Sunday, 6 October 2024

New Parliament Inauguration : नई संसद का श्रीगणेश

New Parliament Inauguration : नर्ई दिल्ली। स्वतंत्र भारत के 75 साल बाद आज देश की नई संसद का श्रीगणेश हो…

New Parliament Inauguration :  नई संसद का श्रीगणेश

New Parliament Inauguration : नर्ई दिल्ली। स्वतंत्र भारत के 75 साल बाद आज देश की नई संसद का श्रीगणेश हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने दोपहर 12.55 पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल से निकलकर नई संसद में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व अन्य सांसदों के साथ ठीक 01.01 मिनट पर नई संसद में प्रवेश किया। नई संसद में 1.15 पर कार्यवाही शुरू हुई। अब पुरानी संसद की 75 साल की गाथा पर विराम लग गया है।

New Parliament Inauguration

आज पुरानी संसद का आखिरी दिन था। देश को आजादी के 75 साल बाद आज नया संसद भवन मिल गया। विशेष सत्र में पुरानी संसद के विदाई भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने और तीन तलाक जैसे मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने सांसदों से कहा कि पुरानी संसद की गरिमा खत्म न होने पाए। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन का नाम ‘संविधान सदन’ रखा। आज सुबह पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम रखा गया जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मौजूद रहे। संसद के सेंट्रल हॉल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सभी सांसदों ने स्वागत किया।

वहीं प्रधानमंत्री भी सभी सांसदों के पास जाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, ये भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है। 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।

पीएम ने कहा, संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया। इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसी संसद की वजह से मुस्लिम माताओं-बहनों को न्याय मिला, ‘तीन तलाक’ का विरोध करने वाला कानून एकजुट होकर यहां से पारित हुआ।

पीएम ने कहा, आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढऩे का कोई मौका अब छोडऩा नहीं चाहते। हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लडऩे का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है। जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज तक, लोकसभा और राज्यसभा द्वारा संयुक्त रूप से 4,000 से अधिक कानून पारित किए गए हैं। इसके अलावा दहेज निषेध कानून और आतंकवाद विरोधी कानून जैसे कई महत्वपूर्ण कानून संसद के संयुक्त सत्र के दौरान और इसी सेंट्रल हॉल में ही पारित किये गये हैं।

पीएम ने कहा, ‘मैंने लाल किले से कहा था- यही समय है, सही समय है। एक के बाद एक घटनाओं पर नजर डालें तो हर एक घटना इस बात की गवाह है कि आज भारत एक नई चेतना के साथ जाग उठा है। भारत एक नई ऊर्जा से भर गया है. यही चेतना और ऊर्जा करोड़ों लोगों के सपनों को संकल्प में बदल सकती है और उन संकल्पों को हकीकत में बदल सकती है…।’

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पीएम मोदी ने कहा, अमृतकाल के 25 वर्षों में भारत को अब बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को सबसे पहले परिपूर्ण करना चाहिए।

उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि दुनिया में भारत का युवा अग्रिम पंक्ति में खड़ा दिखे। भारत दुनिया की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है और जरूरत को पूरा कर कर अपनी जगह भी बना सकता है। भारत के नौजवानों का सामर्थ्य ढंका बचाने में कमी नहीं छोड़ेगा।

पीएम ने कहा, हमें ये सुनिश्चित करना है कि संसद का हर कानून, संसद की हर चर्चा, संसद का हर संदेश भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला हो! ऐसा करना हमारा कर्तव्य है, हमारी जिम्मेदारी है! हमारा देश हमसे यही अपेक्षा करता है और हमें इसे पूरा करना सुनिश्चित करना चाहिए।

हम गरीब को, दबे कुचले को सुविधा दें तो यह सामाजिक न्याय है। लेकिन अगर उसके घर के पास तक सडक़ बन जाए, बच्चे पढ़ाने के लिए स्कूल खुल जाए, तो ये भी सामाजिक न्याय ही है। अगर देश का कोई हिस्सा विकास से पीछे छूट जाए तो ये भी सामाजिक न्याय के खिलाफ है। New Parliament Inauguration

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