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देश में कोरोना से बिगड़ते हालात पर नीति आयोग की चेतावनी

कोविड-19

देश में कोरोना की स्थिति एक बार फिर खराब होती जा रही है। कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर नीति आयोग की एक रिपोर्ट पहले ही आशंका जता चुकी है कि सितंबर और अक्टूबर के माह में कोरोना एक बार फिर घातक साबित होगा। केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कोरोनी की थर्ड वेव के दौरान युवा और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। ऐसे में सरकार को ज्यादा से ज्यादा मेडिकल संसाधनों का पहले से ही इंतजाम करने की सलाह दी गई है। आयोग ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि बच्चों के लिए 2 लाख से अधिक आईसोलेशन बेड्स की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली जाए, जबकि युवाओं के लिए इनसे भी अधिक ऑक्सीजन लैस आइसोलेशन वार्ड्स की व्यवस्था की जाए।


वहीं, दूसरी तरफ अगर देश के मौजूदा हालात पर बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त हिंदुस्तान में कुल 3 लाख 78 हजार 181 सक्रिय मामले हैं जबकि 4 लाख 39 हजार 20 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हुई है। अब बात करें पिछले 24 घंटों में दर्ज किए गए कोरोना मामलों की तो कुल 41 हजार 965 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं जबकि 460 लोगों ने कोरोना संक्रमण के चलते दुनिया को अलविदा कह दिया है।


इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा चिंता का विषय अगर कोई राज्य बना हुआ है तो वह केरल है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से रिपोर्ट किए जा रहे मामलों में सबसे अधिक मामले केरल में ही मिल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में दर्ज किए जा रहे कोरोना के कुल मामलों में 70 से 80 प्रतिशत केस केरल से ही हैं। बता दें, बुधवार को जो आंकड़े पेश किए गए हैं उनमें 30 हजार मामले सिर्फ केरल से ही हैं। वहीं, कुल मौतों में करीब 300 मौतें भी केरल में ही हुई हैं। ऐसे में एक बार फिर कोरोना ने राज्य में भयावह रुप ले लिय़ा है। ताजा अपडेट्स के अनुसार इस वक्त केरल में 2 लाख 18 हजार 892 सक्रिय मामले हैं जबकि 20 हजार 788 लोगों की कोविड से मौत हो चुकी है।


गौरतलब है, देश में कोरोना इस स्थिति का जिम्मेदार केरल को ही ठहराया जा रहा है। वहां की लाचार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते पूरे देश में माहौल असुरक्षित बना हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ लोगों के बीच कोविड को लेकर हो रही लापरवाही इसका सबसे बड़ा कारण बनी हुई है। आज भी लोग बिना मास्क और सेनेटाइजर के घूमने में अपनी शान समझते हैं। ऐसे में कोविड का कहर बरपाना तो तय है।

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