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क्या पत्रकारों पर दमन का विरोध सिर्फ़ पत्रकारों को करना चाहिये? पत्रकारों ने CJI को लिखा पत्र

NewsClick Raids

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NewsClick Raids : न्यूज़ क्लिक के पत्रकारों पर ED की रेड मामले में बड़ी संख्या में पत्रकार कल दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में एकत्र हुए और उन्होंने इस मामले में CJI को एक पत्र भी लिखा है। पत्र लिखकर मीडिया कर्मियों ने CJI को कहा है कि “पत्रकारिता पर आतंकवाद का मामला नहीं बनाया जा सकता” साथ ही साथ मीडिया के खिलाफ जांच एजेंसियोंयों के दमनकारी इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। बुधवार को प्रेस क्लब में बड़ी संख्या में पत्रकार एकत्रित हुए। वह जंतर मंतर तक मार्च भी निकालना चाहते थे लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें इस मार्च की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे में प्रेस क्लब में ही पत्रकारों ने एकत्र होकर जांच एजेंसी द्वारा मीडिया की आवाज दबाने को लेकर चर्चा की और CJI को पत्र पर लिख कर अपनी बात पहुंचाई। सीजेआईको जो पत्र लिखा गया है उसकी कॉपी हम यहां पेश कर रहे हैं।

 

आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल न्यूज़ क्लिक से जुड़े 46 लेखको,संपादको और पत्रकारों के घरों की तलाशी ली थी उनके मोबाइल फोन लैपटॉप इत्यादि गैजेट्स भी जब्त कर लिए गए थे और साथ ही गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA  के तहत दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया । खत में CJI को लिखा गया है कि “पत्रकारिता पर आतंकवाद का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।  इतिहास में ऐसे कई उदाहरण है जो हमें बताते हैं कि आखिरकार यह कहां जाता है। खत में आगे लिखा है आपने सुप्रीम कोर्ट में देखा है कि कैसे प्रेस के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी का गलत इस्तेमाल किया जाता है पत्रकारों और रिपोर्टर पर राजद्रोह और आतंकी होने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कर लिया जाता है ऐसे मुकदमों का इस्तेमाल पत्रकारों का उत्पीड़न करने के लिए किया जाता है”

NewsClick Raids  चीन द्वारा फंडिंग को लेकर लगे आरोपों पर न्यूज़ क्लिक ने अपनी सफाई में कहा है:

“1. न्यूज़क्लिक एक स्वतंत्र समाचार वेबसाइट है।

2. हमारी पत्रकारिता सामग्री पेशे के उच्चतम मानकों पर आधारित है।

3. न्यूज़क्लिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी चीनी इकाई या प्राधिकारी के आदेश पर कोई समाचार या जानकारी प्रकाशित नहीं करता है।

4. न्यूज़क्लिक अपनी वेबसाइट पर चीन के किसी प्रोपेगेंडा का प्रचार नहीं करता है।

5. न्यूज़क्लिक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री के संबंध में नेविल रॉय सिंघम से निर्देश नहीं लेता है।

6. न्यूज़क्लिक को प्राप्त सभी फंडिंग उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से की गई है और कानून द्वारा अपेक्षित संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है जैसा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रमाणित किया गया है।

न्यूज़क्लिक वेबसाइट पर अब तक प्रकाशित सभी पत्रकारिता सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध है और इसे कोई भी देख सकता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक भी लेख या वीडियो का जिक्र नहीं किया है जिसे वे चीनी प्रचार मानते हैं। दरअसलदिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा अपनाई गई पूछताछ की शैली – दिल्ली दंगोंकिसानों के विरोध प्रदर्शन आदि पर रिपोर्ट के संबंध मेंसभी वर्तमान कार्यवाही के पीछे प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण इरादे को प्रदर्शित करती है।

हमें न्यायालयों और न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। हम भारत के संविधान के अनुसार अपनी पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अपने जीवन के लिए लड़ेंगे।”

प्रेस क्लब में मौजूद एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा : आज प्रेस क्लब में हुई प्रतिरोध सभा में राजनेताओं में सिर्फ़आरजेडी के सांसद प्रो मनोज झा नज़र आये. बाकी राजनीतिक पार्टियों, समाज के दूसरे तबकों को भी साथ खड़े होना चाहिये था.संविधान सभा में जब विचारों की आजादी के आर्टिकल 19 पर बहस हो रही थी तब प्रेस की आजादी का अलग से ज़िक्र नहीं किया गया.
डॉ आंबेडकर और पं नेहरु का तर्क था कि सिर्फ़ प्रेस की आजादी को रखा जाये और भविष्य की सरकारें प्रेस का दमन करेंगी तो सिर्फ़ कुछ पत्रकार अपनी आजादी बचाने की लड़ाई नहीं लड़ पायेंगे.आर्टिकल 19 1 (A) के तहत प्रेस की आज़ादी पर दमन सभी नागरिकों की बोलने की आज़ादी का दमन माना जायेगा.जो डॉ आंबेडकर और नेहरु का डर था वो सच साबित हो रहा है.
साल भर पत्रकार आपकी आजादी के लिये लिखते-बोलते हैं, उसकी कीमत भी चुकाते हैं और आप एक दिन भी साथ नहीं खड़े हो सकते – वो भी उस अधिकार के लिये जो आपका भी है.
सोचिएगा. NewsClick Raids

Raid On Newsclick: Breaking: दिल्ली पुलिस की न्यूज़क्लिक और उसके पत्रकारों पर छापेमारी

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