New Delhi: वरिष्ठ साहित्यकारों की साहित्य यात्रा से कराया अवगत

New Delhi : नई दिल्ली। साहित्य संगम संस्थान दिल्ली इकाई की ओर से सोमवार को एक अनूठा साक्षात्कार एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गाय। जिसमें उन वरिष्ठ साहित्यकार रचनाकारों की साहित्यिक यात्रा का साक्षात्कार लिया जा रहा है जो कभी सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं रहे।
इस दौरान वरिष्ठ साहित्यकारा निर्मला मुक्ता टोप्पो का साक्षात्कार लिया गया। मुक्ता जी दिल्ली विकास प्राधिकरण से सेवानिवृत्त सहायक निदेशक हैं। साक्षात्कारकर्ता रहे प्रबुद्ध साहित्यकार साहित्य संगम संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार रोहित रोज ने मुक्ता टोप्पो से उनके साहित्यिक सफ़र से संबंधित, संघर्ष व सुखद अनुभवों पर वार्ता व संवाद किया और अनेक प्रश्न पूछे। टोप्पो जी ने बेहद सौम्यता के साथ सभी प्रश्नों के सहज उत्तर दिए। उन्होंने समाज को संदेश देते हुए न जाने कितनी लेखनियों को अपने संघर्षमय जीवन से प्रेरित किया। साथ ही अपनी कुछ रचनाओं का पाठ भी बहुत सुंदर ढंग से किया।
इस दौरान मुक्ता टोप्पो जी को अंगवस्त्र व बैज लगाकर, ट्राॅफी व फ्रेम जड़े खूबसूरत अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। संस्था की प्रमाणन अधिकारी संगीता मिश्रा के नेतृत्व में साक्षात्कार का साहित्य संगम साक्षात्कार मंच व कई अन्य इकाइयों में सीधा प्रसारण किया।
इस दौरान आयोजित काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता देश की जानी मानी शायरा डॉ. नेहा इलाहाबादी ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर मुक्ता टोप्पो जी व दिल्ली इकाई के परामर्शदाता डॉ. अशोक कुमार 'मयंक' जी ने मंच की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन तथा दिल्ली इकाई उपाध्यक्ष सुधा बसोर की सरस्वती वंदना से किया गया। सभी गणमान्य अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।
काव्य गोष्ठी का संचालन दिल्ली इकाई अध्यक्षा कुसुम लता 'कुसुम'जी के द्वारा किया गया। कुसुम आचार्य जी, डॉ संगीता पाहुजा, सुधा बसोर जी, मुकेश सिंह, रचना निर्मल, तरुणा पुंडीर, इंदु मिश्रा किरण, श्यामा भारद्वाज, चंचल हरेंद्र वशिष्ठ, स्नेह लता स्नेह, नीना गुप्ता व रजनी बाला उपस्थित रहे।
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आगंतुक विद्वान अतिथियों में सुरेश चंद्र सेमवाल ने शुभकामनाएँ व वक्तव्य देकर अभिभूत किया और अगली काव्य गोष्ठी में काव्य पाठ का संकल्प लिया। रोज़ी जी ने बहुत प्रेरक उद्गार व्यक्त किए और अपनी लेखनी को पुनर्जीवित करने की प्रेरणा ली। श्रीमती एक्का जी जो स्वयं प्रधानाचार्या हैं उन्होंने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और लेखन पठन की प्रेरणा को उद्घाटित किया। अर्चना नैनसी जी ने भी कार्यक्रम की सराहना में उद्गार व्यक्त किए।
कुमार रोहित रोज ने अपनी उम्दा ग़ज़ल से श्रोताओं व मंच को भावविभोर किया और संचालिका कुसुम लता 'कुसुम' ने भी अपने गीतों की सुंदर अभिव्यक्ति दी। अंत में मंचासीन अतिथियों ने आशीर्वचन व काव्यपाठ से सबको मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम अध्यक्षा कर रहे डॉ. नेहा इलाहाबादी के मुक्तक व गज़ल ने काव्य गोष्ठी को श्रेष्ठता प्रदान करते हुए चरमोत्कर्ष पर पहुँचाया। अंत में सभी कवि/कवयित्रियों को साहित्य संगम संस्थान दिल्ली इकाई ने अंगवस्त्र व अभिनंदन पत्र से सम्मानित किया।
New Delhi : नई दिल्ली। साहित्य संगम संस्थान दिल्ली इकाई की ओर से सोमवार को एक अनूठा साक्षात्कार एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गाय। जिसमें उन वरिष्ठ साहित्यकार रचनाकारों की साहित्यिक यात्रा का साक्षात्कार लिया जा रहा है जो कभी सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं रहे।
इस दौरान वरिष्ठ साहित्यकारा निर्मला मुक्ता टोप्पो का साक्षात्कार लिया गया। मुक्ता जी दिल्ली विकास प्राधिकरण से सेवानिवृत्त सहायक निदेशक हैं। साक्षात्कारकर्ता रहे प्रबुद्ध साहित्यकार साहित्य संगम संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार रोहित रोज ने मुक्ता टोप्पो से उनके साहित्यिक सफ़र से संबंधित, संघर्ष व सुखद अनुभवों पर वार्ता व संवाद किया और अनेक प्रश्न पूछे। टोप्पो जी ने बेहद सौम्यता के साथ सभी प्रश्नों के सहज उत्तर दिए। उन्होंने समाज को संदेश देते हुए न जाने कितनी लेखनियों को अपने संघर्षमय जीवन से प्रेरित किया। साथ ही अपनी कुछ रचनाओं का पाठ भी बहुत सुंदर ढंग से किया।
इस दौरान मुक्ता टोप्पो जी को अंगवस्त्र व बैज लगाकर, ट्राॅफी व फ्रेम जड़े खूबसूरत अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। संस्था की प्रमाणन अधिकारी संगीता मिश्रा के नेतृत्व में साक्षात्कार का साहित्य संगम साक्षात्कार मंच व कई अन्य इकाइयों में सीधा प्रसारण किया।
इस दौरान आयोजित काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता देश की जानी मानी शायरा डॉ. नेहा इलाहाबादी ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर मुक्ता टोप्पो जी व दिल्ली इकाई के परामर्शदाता डॉ. अशोक कुमार 'मयंक' जी ने मंच की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन तथा दिल्ली इकाई उपाध्यक्ष सुधा बसोर की सरस्वती वंदना से किया गया। सभी गणमान्य अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।
काव्य गोष्ठी का संचालन दिल्ली इकाई अध्यक्षा कुसुम लता 'कुसुम'जी के द्वारा किया गया। कुसुम आचार्य जी, डॉ संगीता पाहुजा, सुधा बसोर जी, मुकेश सिंह, रचना निर्मल, तरुणा पुंडीर, इंदु मिश्रा किरण, श्यामा भारद्वाज, चंचल हरेंद्र वशिष्ठ, स्नेह लता स्नेह, नीना गुप्ता व रजनी बाला उपस्थित रहे।
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आगंतुक विद्वान अतिथियों में सुरेश चंद्र सेमवाल ने शुभकामनाएँ व वक्तव्य देकर अभिभूत किया और अगली काव्य गोष्ठी में काव्य पाठ का संकल्प लिया। रोज़ी जी ने बहुत प्रेरक उद्गार व्यक्त किए और अपनी लेखनी को पुनर्जीवित करने की प्रेरणा ली। श्रीमती एक्का जी जो स्वयं प्रधानाचार्या हैं उन्होंने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और लेखन पठन की प्रेरणा को उद्घाटित किया। अर्चना नैनसी जी ने भी कार्यक्रम की सराहना में उद्गार व्यक्त किए।
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