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Orphan Children In India: भारत में 3 करोड़ से ज्यादा अनाथ बच्चे, ‘गोद’ लेने वाले बहुत कम

Orphan Children In India

देश में अनाथ बच्‍चों की संख्‍या अधिक.

विनय संकोची

भारत में अनाथ और माता पिता के द्वारा गरीबी व अन्य कारणों के चलते बेसहारा छोड़ दिए गए बच्चों की संख्या (Orphan Children In India) तीन करोड़ से ज्यादा है। जबकि नि:संतान दंपत्तियों की संख्या अनाथ बच्चों से कहीं ज्यादा है। फिर भी अनाथों को गोद लेने वालों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम है। अनाथों (Orphan Children) में उन बच्चों की संख्या ज्यादा है, जिनके निर्धन मां-बाप ने उनके पालन-पोषण का बोझ नहीं उठा पाने के चलते उन्हें बेसहारा छोड़ दिया। ऐसे बच्चे कई बार ट्रैफिकिंग और यौन शोषण का शिकार होते हैं। आश्चर्य होता है कि इतनी भारी-भरकम संख्या में अनाथ बच्चे होने के बावजूद बच्चे गोद लिए जाने की दर अपने देश में बहुत कम है। इसका सबसे बड़ा कारण बच्चों को गोद लिए जाने की प्रक्रिया का बेहद जटिल होना है कोरोना की महामारी के बाद तो बच्चों को गोद लेना और अधिक मुश्किल हो गया है।

अनाथ बच्चों (Orphan Children In India) को बाल-श्रम में धकेल दिए जाने की आशंका सबसे अधिक रहती है। इसके अतिरिक्त उनके गलत हाथों में पड़ कर अपराधी बन जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। अनाथ आश्रमों में कथित दुराचार के समाचार भी गाहे-बगाहे आते ही रहते हैं। ऐसी भी घटनाएं यदा-कदा सुनने में आती रहती हैं कि गोद लिए बच्चे को घर में नौकर बना कर रख दिया गया। अनाथ बच्चों की तस्करी के मामले भी प्रकाश में आते रहते हैं। सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि तमाम लोग गोद लिए बच्चों को जी जान से ज्यादा चाहते हैं और उनका अपने से भी ज्यादा ध्यान रखते हैं, उन पर हृदय की गहराइयों से प्रेम और स्नेह लुटाते हैं। लेकिन इसी सबके बीच गोद लेकर बच्चों को बेच देने की घटनाएं भी कभी-कभार सुनने में आती रहती हैं।

बच्चों को गोद लेने में धन का लेन-देन कानूनन अपराध की श्रेणी में ही आता है। सच तो यही है कि बच्चों को गोद लेने में पैसे के लेन-देन का किसी तरह का कोई प्रावधान ही नहीं है। बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया जटिल अवश्य है और यह शायद इसलिए कि जरूरतमंद ही बच्चे को गोद लें और बच्चे गलत हाथों में ना पड़े।

ये हैं नियम

संभावित मां-बाप को अनाथ बच्चा गोद दिए जाने के नियमों में सबसे पहला है कि वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तथा आर्थिक दृष्टि से सक्षम हों। इसी के साथ यह प्रमाणित होना भी अनिवार्य है कि संभावित मां-बाप किसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं।

बच्चा गोद लेने वालों के लिए कुछ अनिवार्य शर्तें और भी हैं जैसे – अगर संभावित अभिभावक विवाहित हैं, तो उन दोनों की आपसी सहमति होना जरूरी है। संभावित मां-बाप अगर दो साल से ज्यादा वक्त से शादीशुदा हैं, तभी वह बच्चा गोद ले सकते हैं। बच्चा गोद लेने के लिए मां-बाप की उम्र एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके तहत कम उम्र के बच्चे को गोद लेने के लिए मां-बाप की औसत आयु भी कम होनी चाहिए। संभावित माता-पिता और गोद लिए बच्चे के बीच कम से कम 25 वर्ष का अंतर होना आवश्यक है।

एक सिंगल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है लेकिन एक सिंगल पुरुष सिर्फ लड़के को ही गोद ले सकता है। जिन लोगों के पहले से ही तीन या इससे अधिक बच्चे हैं, वे लोग बच्चा गोद लेने के लिए योग्य नहीं है। परंतु विशेष परिस्थिति में वे भी बच्चा गोद ले सकते हैं। यदि इच्छुक व्यक्ति का कोई बच्चा पहले से ही है और उसकी उम्र पांच साल से ज्यादा है, तो उसकी सहमति भी अनिवार्य है अनाथ बच्चों को निसंतान दंपत्ति गोद लेकर उनका जीवन संवार सकते हैं।

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