New Delhi News नई दिल्ली। लोकपाल ने महुआ मोइत्रा मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। ऐसा कहना है भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का। संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोपों का सामना TMC सांसद महुआ मोइत्रा इस समय कर रही हैं। निशिकांत दुबे ने X पर लिखा है कि लोकपाल ने मेरे कम्प्लेन पर आरोपी सांसद महुआ मोइत्रा के भ्रष्टाचार मामले पर CBI इन्क्वायरी का आदेश दे दिया है। दूसरी ओर निशिकांत दुबे की पोस्ट के बाद महुआ ने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- CBI पहले 13 हजार करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में अडाणी पर FIR करे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का असली मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध FPI स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अडाणी की कंपनियां गृह मंत्रालय से क्लियरेंस के बाद पोर्ट-एयरपोर्ट खरीद रही हैं। क्या लोकपाल को सिर्फ मेरे केस के लिए जिंदा किया गया है। गंभीर सवाल यह है कि कितने पत्रकारों को यह भी पता था कि मोदी के भारत में एक लोकपाल भी काम कर रहा है? इस केस में नई जांच लोकपाल से कम नहीं है। यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मोदीजी का लोकपाल अस्तित्व में है। कुछ चुनिंदा लोगों को ही इसके बारे में जानकारी कैसे मिली। लोकपाल ऑफिस ने बयान जारी क्यों नहीं किया?
कमेटी में नैतिकता नहीं बची :
महुआ ने कहा- समिति को एथिक्स कमेटी (आचार समिति) के बजाय कोई अन्य नाम देना चाहिए, क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है। चेयरमैन ने दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक तरीके से सवाल किए। वहां मौजूद 11 में से 5 सदस्यों ने पूछताछ का बहिष्कार किया
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लोकसभा स्पीकर को महुआ ने लेटर लिखा:
चेयरमैन विनोद सोनकर का बर्ताव अनैतिक, घिनौना और पूर्वाग्रह से भरा इस चिट्ठी में बताया है। महुआ ने ये अनुरोध भी किया कि पोर्टल के लॉगिन और पासवर्ड को साझा करने वाले नियमों का खुलासा करें। ये कभी सांसदों को क्यों नहीं बताए जाते। यदि वे (नियम) थे तो हरेक सांसद इस ID और लॉगिन को कई लोगों के साथ साझा क्यों कर रहा है?
गरिमा को तार-तार करने वाले प्रश्न पूछे :
मैंने बार-बार विरोध जताया, ये कार्यवाही के रिकॉर्ड में है। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष मुझसे मुद्दे से संबंधित प्रासंगिक कोई भी सवाल जैसे लॉगिन, गिफ्ट लेने के आरोप…लेकिन इन पर कोई प्रश्न नहीं हुआ। एक महिला के रूप में मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले व्यक्तिगत सवाल पूछे गए।
‘चेयरमैन पूछते हैं- रात में किससे बात करती हैं‘ :
महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए गुरुवार दोपहर 3:35 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले। जब इनसे गुस्से का कारण पूछा गया तो दानिश अली बोले- चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं। ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है।
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