ने मामले की सुनवाई को 4 जुलाई तक के लिए टाल दिया था। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस केस में याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव ने कोर्ट के सामने दो घंटे तक मुस्लिम पक्ष की दलील रखी।

मुस्लिम पक्ष के ही वकील अखलाक अहमद ने कहा कि पांच हिंदू महिलाओं ने व्यक्तिगत क्षमता से केस दायर किया था,लिहाजा यह पूरे संप्रदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट 1991 की धारा 4 का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है क्योंकि 15 अगस्त 1947 के बाद प्रार्थना स्थल की यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

माना जा रहा है कि आज कोर्ट मस्जिद के भीतर हुए सर्वे का वीडिया लीक होने वाले केस पर भी सुनवाई कर सकता है। हिंदू पक्षकारों केवकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हमारे पास कई तर्क हैं यह साबित करने के लिए इस मामले पर सुनवाई जारी रहनी चाहिए, यही नहीं हमारी प्रार्थना करने की इजाजत देने की मांग भी कानूनी है।

बता दें कि इस मामले में सिविल कोर्ट में अगस्त 2021 में कुछ महिलाओं ने याचिका दायर की थी और मस्जिद की बाहरी दीवार पर बनी देवी-देवताओं की मूर्ति की पूजा करने की प्रतिदिन इजाजत मांगी थी।